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सुप्रीम फ़ैसले के बाद राहुल- 'भारत के विचार की रक्षा करना ही मेरा कर्तव्य'

सुप्रीम फ़ैसले के बाद राहुल- 'भारत के विचार की रक्षा करना ही मेरा कर्तव्य'

मोदी सरनेम वाले अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद राहुल गांधी ने पहली प्रतिक्रिया दी है। जानिए उन्होंने क्या कहा और कांग्रेस ने क्या प्रतिक्रिया दी।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राहुल गांधी की मोदी सरनेम वाली टिप्पणी को लेकर 2019 के मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी। इस फ़ैसले पर राहुल गांधी ने पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उनका कर्तव्य अभी भी वही है - भारत के विचार की रक्षा करना।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'चाहे कुछ भी हो, मेरा कर्तव्य वही रहेगा। भारत के विचार की रक्षा करना।' 

राहुल गांधी को 2019 में की गई उनकी टिप्पणियों के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इसी दो साल की सजा की वजह से राहुल गांधी को मौजूदा लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। और इसी सजा की वजह से आगामी 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी योग्यता पर सवालिया निशान लग गया था। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट की यह रोक उनकी अपील पर अंतिम फैसला आने तक लंबित है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अधिकतम 2 साल कैद की सजा देने का कोई कारण नहीं बताया है। इसने अपने फैसले में कहा कि ट्रायल जज ने मामले में अधिकतम दो साल की सजा सुनाई है, अगर सजा एक दिन कम होती तो अयोग्यता नहीं होती।

कांग्रेस बोली- सत्यमेव जयते

फैसले की सराहना करते हुए कांग्रेस ने कहा कि 'यह नफरत के खिलाफ प्यार की जीत है। सत्यमेव जयते - जय हिंद।'

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'यह खुशी का दिन है...मैं आज ही लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखूंगा और बात करूंगा।'

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल का कहना है, 'स्पीकर को अब फ़ैसला लेना है। पूरा देश और दुनिया अब स्पीकर की ओर देख रही है। इसे स्वत: ही तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। हमें यही चाहिए, यही देश को चाहिए। लोकसभा में हमारे विपक्ष के नेता फैसले की एक प्रति के साथ अध्यक्ष से आधिकारिक तौर पर अनुरोध करेंगे।'

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी कहा, 'मा. सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की सज़ा पर रोक लगाकर भारतीय लोकतंत्र और न्यायपालिका में लोगों की आस्था को बढ़ावा दिया है। भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अहंकारी ध्वज आज उनके नैतिक अवसान के शोक में झुक जाना चाहिए।'

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत का कहना है, '...हम बहुत उत्साहित और खुश हैं क्योंकि संसद में एक बार फिर शेर दहाड़ेगा। अब बिना किसी देरी के स्पीकर को फैसला रद्द कर देना चाहिए।'

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