ट्रक ड्राइवर प्रदर्शन: राहुल ने क्यों कहा ‘शहंशाह के फरमान’?
राहुल गांधी ने हिट एंड रन से जुड़े क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे बस और ट्रक ड्राइवरों का समर्थन किया है। उन्होंने सरकार के आदेश को शाही फ़रमान क़रार दिया है और कहा है कि बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के कानून बनाने की ज़िद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है।
146 सांसदों के निलंबन का ज़िक्र करते हुए राहुल ने कहा कि 'जब 150 सांसद निलंबित थे तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं।' उन्होंने कहा, "लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार ‘शहंशाह के फरमान’ और ‘न्याय’ के बीच का फर्क भूल चुकी है।"
बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के कानून बनाने की ज़िद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 2, 2024
जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं।
सीमित…
कांग्रेस नेता ने कहा है, "सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर कानूनी भट्टी में झोंकना उनकी जीवनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। और साथ ही, इस कानून का दुरुपयोग संगठित भ्रष्टाचार के साथ ‘वसूली तंत्र’ को बढ़ावा दे सकता है।"
राहुल गांधी का यह ट्वीट उस संदर्भ में है जिसमें हिट एंड रन को लेकर कानून के खिलाफ देश भर में बस और ट्रक के ड्राइवर आंदोलन कर रहे हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, गुजरात और उत्तराखंड सहित पूरे देश में बड़ी संख्या में ड्राइवर हड़ताल पर हैं।
भारतीय न्याय संहिता ने ब्रिटिश काल की भारतीय दंड संहिता का स्थान ले लिया है, जिसमें कहा गया है कि जो चालक लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनते हैं और पुलिस या किसी प्रशासनिक अधिकारी को सूचित किए बिना भाग जाते हैं, उन्हें 10 साल तक की सजा या 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। पहले आईपीसी के तहत ऐसे मामलों में दो साल की सज़ा का प्रावधान था।
ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि उनकी आय काफी कम होती है, ऐसे में वे 7 लाख रुपये का जुर्माना कहां से भरेंगे। जुर्माना न भर पाने या अपने केस की सही तरीके से पैरवी नहीं कर पाने के कारण कम आय वाले ड्राइवर जेल जाएंगे।
इन नये प्रावधानों ने महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर सहित कुछ राज्यों में ट्रांसपोर्टरों और ऑटो-चालक संघों के हड़ताल पर जाने के साथ बड़े पैमाने पर हंगामा खड़ा कर दिया है।
इन राज्यों में ईंधन स्टेशनों पर ग्राहकों की भारी कतारें देखी गईं, ट्रक ड्राइवरों की हलचल के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई।
ट्रक देश में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई के लाइफलाइन हैं। परिवहन सेवाओं के इस माध्यम में किसी तरह की बड़ी रुकावट आने से पूरी सप्लाई चेन पर असर पड़ सकता है। इनकी हड़ताल अगर बढ़ती है तो दूध, फल, सब्जी, अनाज से लेकर पेट्रोल-डीजल तक की सप्लाई बाधित हो सकती है।
एक अनुमान के मुताबिक भारत में करीब तीन मिलियन ट्रक हैं जो कि हर वर्ष 100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। देश में 50 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं। अब इन ड्राइवरों के मन में हिट एंड रन के प्रस्तावित कानून को लेकर शंकाएं और डर बैठा हुआ है।