राहुल गांधी हरियाणा पहुंचे, लेकिन चुनावी रैली में नहीं, कहीं और
हरियाणा विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम पर पहुंच चुका है। पीएम मोदी की एक रैली हो चुकी है और जल्द ही उनकी कई और रैलियां 2 अक्टूबर से पहले हरियाणा में होने वाली हैं। 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का भी हरियाणा दौरा शुक्रवार को जगाधरी से शुरू हो गया है। लेकिन इन सारी हलचल के बीच राहुल गांधी हरियाणा के चुनावी सीन से गायब हैं। उनकी अभी तक हरियाणा में एक भी रैली नहीं हुई, जबकि हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस को बेहतर स्थिति में तमाम राजनीतिक विश्वेषक बता चुके हैं। बहरहाल, हरियाणा के इस गांव में राहुल गांधी शुक्रवार 20 सितंबर की सुबह दिखाई दिये।
Congress leader Rahul Gandhi on Friday reached a village in Haryana's Karnal district to meet with the family of a young man who was injured in a road accident abroad.@RahulGandhi #haryana #congress #rahulgandhi #rtvnews #RTV pic.twitter.com/acigfVdFJ2
— RTV (@RTVnewsnetwork) September 20, 2024
कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाल ही में अमेरिका में एक हादसे में घायल हुए स्थानीय निवासी अमित मान के परिवार से मिलने के लिए शुक्रवार सुबह करनाल जिले के घोघरीपुर गांव पहुंचे।
राहुल के इस दौर की जानकारी स्थानीय कांग्रेस नेताओं या प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं को नहीं थी। गांव के लोगों ने बताया कि अपनी हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल ने अमित मान से वहां मुलाकात की थी और उन्हें भरोसा दिया कि वह भारत लौटने के बाद उनके परिवार से मिलेंगे। अपनी बात पर कायम रहते हुए राहुल सुबह करीब 6 बजे घोघरीपुर गांव जा पहुंचे। राहुल ने अमित का हालचाल और परिवार के बारे में सारी जानकारी ली। स्थानीय लोगों ने उनके इस कदम की सराहना की। लोग हैरान थे कि राहुल ने किस तरह अपना वादा निभाया। स्थानीय लोगों ने बताया कि राहुल सिर्फ उस परिवार से बातचीत करते रहे और चुनाव का कोई भी जिक्र नहीं किया और न ही पूछा कि कांग्रेस की हरियाणा में क्या स्थिति है। स्थानीय लोगों ने कहा कि इस दौरे को राहुल गांधी ने नितांत व्यक्तिगत रखा।
राहुल के साथ न तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा या उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा दिखे। न शैलजा और न ही रणदीप सुरजेवाला दिखे। राहुल के साथ सार्वजनिक स्थानों पर जाने वाले कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी नहीं दिखे। आमतौर पर केसी वेणुगोपाल राहुल के साथ हर समय रहते हैं। लेकिन राहुल ने शुक्रवार को हरियाणा जाने पर इनमें से किसी को भी साथ नहीं रखा।
कांग्रेस के हलकों में लंबे समय से सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर राहुल अभी तक हरियाणा की किसी भी चुनावी रैली में क्यों नहीं आये। जवाब किसी के पास नहीं है। लेकिन सूत्रों के हवाले से कयास जरूर लगाए जा रहे हैं। इन्हीं सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी दरअसल हरियाणा में जिस तरह से हुड्डा के कहने पर अधिकांश टिकट दिये गए, उससे नाराज हैं। राहुल इस बात की जांच भी करवा रहे हैं कि आखिर ये सारे फैसले किस स्तर पर और किसके कहने पर लिये गए। राहुल चाहते थे कि टिकट वितरण में हरियाणा के सभी प्रमुख नेताओं की राय ली जानी चाहिए थी। कहा जा रहा है कि अकेले हुड्डा के कहने पर 72 टिकटें उनके ही लोगों को मिली हैं। शैलजा के खाते में पांच और सुरजेवाला के खाते में दो सीटें आईं। जिनमें से सुरजेवाला का बेटा भी शामिल है। पांच टिकटें केसी वेणुगोपाल के कहने पर दी गईं। इन सारी स्थितियों से राहुल गांधी नाराज हैं।
राहुल गांधी सुबह 6 बजे ही घोघरीपुर गांव पहुंच गए थे। लेकिन दिल्ली में भी कांग्रेस नेताओं को सुबह 10 बजे जब पता चला तो उन्होंने राहुल गांधी के फोटो और वीडियो ट्वीट करने शुरू किये। कई नेताओं से दिल्ली के मीडिया ने जानकारी मांगी लेकिन कोई भी कांग्रेसी नेता मीडिया को कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था। घोघरीपुर गांव में बेरोजगारी चरम पर है। गांव के कई युवक डंकी बनकर अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों में जा चुके हैं। डंकी का अर्थ है, अवैध तरीके से विदेश जाना। इस विषय पर शाहरुख खान की फिल्म इसी नाम से पिछले दिनों आई थी।
कोई नहीं जानता कि अगले 10-12 दिनों में राहुल गांधी की हरियाणा में कोई रैली होगी भी या नहीं। लेकिन राहुल जिस तरह से घोघरीपुर गांव में शुक्रवार को पहुंचे हैं, उसका संदेश पूरे हरियाणा में जाएगा। इसके जरिये राहुल ने यह भी बताने की कोशिश की है कि अमेरिका में अमित मान से जो वादा करके वो आये थे, उसे उन्होंने पूरा किया है। यह भरोसा मतदाताओं तक पहुंचना लाजिमी है। राहुल ने बेशक अपनी इस यात्रा को गैरराजनीतिक रखा है लेकिन इसका राजनीतिक संदेश जरूर जायेगा।