'बदलापुर' पर राहुल बोले- क्या FIR के लिए भी आंदोलन करने पड़ेंगे?
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में स्कूली बच्चियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न को लेकर राहुल गांधी ने आवाज़ उठाई है। उन्होंने कहा है कि क्या अब एफ़आईआर तक दर्ज कराने के लिए आंदोलन करने पड़ेंगे? लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि आखिर पीड़ितों के लिए पुलिस थाने तक जाना भी इतना मुश्किल क्यों हो गया है?
राहुल ने इस मुद्दे पर एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि बदलापुर में दो मासूमों के साथ हुए अपराध के बाद उनको इंसाफ दिलाने के लिए पहला कदम तब तक नहीं उठाया गया जब तक जनता ‘न्याय की गुहार’ करते हुए सड़क पर नहीं आ गई। उन्होंने कहा, 'एफआईआर दर्ज नहीं होना न सिर्फ पीड़ितों को हतोत्साहित करता है बल्कि अपराधियों का हौसला भी बढ़ाता है।'
पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार के बाद महाराष्ट्र में भी बेटियों के खिलाफ शर्मनाक अपराध सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम एक समाज के तौर पर कहां जा रहे हैं?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 21, 2024
बदलापुर में दो मासूमों के साथ हुए अपराध के बाद उनको इंसाफ दिलाने के लिए पहला कदम तब तक नहीं उठाया गया जब तक जनता ‘न्याय की गुहार’…
कांग्रेस नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार के बाद महाराष्ट्र में भी बेटियों के खिलाफ शर्मनाक अपराध सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम एक समाज के तौर पर कहां जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि न्याय दिलाने से अधिक प्रयास अपराध छिपाने के लिए किया जाता है, जिसका सबसे बड़ा शिकार महिलाएं और कमज़ोर वर्ग के लोग होते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "सभी सरकारों, नागरिकों और राजनीतिक दलों को गंभीर मंथन करना होगा कि समाज में महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। न्याय हर नागरिक का अधिकार है, उसे पुलिस और प्रशासन की ‘मर्जी का मोहताज’ नहीं बनाया जा सकता।"
ठाणे जिले के बदलापुर इलाके में चार साल की दो स्कूली छात्राओं के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने का मामला आया। बदलापुर में स्कूल के शौचालय में 12 और 13 अगस्त को एक सफाई कर्मचारी द्वारा कथित तौर पर यह कुकर्म किया गया।
16 अगस्त को एफआईआर दर्ज करने और आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले पुलिस द्वारा अपराध पर कार्रवाई करने में कथित तौर पर देरी की गई थी।
स्कूल ने आरोपी को अनुबंध के आधार पर काम पर रखा था। कथित अपराध के बाद, माता-पिता भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपायों व बेहतर निरीक्षण और आरोपी के खिलाफ अधिक सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में बहुत देरी की। यौन उत्पीड़न 13 अगस्त को हुआ था, पुलिस ने मामला 16 अगस्त को दर्ज किया। उनके द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, माता-पिता को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति देने से पहले कथित तौर पर 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
इस घटना के कारण बदलापुर में विरोध प्रदर्शन हुआ। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बदलापुर रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेन को रोक दिया। घंटों तक ट्रेनें रुकी रहीं।
एमवीए ने 24 अगस्त को बुलाया महाराष्ट्र बंद
विपक्षी एमवीए ने ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल में दो बच्चियों से कथित यौन उत्पीड़न के विरोध में 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। संजय राउत ने इसकी घोषणा की। इसके साथ ही राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने बताया कि एमवीए के सहयोगी दलों- कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी (एसपी) ने एक बैठक के बाद यह फ़ैसला लिया। इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बदलापुर में रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन के लिए बाहर से लोगों को बुलाए जाने का आरोप लगाया।
बता दें कि महाराष्ट्र का यह मामला कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के आसपास ही आया है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक डॉक्टर को 17 अगस्त को अपने अस्पताल में काम करने वाली 20 वर्षीय दलित नर्स के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बिहार में एक और यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया, जहां मुजफ्फरपुर जिले के एक गांव में एक दलित किशोरी का अपंग शव मिलने के बाद छह लोगों पर सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है। ऐसा ही मामला एक उत्तराखंड में भी आया है।