मैंने भी लाल चौक पर तिरंगा फहराया पर पीएम को फर्क नहीं दिखा: राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को पार्टी के 85वें पूर्ण अधिवेशन को तीसरे दिन संबोधित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में दिए गए भाषण पर तंज कसा। राहुल ने कहा कि श्रीनगर के लाल चौक पर उन्होंने भी झंडा फहराया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी को उससे फर्क नहीं दिखा जो उन्होंने खुद फहराया था।
राहुल राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में दिए गए प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के संदर्भ में बोल रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने तब जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में लाल चौक की अपनी यात्रा को याद किया था जहाँ उन्होंने 1991 की अपनी 'एकता यात्रा' के रूप में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। उनका यह भाषण तब आया था जब राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा जम्मू कश्मीर में ही ख़त्म की और लाल चौक पर तिरंगा झंडा फहराया था। संसद में प्रधानमंत्री मोदी के उस तंज का ही आज राहुल ने कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में ज़िक्र कर कहा कि प्रधानमंत्री को वहाँ झंडा फहराने में फर्क नहीं दिखता।
प्रधानमंत्री कहते हैं मैंने भी लाल चौक पर तिरंगा फहराया था।
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PM को फर्क समझ नहीं आया...
नरेंद्र मोदी जी ने BJP के 15-20 लोगों के साथ लाल चौक पर तिरंगा फहराया।
'भारत जोड़ो यात्रा' ने कश्मीर के लाखों युवाओं के हाथ से तिरंगा फहराया।
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राहुल ने कहा, 'हमने भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से कश्मीर के युवाओं में तिरंगे के लिए प्यार जगाया। भाजपा ने इसे छीन लिया।'
उन्होंने कहा, 'मैंने संसद में पीएम का भाषण सुना। उन्होंने लाल चौक पर तिरंगा फहराया। नरेंद्र मोदी जी ने 20 लोगों के साथ तिरंगा फहराया और मैंने कश्मीर के हजारों लोगों के साथ फहराया। पीएम को फर्क समझ नहीं आया।'
राहुल ने अपनी यात्रा का ज़िक्र करते हुए कहा, 'मैं सोचता था कि फिट हूं, 20-25 किलोमीटर चल लूंगा। लेकिन यात्रा शुरू होते ही घुटने का पुराना दर्द लौट आया और 10-15 दिनों में मेरा अहंकार खत्म हो गया। भारत माता ने मुझे संदेश दिया- तुम अगर कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने निकले हो तो दिल से अहंकार मिटाओ, वर्ना मत चलो।'
कांग्रेस नेता ने आरएसएस बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, 'हम सत्याग्रही हैं और RSS-BJP वाले सत्ताग्रही हैं। ये सत्ता के लिए कुछ भी कर लेंगे। किसी से मिल जाएंगे। किसी के सामने झुक जाएंगे। ये इनकी सच्चाई है।'
उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार के एक मंत्री ने कहा- चीन की अर्थव्यवस्था हिंदुस्तान से बड़ी है, तो हम उनसे कैसे लड़ सकते हैं? जब अंग्रेज हम पर राज करते थे, तो क्या उनकी अर्थव्यवस्था हमारी अर्थव्यवस्था से छोटी थी? इसका मतलब है कि जो आपसे शक्तिशाली है, उसके सामने अपना सिर झुका दो!'
मोदी सरकार के एक मंत्री ने कहा- चीन की अर्थव्यवस्था हिंदुस्तान से बड़ी है, तो हम उनसे कैसे लड़ सकते हैं?
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जब अंग्रेज हम पर राज करते थे, तो क्या उनकी अर्थव्यवस्था हमारी अर्थव्यवस्था से छोटी थी?
इसका मतलब है कि जो आपसे शक्तिशाली है, उसके सामने अपना सिर झुका दो!
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राहुल ने कहा, 'मंत्री का यह कहना कि 'चीन की अर्थव्यवस्था हमसे बड़ी है, हम उनसे कैसे लड़ सकते हैं' राष्ट्रवाद नहीं बल्कि कायरता है।'
राहुल गांधी ने कहा, "भारत जोड़ो यात्रा ने देशभक्ति की सच्ची भावना का आह्वान किया। यह मेरे द्वारा नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया है। आपने देखा कि हमने चार महीने तक 'तपस्या' की और पार्टी कार्यकर्ताओं को कितनी ऊर्जा मिली, तपस्या बंद नहीं होनी चाहिए।"
उन्होंने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में मोदी सरकार पर हमला करते हुए पूछा,
“
संसद में अडानी के बारे में सवाल नहीं पूछा जा सकता है। हम तब तक सवाल पूछते रहेंगे जब तक कि सच्चाई सामने नहीं आ जाती। बीजेपी अडानी को क्यों बचा रही है।
राहुल गांधी
राहुल ने पूछा कि जिन शेल कंपनियों का इस्तेमाल करोड़ों रुपये की हेराफेरी के लिए किया जा रहा है, वे किसके हैं?
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया, 'मामले की जांच क्यों नहीं हो रही है? यह देश की सुरक्षा का मामला है। अडानी और मोदी एक हैं। और देश का सारा पैसा अडानी के हाथ में है।'
उन्होंने अपने बचपन की एक घटना को याद करते हुए कहा कि 52 साल से मेरे पास घर नहीं है।
मैं 1977 में 6 साल का था। मुझे चुनाव के बारे में नहीं पता था। मैंने मां से पूछा कि क्या हुआ? मां ने कहा कि हम घर छोड़ रहे। तब तक मुझे लगता था कि वह हमारा घर है... मैं इस बात पर हैरान था। 52 साल हो गए, मेरे पास घर नहीं है।
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प्रियंका गांधी ने भी अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा, 'वे लोग जो देश की राजनीति को देखकर समझ रहे हैं कि कुछ गलत हो रहा है, उन्हें एक मंच देना हमारा काम है। उनकी आवाज को बुलंद करना हमारा काम है। वहीं वे लोग जो यह नहीं समझ रहे हैं, उन्हें भी यह बताना और समझाना हमारा काम है। यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।'