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बिहार के किशनगंज पहुंचे राहुल, नीतीश और सरकार बदलने पर चुप रहे 

बिहार के किशनगंज पहुंचे राहुल, नीतीश और सरकार बदलने पर चुप रहे 

कांग्रेस पार्टी की ओर से निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल से बिहार पहुंच गई है। सोमवार को यह यात्रा पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर से बिहार के किशनगंज जिले में प्रवेश कर गई है। 

कांग्रेस पार्टी की ओर से निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल से बिहार पहुंच गई है। सोमवार को यह यात्रा पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर से बिहार के किशनगंज जिले में प्रवेश कर गई है। 

किशनगंज पहुंचने पर यहां के एक स्टेडियम में राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने जहां एक ओर भाजपा-आरएसएस पर जमकर निशाना साधा वहीं दूसरी तरफ बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन या नीतीश कुमार पर कुछ नहीं बोला है। 

उन्होंने नीतीश कुमार पर कोई टिप्पणी करने से परहेज किया है। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में एक शब्द भी बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन या नीतीश कुमार पर नहीं बोला। 

बिहार में रविवार को हुए सत्ता परिवर्तन के बाद उम्मीद थी कि राहुल बिहार पहुंचने पर इस मुद्दे पर कुछ बोलेंगे। 

बिहार पहुंचे राहुल ने किशनगंज में कहा कि भाजपा ने देश के सामने नफरत और हिंसा की विचारधारा रखी है, उसके खिलाफ हम मोहब्बत की विचारधारा लेकर आए हैं। 

इस नफरत की विचारधारा के कारण भाई-भाई से लड़ रहा है। एख धर्म का व्यक्ति दूसरे धर्म के व्यक्ति से लड़ रहा है। भाषाओं के बीच लड़ाई हो रही है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि ये देश मोहब्बत का है। नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खुलनी चाहिए। नफरत को नफरत नहीं काट सकती, नफरत को सिर्फ मोहब्बत से ही खत्म किया जा सकता है। 

राहुल गांधी ने कहा कि एक तरफ भाजपा-आरएसएस के लोग नफरत से देश को बांटने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हम मोहब्बत की बात करते हैं। पिछले साल हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक 'भारत जोड़ो यात्रा' की थी। लोगों ने हमसे पूछा कि इस यात्रा का लक्ष्य क्या है और इसे आप पैदल क्यों कर रहे हैं?

हमने कहा- देश में आरएसएश-भाजपा की विचारधारा ने हिंसा और नफरत फैला रखी है। इसलिए हमने 'नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान' खोलने के लिए यह यात्रा निकाली। हिन्दुस्तान की राजनीति पर इस यात्रा का बहुत बड़ा असर पड़ा था। 

राहुल गांधी ने कहा कि हिन्दुस्तान की सरकार को 90 अफसर चलाते हैं, देश के पूरे बजट का निर्णय यही अफसर लेते हैं। लेकिन इन 90 अफसरों में ओबीसी वर्ग के सिर्फ 3 लोग हैं। इसलिए हमने सामाजिक न्याय के लिए एक क्रांतिकारी काम करने का निर्णय लिया है।

पूरे देश को पता चलना चाहिए कि हिन्दुस्तान में कितने ओबीसी, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं। इसलिए जाति जनगणना बेहद जरूरी है। इस यात्रा में हमने 'न्याय' शब्द जोड़ दिया है।

उन्होंने कहा कि, आज के हिन्दुस्तान में गरीब व्यक्ति को आर्थिक और सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा है। इस कारण देश प्रगति नहीं कर पा रहा है। मोदी सरकार खेती और मजदूरी करने वालों की मदद नहीं करती, उनके लिए बैंक के दरवाजे बंद रहते हैं, लेकिन चुनिंदा अरबपतियों के लिए सरकार के सारे दरवाजे खुले होते हैं। 

जब हमने 'भारत जोड़ो यात्रा' पूरी की, तब कई लोगों ने हमसे कहा कि एक यात्रा नॉर्थ ईस्ट से लेकर महाराष्ट्र तक होनी चाहिए। जिसके बाद हमने 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' निकाली। इस यात्रा की शुरूआत मणिपुर से हुई, जहां हमने भाजपा की विचारधारा को अपनी आखों से देखा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मणिपुर में भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है। वहां अभी भी हिंसा जारी है, लेकिन हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री आज तक मणिपुर नहीं गए।  

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