असम के मंदिर में राहुल गांधी को आने से रोका गया, धरने पर बैठे
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार 22 जनवरी को आरोप लगाया कि असम में अधिकारियों ने उन्हें नगांव में 15वीं शताब्दी के असमिया संत और विद्वान श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान बताद्रवा सत्र मंदिर में जाने से रोक दिया है। राहुल ने अपने ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों पर सवाल उठाते हुए कहा, "हम मंदिर जाना चाहते हैं। मैंने क्या अपराध किया है कि मैं मंदिर नहीं जा सकता?" उन्होंने कहा, "हम कोई समस्या पैदा नहीं करना चाहते, हम बस मंदिर में प्रार्थना करना चाहते हैं।" रोके जाने का विरोध करने के लिए मंदिर के सामने ही राहुल गांधी धरने पर बैठ गए। उनके साथ चल रहे सैकड़ों यात्री और कांग्रेस कार्यकर्ता भी जमीन पर बैठ गए। इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक राहुल का धरना जारी था।
Rahul Gandhi ji along with party workers sit on dharna after being stopped from visiting local temple in Nagaon, Assam.#RahulGandhi
— Sunitajadhav (@sunmor2901) January 22, 2024
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असम में अभी तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा के रास्ते में काफी रोड़े अटकाए गए हैं। कांग्रेस का कहना है कि अभी तक दो जगह इस यात्रा पर हमला हो चुका है। यह सब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के इशारे पर हो रहा है। इसके पीछे भाजपा और उसके संगठनों से जुड़े लोग हैं। लेकिन यात्रा किसी भी कीमत पर नहीं रुकेगी। राहुल असम के सीएम को भ्रष्ट बता चुके हैं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह के साथ संभावित टकराव की चिंताओं का हवाला देते हुए राहुल से अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के मार्ग पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। राहुल गांधी ने सुबह कहा- अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय करेंगे कि मंदिर में कौन जाएगा। उन्होंने कहा, ''मंदिर में केवल एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सकता है।'' घटना के बाद, कांग्रेस नेताओं और राहुल गांधी ने नगांव में धरना शुरू कर दिया।
मुख्यमंत्री सरमा ने रविवार को राम मंदिर के अभिषेक समारोह और बताद्रवा में श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान की यात्रा के बीच अनावश्यक प्रतिस्पर्धा से बचने की जरूरत पर जोर दिया था। हालांकि अयोध्या में राम मंदिर और असम के शंकर देव मंदिर की दूरी सैकड़ों किलोमीटर है। लेकिन इसके बावजूद असम के सीएम दोनों को जोड़ रहे हैं। सरमा ने रविवार को राहुल से अपनी यात्रा रूट पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया और चिंता व्यक्त की कि परस्पर विरोधी घटनाएं असम की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
कांग्रेस ने असम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के काफिलों पर "सुनियोजित हमलों" का आरोप लगाते हुए सोमवार शाम देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने असम के मुख्यमंत्री पर उनके काफिलों, संपत्तियों और नेताओं पर हमले कराने का आरोप लगाया और उन्हें "भारत का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री" करार दिया।
वेणुगोपाल ने असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा "लोकतंत्र पर हमला" होने का दावा करते हुए देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया।
रविवार को एक रोड शो के दौरान, राहुल नगांव में एक सड़क किनारे भोजनालय में भाजपा समर्थक भीड़ के साथ आमने-सामने आ गए, जहां उनके खिलाफ नारे लगाए गए और 'न्याय यात्रा' और 'रकीबुल वापस जाओ' जैसे संदेशों वाली तख्तियां प्रदर्शित की गईं। रकीबुल हुसैन सामागुरी से कांग्रेस विधायक हैं।