लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से लोगों में भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डर खत्म हो गया है। टेक्सास के डलास में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव के बाद संसद में अपने पहले भाषण में उन्होंने अभयमुद्रा का उल्लेख किया, जो सभी भारतीय धर्मों में मौजूद निर्भयता का प्रतीक है।
उन्होंने दावा किया कि बीजेपी इसे बर्दाश्त या समझ नहीं सकती। राहुल ने कहा- “भाजपा का डर ख़त्म हो गया। हमने देखा कि चुनाव नतीजों के तुरंत बाद, कुछ ही मिनटों के भीतर, भारत में कोई भी भाजपा या भारत के प्रधान मंत्री से नहीं डर रहा था। तो ये बहुत बड़ी उपलब्धियां हैं, राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी की नहीं। ये भारत के लोगों की बहुत बड़ी उपलब्धियां हैं जिन्होंने लोकतंत्र को महसूस किया।”
आरएसएस पर राहुल के आरोप
- भारत की शिक्षा व्यवस्था पर RSS का कब्जा
- RSS के माध्यम से नियुक्त हो रहे कुलपति
- एक विधारधारा का कब्जा बड़ी समस्या
- भारत के सिस्टम को नुकसान पहुंचा रही विचारधारा
राहुल ने प्रवासी भारतीयों से खचाखच भरे हॉल में कहा- भाजपा का वैचारिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मानता है कि भारत एक विचार है, जबकि उनकी पार्टी का मानना है कि भारत विचारों की बहुलता वाला देश है। कांग्रेस सभी को साथ लेकर चलना चाहती है और चल रही है। आरएसएस इसलिए हमारा विरोध करता है कि हम सभी समुदाय, वर्गों, धर्मों के लोगों को बिना नस्लीय भेदभाव और उनकी अपनी आस्था के साथ क्यों लेकर चल रहे हैं।
राहुल ने आगे कहा- “हमारा मानना है कि हर किसी को हर चीज में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, सपने देखने की अनुमति दी जानी चाहिए और उनकी जाति, भाषा, धर्म, परंपरा या इतिहास की परवाह किए बिना उन्हें जगह दी जानी चाहिए। यह लड़ाई सामाजिक न्याय, एकजुटता के लिए है और यह लड़ाई चुनाव में स्पष्ट हो गई जब भारत के लाखों लोगों ने स्पष्ट रूप से समझ लिया कि भारत के प्रधानमंत्री भारत के संविधान पर हमला कर रहे थे।”
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा बोला गया हर एक शब्द संविधान में निहित है, जिसे उन्होंने आधुनिक भारत की नींव बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जब उन्होंने संविधान पर प्रकाश डाला तो लोगों ने उनका संदेश समझा।
राहुल गांधी ने कहा- “मैंने ऐसा होते देखा जब मैं संविधान को उठाता था, लोग समझते थे कि मैं क्या कह रहा था। वे कह रहे थे कि बीजेपी हमारी परंपरा पर हमला कर रही है, हमारी भाषा पर हमला कर रही है, हमारे राज्यों पर हमला कर रही है, हमारे इतिहास पर हमला कर रही है. सबसे महत्वपूर्ण बात, उन्होंने जो समझा वह यह था कि जो कोई भी भारत के संविधान पर हमला कर रहा है वह हमारी धार्मिक परंपरा पर भी हमला कर रहा है।”
“
बीजेपी हमारी बात को समझ नहीं रही है। लेकिन हम उसे समझा कर ही रहेंगे।
-राहुल गांधी, नेता विपक्ष 9 सितंबर सोर्सः मीडिया न्यूज फीड
भाजपा तिलमिलाई, गिरिराज का घटिया बयान
राहुल के बयानों से भारत में भाजपा काफी नाराज हो गई है। उसने राहुल पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- "...अगर अपनी दादी के पास जाकर आरएसएस की भूमिका के बारे में पूछने की कोई तकनीक है, तो जाकर पूछें या इतिहास के पन्नों में देखें। आरएसएस के बारे में जानना है तो राहुल गांधी को कई जन्म लेना होगा। एक गद्दार RSS को नहीं जान सकता भारत के मूल्यों और संस्कृति को।"
मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग का कहना है, ''कांग्रेस की नीति भारत को राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करना, सनातन धर्म का मजाक उड़ाना और बीजेपी और आरएसएस की प्रतिष्ठा को धूमिल करना है। यह बहुत शर्मनाक है। राहुल गांधी को इस पर विचार करना चाहिए। अमेरिका में मंच, यह उनकी वजह से नहीं बल्कि इसलिए है क्योंकि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विपक्ष के नेता हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर उन्हें भारत के बारे में विवादास्पद बयान देने से बचना चाहिए...।''
भाजपा में हाशिये पर लगाये जा चुके मुख्तार अब्बास नकवी को भी बयान देने का मौका मिल गया। नकवी ने कहा- "जब कोई असुरक्षित होता है, तो वे अक्सर दूसरों को प्रमाणित करने या उनका मूल्यांकन करने की कोशिश करते हैं, दावा करते हैं कि वे किसी से नहीं डरते हैं। आपको तवज्जो देने की कोई आवश्यकता नहीं है। आरएसएस को प्रमाणपत्र ऐसे लोगों से नहीं चाहिए। आरएसएस के बारे में पूरी दुनिया जानती है और भारत भी जानता है...।''
विपक्ष का भी करारा जवाब
सीपीआई नेता कॉमरेड डी. राजा ने कहा- राहुल गांधी ने आरएसएस के बारे में जो कहा, उसमें मुझे एक बात नजर आई। आरएसएस एक विचारधारा है जो विभाजनकारी, सांप्रदायिक, सांप्रदायिक और फासीवादी है। यह भारत के लोगों पर एक अखंड, असहिष्णु, सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था थोपने की कोशिश करता है। यह सर्वविदित है कि आरएसएस मनुस्मृति में विश्वास करता है जो भारत में जाति व्यवस्था, महिलाओं के दमन को कायम रखता है। यही राहुल गांधी ने कहा है, हम भी लंबे समय से यही कह रहे हैं।आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि "संविधान कहता है कि लोगों को समान अधिकार प्रदान करें, यह कहता है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। राहुल गांधी ने यही तो कहा है। सुप्रीम कोर्ट हर रोज जांच एजेंसियों पर सवाल उठा रहा है लेकिन सुधार कहां हो रहा है। ऐसा नहीं हो रहा है क्योंकि सत्तारूढ़ दल एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्षी दलों के नेताओं पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।''
कांग्रेस का जवाब
राहुल गांधी को लेकर आरएसएस और बीजेपी नेताओं की आलोचना पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा- "जो कोई बुद्धिमान है वह आरएसएस को समझने में अपना समय क्यों बर्बाद करेगा? समझने के लिए इसमें क्या है? उनके 100 साल का इतिहास देखें। यह खोखला है। उन्होंने देश के खिलाफ काम किया है। अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ साजिश रची है। कोई भी उस संगठन को जानने या समझने में अपना समय बर्बाद नहीं करेगा जिसमें खुद को रजिस्टर्ड कराने का साहस नहीं है, जो नहीं करता है अपना सदस्यता रजिस्टर सार्वजनिक नहीं करता। जो अपने खाते सार्वजनिक नहीं करता। वे देश, धर्म, संस्कृति के स्वयंभू 'ठेकेदार' बने फिरते हैं और हमारी चिंता यही है कि हमें अपने देश, धर्म, संस्कृति को आरएसएस से बचाना है।”