राहुल गांधी फिर सांसद, सदस्यता बहाल, जानिए पूरी कहानी
Lok Sabha Secretariat restores membership of Wayanad MP Rahul Gandhi after the Supreme Court on Friday (August 4) stayed his conviction in the ‘Modi’ surname remark case.
— ANI (@ANI) August 7, 2023
He was disqualified from the lower house in March 2023. pic.twitter.com/UBE3FvCGEN
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी 'मोदी उपनाम' टिप्पणी के लिए आपराधिक मानहानि मामले में सजा पर रोक के बाद सोमवार 7 अगस्त को लोकसभा में बहाल कर दिया गया। वायनाड सांसद की बहाली ऐसे समय हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में बहस होनी है। यह मूल रूप से मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान नहीं देने के खिलाफ है। संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई को शुरू हुआ था लेकिन तब से संसद एक भी दिन ठीक से नहीं चल पाई है।
राहुल गांधी की सदस्यता बहाली का सफर इतना आसान नहीं रहा। पहले ये जानिए कि इस सारे मामले की शुरुआत कहां से हुई और अंत में आपको ये बताएंगे कि आखिर किन वजहों से राहुल गांधी को इस तरह घेरा गया। पूरी स्टोरी धैर्य से पढ़ें।
- 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में, राहुल गांधी ने कहा- “सभी चोरों, चाहे वह नीरव मोदी, ललित मोदी या नरेंद्र मोदी हों, का सामान्य उपनाम मोदी क्यों है?”
- 15 अप्रैल, 2019 को सूरत से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने टिप्पणी के लिए राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया। हालांकि विधायक ने इस के बाद अदालत से आग्रह किया कि इस मामले की सुनवाई रोकी जाए। लेकिन दिसंबर 2022 के अंत में पूर्णेश मोदी गुजरात हाईकोर्ट पहुंचे और मानहानि के इस केस की सुनवाई फिर से शुरू करने का आग्रह किया। हाईकोर्ट ने फौरन ही सूरत सेशन कोर्ट से सुनवाई शुरू करने को कहा।
- 7 जुलाई, 2019 को मामले में सूरत मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में राहुल गांधी की पहली हाजिरी हुई थी।
- दिसंबर 2022 में इस मामले में तेजी आ गई। सूरत कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुरू की और जल्दी जल्दी तारीखें दीं।
- 23 मार्च, 2023 को सूरत मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि का दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई।
- 24 मार्च, 2023 को दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के परिणामस्वरूप राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। यह कार्यवाही 24 घंटे में कर दी गई।
- 2 अप्रैल, 2023 को राहुल गांधी ने सूरत की अदालत में मेट्रोपॉलिटन अदालत के आदेश को चुनौती दी, जो अभी भी लंबित है, साथ ही सजा पर रोक लगाने की मांग करने वाला एक आवेदन भी दिया।
- 20 अप्रैल, 2023 को सूरत सेशन कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी, लेकिन सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
- 25 अप्रैल, 2023 को राहुल गांधी ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में पुनरीक्षण अपील दायर की।
- 7 जुलाई, 2023 को गुजरात हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाने की मांग करने वाली राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी।
राहुल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
- 15 जुलाई, 2023 को राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और कहा कि अगर फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो बोलने की आजादी का गला घोंट दिया जाएगा।
- 21 जुलाई, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की अपील पर गुजरात के मंत्री पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।
- 4 अगस्त, 2023 को हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी, जिससे उनके लोकसभा में लौटने का रास्ता साफ हो गया।
- 7 अगस्त 2023 को लोकसभा सचिवालय ने वायनाड के सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने की घोषणा की
राहुल गांधी को क्यों घेरा गयाः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश के प्रमुख उद्योग समूह अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। राहुल ने 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। जिसका समापन 19 जनवरी 2023 को जम्मू कश्मीर में हुआ। यह यात्रा जहां-जहां से गुजरी राहुल ने मोदी सरकार पर अडानी और अंबानी के लिए काम करने का आरोप लगाया। राहुल ने आरोप लगाया कि अडानी के लिए देश का खजाना खोल दिया गया। इसी दौरान अडानी समूह के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई और उसने एक तरह से राहुल गांधी के आरोपों की पुष्टि कर दी। अडानी ने आरोपों से इनकार कर दिया।
संसद में अडानी-अडानी और राहुल का संसद सदस्यता पर रोक
संसद के बजट अधिवेशन में राहुल गांधी ने अडानी को लेकर अपने आरोप तेज कर दिए। राहुल गांधी का अडानी को लेकर सबसे बड़ा आरोप था कि आखिर किसके 20,000 करोड़ रुपये अडानी की फर्जी (शेल) कंपनियों में लगे हैं। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने अडानी के आरोपों से संबंधित एक भी शब्द लोकसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं किया। विपक्ष ने पीएम मोदी से अडानी पर स्थिति साफ करने की मांग की। पीएम मोदी ने स्थिति तो साफ नहीं की लेकिन कहा कि वो अकेले ही पूरे विपक्ष पर भारी हैं। 23 मार्च 2023 को आखिरकार राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने मोदी उपनाम वाले केस में दोषी घोषित कर दिया। 24 मार्च 2023 को आननफानन में स्पीकर ने राहुल को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया। यानी राहुल को देश की संसद में अप्रत्यक्ष ढंग से बोलने से रोक दिया गया।
राहुल ने कहा था-मैं डरता नहींः 24 मार्च को जब स्पीकर ने राहुल को संसद सदस्यता से अयोग्य घोषित किया तो राहुल गांधी ने अगले दिन यानी 25 मार्च 2023 को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल ने कहा - वह डरते नहीं हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्यवसायी गौतम अडानी के बीच संबंधों के बारे में सवाल उठाना जारी रखेंगे। मुझे अयोग्य घोषित कर दिया गया है क्योंकि पीएम मोदी अडानी के बारे में मेरे अगले भाषण को लेकर डरे हुए हैं और मैंने यह उनकी आंखों में देखा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि "अयोग्यता का पूरा खेल" लोगों को अडानी मुद्दे से "ध्यान भटकाने" के लिए था। उन्होंने कथित तौर पर व्यवसायी का समर्थन करने के लिए केंद्र की आलोचना की। राहुल ने कहा, ''इस सरकार के लिए देश अडानी है और अडानी देश है।''
राहुल गांधी ने उस प्रेस कॉन्फ्रेस में यह भी कहा था-
“
मुझे सच्चाई के अलावा किसी भी चीज़ में दिलचस्पी नहीं है। मैं केवल सच बोलता हूं, यह मेरा काम है और मैं इसे करता रहूंगा, भले ही मैं अयोग्य हो जाऊं या गिरफ्तार हो जाऊं। इस देश ने मुझे सब कुछ दिया है और इसीलिए मैं ऐसा करता हूं।
- राहुल गांधी, कांग्रेस, 25 मार्च 2023 सोर्सः पीटीआई
सारे मामले में बड़ा सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले शुक्रवार यानी 4 अगस्त को राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाई थी लेकिन लोकसभा स्पीकर को 48 घंटे से भी ज्यादा समय राहुल की सदस्यता बहाल करने में लगाया। जबकि सूरत कोर्ट ने 23 मार्च को जब फैसला सुनाया था तो महज 24 घंटे में राहुल को संसद से अयोग्य घोषित कर दिया था। जबकि गुजरात कोर्ट का फैसला गुजराती में लिखा गया था। जिसके दिल्ली आने और अनुवाद होने में अच्छा खासा समय लगता है लेकिन सारा काम तेज गति से हुआ। लेकिन वही तेजी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नहीं दिखाई गई। अगर देश के तमाम विपक्षी दल इसे मुद्दा नहीं बनाते तो शायद लोकसभा स्पीकर इस पर अभी भी कोई फैसला नहीं लेते और मामले को लटका सकते थे। लेकिन इस मुद्दे पर विपक्ष और भारी जनदबाव के कारण फैसला लेना पड़ा। इस स्थिति से सरकार की आलोचना भी खूब हो रही थी। अभी पिछले हफ्ते आगरा की कोर्ट ने भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को सजा सुनाई है। लेकिन अभी तक वो तेजी इस मामले में भी नहीं दिख रही है जो राहुल के मामले में दिखी थी।राहुल गांधी की सदस्यता बहाली की जब घोषणा हुई तो उस समय विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक चल रही थी। तमाम दलों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मिठाई खिलाकर इसकी बधाई दी।
#WATCH | I.N.D.I.A alliance leaders celebrate following restoration of Lok Sabha membership of Congress leader Rahul Gandhi.
— ANI (@ANI) August 7, 2023
(Source: AICC) pic.twitter.com/vaVwBcreYM
कांग्रेस की पुरानी परंपरा के तहत कुछ लोग बैनर, पोस्टर, ढोल, नगाड़ा लेकर सोनिया गांधी के निवास स्थान 10, जनपथ पहुंचे और वहां खुशियों का माहौल बना दिया।
#WATCH | Celebrations underway outside 10 Janpath in Delhi as Lok Sabha Secretariat restores Lok Sabha membership of party leader Rahul Gandhi pic.twitter.com/piqBayhKWS
— ANI (@ANI) August 7, 2023
बहरहाल, कांग्रेस और विपक्ष इसे जीत की तरह ले रहे हैं। लेकिन दरअसल यह भारतीय लोकतंत्र की जीत है। जिसमें कोई भी सरकार किसी सांसद को अयोग्य ठहराने के मनमाने फैसले नहीं ले सकती। राहुल के मामले में मोदी सरकार की किरकिरी तो हो ही चुकी है।