नरेंद्र मोदी स्टेडियम 'हम दो, हमारे दो' की सचाई बताता है: राहुल
मोटेरा स्टेडियम का नाम आज जब नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया तो राहुल गाँधी ने फिर से 'हम दो, हमारे दो' वाले नारे से हमला किया। राहुल ने क़रीब एक पखवाड़ा पहले भी इन्हीं शब्दों से तंज कसा था। लेकिन नाम नहीं लिया था। इस बार उन्होंने स्टेडियम के नामों के सहारे ही हमला किया। उन्होंने पाँच लाइनें लिखीं। पहली लाइन- 'सच कितनी खूबी से सामने आता है।' दूसरी लाइन- 'नरेंद्र मोदी स्टेडियम'। तीसरी लाइन- 'अडानी एंड'। चौथी लाइन- 'रिलायंस एंड'। और पाँचवीं लाइन- 'जय शाह की अध्यक्षता में!'
राहुल गाँधी ने हैशटैग 'HumDoHumareDo' का इस्तेमाल कर ट्वीट किया है।
सच कितनी खूबी से सामने आता है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 24, 2021
नरेंद्र मोदी स्टेडियम
- अडानी एंड
- रिलायंस एंड
जय शाह की अध्यक्षता में!#HumDoHumareDo
सभी लाइनों का मतलब साफ़ है, लेकिन फिर भी यदि अडानी एंड और रिलायंस एंड का अर्थ नहीं पता चल रहा हो तो हम बता दें कि स्टेडियम के दो छोर होते हैं जिनका अक्सर अलग-अलग नामकरण किया जाता है। सोशल मीडिया पर जो दावा किया गया है वह यह कि स्टेडियम के एक छोर का नाम अडानी एंड है और दूसरे का रिलायंस एंड। अडानी समूह गौतम अडानी की कंपनी का नाम है तो मुकेश अंबानी की कंपनी का नाम रिलायंस। राहुल गाँधी अक्सर इशारों में ही प्रधानमंत्री मोदी के इन दो बड़े घरानों से संबंध होने का आरोप लगाते रहे हैं।
राहुल गांधी ने जय शाह का नाम लिया है जो अमित शाह के बेटे हैं और बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के सचिव हैं।
राहुल गाँधी ने क़रीब एक पखवाड़े पहले भी 'हम दो, हमारे दो' से तंज कसे थे। तब वह संसद में बोल रहे थे। उन्होंने कहा था कि इस देश को सिर्फ़ चार लोग चला रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को 'हम दो, हमारे दो' के सिद्धांत पर चला रहे हैं। हालाँकि उन्होंने उन चार लोगों के नाम नहीं लिए जिनकी तरफ़ उनका इशारा था। लेकिन कृषि क़ानूनों पर हमला करते हुए यह ज़रूर कहा कि इन कृषि क़ानूनों से किन पूंजीपतियों को फ़ायदे होंगे।
राहुल ने कहा था कि जब ये क़ानून लागू होंगे तो इस देश के किसान, मज़दूर और छोटे व्यापारियों का धंधा बंद हो जाएगा। इससे किसानों के खेत चले जाएंगे, उसे सही दाम नहीं मिलेगा, छोटे दुकानदारों की दुकान बंद हो जाएगी और सिर्फ़ 'हम दो और हमारे दो' इस देश को चलाएँगे।
तब राहुल ने कहा था, "परिवार नियोजन के लिए पहले एक नारा था 'हम दो हमारे दो।' जैसे अब कोरोना अलग रूप में आ गया है, उसी तरह यह नारा भी दूसरे रूप में आ गया है। राहुल गांधी ने कहा कि देश को चार लोग चला रहे हैं-हम दो हमारे दो। हर एक आदमी उनके नाम जानता है। 'हम दो, हमारे दो' यह किसकी सरकार है।" राहुल ने इसको ट्वीट भी किया।
‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 11, 2021
राहुल के इन आरोपों के बाद सरकार की तरफ़ से भी राहुल पर हमला किया गया था। तब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यह नारा सबसे ज़्यादा सटीक कांग्रेस पर बैठता है। उन्होंने तब पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी, उनके बच्चों राहुल व प्रियंका और दामाद रॉबर्ट वाड्रा का नाम लिया था।
इस पर आरोप-प्रत्यारोप चलता ही रहा है यह अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है। इस बीच बीजेपी ने गुजरात के मोटेरा स्थित सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदल कर नरेंद्र मोदी के नाम पर कर दिया है। सोशल मीडिया पर इस पर ज़बर्दस्त प्रतिक्रिया आई। विपक्षी दलों के नेताओं सहित सोशल मीडिय यूज़रों ने आरोप लगाया कि फ्रीडम आइकन और देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल का अपमान किया गया है।
प्रियंका ने वल्लभ भाई पटेल के एक कथन को ट्वीट किया।
"इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।"
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 24, 2021
~ सरदार पटेल
कांग्रेस नेता गौरव पाँधी ने ट्वीट किया, 'जब राहुल गांधी कहते हैं कि यह "हम दो हमारे दो सरकार' है तो बीजेपी और गोदी मीडिया नाराज़ हो गया। वे कृषि क्षेत्र में भी ऐसा ही करने जा रहे हैं। बहरहाल, MSP की तरह, 'सरदार पटेल स्टेडियम' था, है और रहेगा, लेकिन खयालों में!'
When Rahul Gandhi says this is "Hum Do Humare Do Sarkar", BJP & Godi Media have had heartburn.
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) February 24, 2021
They are going to do exactly this to the farming sector as well. Meanwhile, like MSP, "Sardar Patel Stadium" tha, hai aur rahega, but khayalon mein! #सरदार_पटेल_का_अपमान pic.twitter.com/wxyFoKRlxC
स्टेडियम का नाम बदलने पर इसलिए भी विवाद हो रहा है क्योंकि मोदी सरकार सरदार पटेल को और उनकी विरासत को 'अपना' बताने की कोशिश करती रही है और कांग्रेस पर हमला करती रही है।
बीजेपी और ख़ास कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आने के पहले से ही पटेल को उचित स्थान नहीं देने के मुद्दे पर कांग्रेस के घेरते रहे हैं। केंद्र की सत्ता में आने के बाद बीजेपी का हमला और तेज़ हो गया।
बीजेपी ने बहुत ही सुनियोजित ढंग से यह नैरेटिव गढ़ा कि देश की तमाम समस्याओं के लिए जवाहरलाल नेहरू ज़िम्मेदार हैं और यदि पहले प्रधानमंत्री पटेल बने होते तो देश की तसवीर कुछ और होती।
आम चुनाव के ठीक पहले दिल्ली में बीजेपी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि यदि देश के प्रथम प्रधानमंत्री सरदार पटेल हुए होते तो यह स्थिति नहीं हुई होती, देश की तसवीर कुछ और हुई होती। वे उस कार्यक्रम में आतंकवाद की बात कर रहे थे।
मोदी सरकार ने सरदार पटेल की मूर्ति स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी बनवाई। सरकार ने उसके पहले जो विज्ञापन टेलीविज़न चैनलों पर चलाया था, उसमें साफ कहा गया था कि यह काम तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था, अब तक क्यों नहीं हुआ था।