एस जयशंकर चीन के ख़तरे को नहीं समझते: राहुल गांधी
चीन के मुद्दे पर राहुल गांधी ने फिर से मोदी सरकार को घेरा है और विदेश मंत्री एस जयशंकर को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। राहुल ने कहा है कि एस जयशंकर चीन के ख़तरे को नहीं समझते हैं। वह लंदन में भारतीय पत्रकार संघ के साथ एक बातचीत में बोल रहे थे।
राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी के उस पिछले बयान का ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय क्षेत्र में कोई भी नहीं घुसा है, और कहा कि यह बयान चीन के लिए आमंत्रण है कि वे फिर से ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'हम पर पहले ही आक्रमण किया जा चुका है और हमारा 2000 वर्ग किमी क्षेत्र पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के हाथों में है और प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि कोई भी घुसा नहीं है, भारत की एक इंच भी ज़मीन नहीं ली गई है। इस बयान ने हमारी बातचीत की स्थिति को ख़त्म कर दिया है क्योंकि हमारे वार्ताकारों से पूछा जा रहा है कि यह क्या गड़बड़झाला है।'
"2000 sq km of our territory is being controlled by the PLA. The PM himself has stated that not a single inch of our land has been taken. This has destroyed our position to negotiate with Beijing."
— Congress (@INCIndia) March 5, 2023
Full video here: https://t.co/HFhNNquUs6 pic.twitter.com/NESMgrq73h
उन्होंने आगे कहा, 'आपके प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई जमीन नहीं ली गई है। तो यह इसका एक पहलू है। दूसरा पहलू जो मैं कहता रहता हूं कि भारत को सीमा पर चीनी जो कर रहे हैं, उससे बहुत सावधान रहने की जरूरत है। चीनी शत्रुतापूर्ण तरीके से, आक्रामक तरीके से कार्रवाई कर रहे हैं और हमें बहुत सावधान रहने की जरूरत है और मैं बार-बार यह कह रहा हूं...।'
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा, 'आपको सैन्य ख़तरों से सैन्य रूप से निपटना होगा। लेकिन आपको ख़तरे की प्रकृति को समझना होगा और आपको ख़तरे की प्रकृति का जवाब देना होगा। मैंने विदेश मंत्री से एक बातचीत की थी। मेरे विचार में वह ख़तरे को नहीं समझते हैं। सरकार चीन से वास्तविक ख़तरे को नहीं समझ रही है।'
कांग्रेस की चीन नीति के बारे में राहुल ने कहा कि कांग्रेस की नीति थी कि वे किसी को भी भारतीय क्षेत्र में घुसने नहीं देंगे।
'भारत के लोकतंत्र पर हमला'
राहुल ने कहा कि भारत के लोकतंत्र के ढाँचे पर तीखे हमले हो रहे हैं और विपक्ष लड़ रहा है। उन्होंने कहा, 'भारत जोड़ो यात्रा इसलिए आवश्यक हो गई है क्योंकि हमारे लोकतंत्र की संरचना पर क्रूर हमला हो रहा है। मीडिया, संस्थागत ढाँचे, न्यायपालिका और संसद सभी पर हमले हो रहे हैं। और हमें अपनी आवाज और लोगों की आवाज़ को सामान्य चैनलों के माध्यम से रखने में बहुत मुश्किल हो रही है... यह आधुनिक भारत में पहले कभी नहीं देखा गया है।'
हालाँकि राहुल ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की विदेश नीति का समर्थन किया। उन्होंने कहा, 'जहां तक भारतीय विदेश नीति का सवाल है, मैं भारतीय विदेश नीति का समर्थन करता हूं और मुझे यह ठीक लगता है। मेरी इससे कोई बड़ी असहमति नहीं है।' वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि चूँकि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर कोई रुख नहीं अपनाया, इसलिए यदि भारत में आक्रमण हुआ तो दुनिया द्वारा इसे भी नजरअंदाज किया जा सकता है।
2024 में आम चुनावों के बारे में राहुल ने कहा कि बीजेपी के ख़िलाफ़ काफ़ी ग़ुस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में गुस्से का अंबार लगा हुआ था। आप इसके बारे में मीडिया में नहीं सुनते हैं।
चुनाव से पहले क्या विपक्ष एकजुट होगा? इस सवाल पर राहुल ने कहा,'विपक्षी दलों के साथ बहुत समन्वय चल रहा है। पक्षों के बीच बातचीत चल रही है। मैं उनमें से कई के बारे में जानता हूं।'
उन्होंने कहा, 'यह मूल विचार कि आरएसएस और भाजपा से लड़ने की ज़रूरत है और उन्हें पराजित करने की जरूरत है, विपक्ष के दिमाग में गहराई से घुसा है। इस बारे में कोई सवाल ही नहीं है। सामरिक मुद्दे हैं जिन पर चर्चा की आवश्यकता है। कुछ राज्य बहुत सरल हैं। अन्य थोड़े अधिक जटिल हैं। लेकिन विपक्ष इस पर चर्चा करने और इसे हल करने में काफी सक्षम है।' उन्होंने कहा, 'भारत में विपक्ष अब किसी राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहा है। हम अब भारत के संस्थागत ढांचे से लड़ रहे हैं। हम आरएसएस और भाजपा से लड़ रहे हैं, जिन्होंने भारत के लगभग सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। संस्थाएं तटस्थ नहीं हैं।'
कांग्रेस नेता ने अडानी मुद्दे पर अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस की टिप्पणी के बारे में भी बात की। सोरोस ने कहा था, 'इससे भारत की संघीय सरकार पर मोदी की पकड़ काफी कमजोर हो जाएगी और बहुत ज़रूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए दरवाजा खुल जाएगा। ...मुझे भारत में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार की उम्मीद है।'
इस पर राहुल गांधी ने कहा, 'जॉर्ज सोरोस के अपने विचार हो सकते हैं। लेकिन मुझे वास्तव में उसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं भारत में अपनी आंखों से जो देखता हूं उस पर विश्वास करता हूं। मैं देख सकता हूं कि श्री अडानी तीन साल में 609वें सबसे अमीर आदमी से दूसरे सबसे अमीर आदमी बन गए हैं। मैं देख सकता हूं कि उन्हें हर जगह पुरस्कृत किया जाता है, उद्योगों पर हावी होने दिया जाता है और हमें यह बताने के लिए जॉर्ज सोरोस की जरूरत नहीं है।
विदेशों में देश को 'बदनाम' करने के आरोप पर क्या बोले राहुल
राहुल गांधी ने दो दिन पहले कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान के दौरान बीजेपी सरकार पर लोगों की जासूसी करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि भारतीय लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर हमला किया गया है। उन्होंने दावा किया कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल उनके फोन में जासूसी करने के लिए किया जा रहा था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें खुफिया अधिकारियों द्वारा फोन पर बात करते समय सचेत रहने की चेतावनी दी गई थी क्योंकि उनकी कॉल रिकॉर्ड की जा रही थी।
राहुल के इस बयान पर बीजेपी ने आरोप लगाया था कि राहुल ने विदेशों में भारत को बदनाम किया है। राहुल गांधी ने आज इन आरोपों पर बीजेपी पर पलटवार किया है कि उन्होंने विदेशों में देश को 'बदनाम' किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे जिन्होंने आजादी के बाद से देश की उपलब्धियों को बदनाम किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'मुझे प्रधानमंत्री के विदेश जाने और घोषणा करने की याद आती है कि आजादी के 60 या 70 वर्षों में नोटिंग की गई है।'
उन्होंने कहा, 'मुझे उनका यह कहना याद है कि एक खोया हुआ दशक था... भारत में असीमित भ्रष्टाचार है। मुझे याद है कि उन्होंने विदेश में यह कहा था...मैंने कभी अपने देश का अपमान नहीं किया। मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा।' बेशक, बीजेपी को मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश करना अच्छा लगा। यह ठीक है।'