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100 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊँचाई पर भारत-चीन व्यापार और राहुल का तंज

100 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊँचाई पर भारत-चीन व्यापार और राहुल का तंज

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत-चीन दोतरफा व्यापार के रिकॉर्ड ऊँचाई पर होने पर मोदी सरकार को जुमले की सरकार कह कर तंज क्यों किया है, बीजेपी ने चीनी उत्पादों के बॉयकॉट की बात क्यों कही थी?

ऐसे  समय जब चीन ने भारतीय सीमा से सटे इलाक़ों में एक बार फिर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि क्या बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों ने चीनी उत्पादों के बॉयकॉट की बात सिर्फ दिखावे के लिए की थी। उन्होंने इसके साथ ही एक खबर ट्वीट में अटैच किया है, जिसमें कहा गया है कि साल 2021 में चीन से व्यापार 100 अरब डॉलर से ज़्यादा हुआ है।

राहुल गांधी ने इस खबर के आधार पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा है और कहा है कि यह सरकार 'सिर्फ झूठ, ढोंग और दिखावा' करती है। उन्होंने इसे 'जुमलों की सरकार' बताते हुए कहा है कि अब 'झोला उठाने' का समय आ गया है।

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कांग्रेस ने इसके जरिए नरेंद्र मोदी पर तंज किया है क्योंकि प्रधानमंत्री ने एक बार एक कायक्रम में कहा था, "मैं तो फकीर हूं, झोला उठाऊँगा, चल दूँगा।" 

भारत-चीन दोतरफा व्यापार

इसके साथ ही एक बार इस पर नज़र डालना ज़रूरी है कि वित्तीय वर्ष 2020-2021 के दौरान भारत-चीन दोतरफा व्यापार की क्या स्थिति रही। 

चीन के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स के आँकड़ों के अनुसार, 

2021 में जनवरी से नवंबर के बीच भारत और चीन के बीच का द्विपक्षीय व्यापार 114.263 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। यह पिछले साल के इसी दौरान के व्यापार से 46 प्रतिशत ज़्यादा है।

ज़्यादा बढ़ा निर्यात

इस दौरान चीन को निर्यात में 38.5 फीसदी की वृद्धि हुई है, भारत ने 26.358 अरब डॉलर का सामान चीन को बेचा है। लेकिन इस दरम्यान भारत ने चीन से 87.905 अरब डॉलर का  सामान आयात किया है। यह पिछले साल के इसी दौरान हुए आयात से 49 प्रतिशत ज्यादा है। 

भारत-चीन दोतरफा व्यापार अपने रिकॉर्ड ऊँचाई पर है, यानी दोतरफा व्यापार 100 डॉलर के पार पहली बार हुआ है। लेकिन इसमें अहम यह है कि निर्यात में जो वृद्धि हुई है, उससे ज़्यादा वृद्धि आयात में हुई है।

इसके साथ ही भारत-चीन व्यापार घाटा भी बढ़ा है। जनवरी 2021 और नवंबर 2021 के बीच व्यापार घाटे में 53.49 प्रतिशत की बढोतरी हुई है। यह व्यापार घाटा बढ़ कर 61.547 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है।

'मेक इन इंडिया' फ्लॉप

इसके साथ यह भी साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी धूम धाम से जिस 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की थी और जिस तरह 'लुक ईस्ट और 'एक्ट ईस्ट' का ढिंढोरा पीटा था, वह बेकार हुआ। 

राहुल गांधी का यह कहना अहम इसलिए है कि बीजेपी, आरएसएस, स्वदेशी जागरण मंच और दूसरे संगठनों ने चीनी उत्पादों के बॉयकॉट की अपील की थी। इन संगठनों ने जगह- जगह चीनी उत्पादों की होली जलाई थी और उसे सीधे राष्ट्रवाद से जोड़ दिया था। सोशल मीडिया पर धूम मची थी और लोगों से चीनी सामान नहीं खरीदने को कहा जा रहा था। 

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चीनी उत्पादों की होली जलाई गई थी।

चीनी उत्पादों के बायकॉट की अपील

याद दिला दें कि पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता जॉय बनर्जी ने लोगों से अपील की थी कि वे चीनी उत्पादों का बहिष्कार करें। बनर्जी ने कहा था कि जो लोग इनका इस्तेमाल जारी रखते हैं, उनकी टांगें तोड़ दी जानी चाहिए और उनके घरों में तुरंत तोड़फोड़ की जानी चाहिए। 

गलवान में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद देश भर में चीन के ख़िलाफ़ गुस्सा था। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, बनर्जी ने कहा था, ‘चीन को सबक सिखाया जाना ज़रूरी है और ऐसा चीनी उत्पादों का इस्तेमाल करके किया जाना चाहिए। हमें हर चीनी सामान का बहिष्कार करना चाहिए।’

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इसके अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर राज्य के लोगों से कहा था कि वे चीन में बने सभी सामानों का बहिष्कार करें और अपने यहां निर्मित सामानों को प्राथमिकता दें। चौहान ने कहा कि हमारी सेना भी चीन को जवाब देगी, लेकिन आर्थिक रूप से भी हम भी उसको तोड़ेंगे। 

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