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कृषि क़ानून: ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे राहुल, कई नेता हिरासत में

कृषि क़ानून: ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे राहुल, कई नेता हिरासत में

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों की आवाज़ को लगातार उठा रही कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सोमवार को ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे हैं।

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों की आवाज़ को लगातार उठा रही कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सोमवार को ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे। राहुल गांधी के साथ ट्रैक्टर पर राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ ही पंजाब कांग्रेस के कुछ सांसद भी मौजूद रहे। बताना ज़रूरी होगा कि संसद से कुछ ही दूरी पर स्थित जंतर-मंतर पर किसान अपनी संसद चला रहे हैं और इसके जरिये वे केंद्र सरकार पर तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। 

राहुल गांधी के इस क़दम से कांग्रेस ने यह संदेश देने की कोशिश है कि वह किसानों की आवाज़ को पुरजोर तरीक़े से उठाती रहेगी। साथ ही कांग्रेस यह भी दिखाना चाहती है कि विपक्षी दलों में वह सबसे मजबूत ढंग से किसानों के साथ खड़ी है। 

इस मौक़े पर राहुल गांधी ने कहा कि ये तीनों कृषि क़ानून दो-तीन उद्योगपतियों के फ़ायदे के लिए लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को ये क़ानून वापस लेने ही पड़ेंगे। राहुल ने कहा कि किसानों का हक़ छीना जा रहा है। राहुल जिस ट्रैक्टर से संसद पहुंचे, उसमें लगे होर्डिंग में लिखा गया है कि किसान विरोधी कृषि क़ानून वापस लो। 

सुरजेवाला हिरासत में 

राहुल गांधी के संसद पहुंचने के बाद दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी को हिरासत में ले लिया। 

लांबा के घर पहुंची पुलिस 

इसके अलावा दिल्ली की पूर्व विधायक अल्का लांबा के घर में सोमवार सुबह ही दिल्ली पुलिस के कई अफ़सर पहुंच गए। अल्का लांबा ने घर से फ़ेसबुक लाइव कर बताया कि पुलिस ने उनसे कहा है कि वह जंतर-मंतर पर महिला किसान संसद में हिस्सा लेने ना जाऊं। उन्होंने कहा कि ऐसा करना लोकतंत्र की हत्या है। लांबा ने कहा कि कांग्रेस लगातार किसानों की आवाज़ को उठाती रहेगी। 

किसान आंदोलन से है उम्मीद 

लगातार दो लोकसभा चुनाव में करारी हार और कई राज्यों में पस्त होने के बाद कांग्रेस को किसान आंदोलन से खासी उम्मीद है। इसलिए पार्टी नेतृत्व शुरू से ही किसानों के मसले पर सक्रिय है। विपक्षी दलों में कांग्रेस विशेषकर कृषि क़ानूनों को लेकर मुखर है। राहुल गांधी इस मसले पर पंजाब में ट्रैक्टर यात्रा निकालने से लेकर लगातार ट्वीट कर सरकार पर दबाव बढ़ाते रहे हैं। 

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संसद परिसर में किया था प्रदर्शन।

कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात भी की थी और उन्हें दो करोड़ हस्ताक्षर और एक ज्ञापन सौंपा था। किसानों के आंदोलन को 8 महीने पूरे होने वाले हैं और सिंघु, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान धरने पर बैठे हुए हैं। 

अकाली दल भी उठा रहा मुद्दा 

दूसरी ओर, शिरोमणि अकाली दल भी कृषि क़ानूनों के मुद्दे को लगातार उठा रहा है। अकाली दल के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर सरकार से इन क़ानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल का कहना है कि किसान तूफ़ान, गर्मी, बरसात में धरने पर बैठे हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने उनसे बात करने के बजाए उन्हें उनके हाल पर छोड़ा हुआ है। 

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पंजाब चुनाव में किसान निर्णायक

पंजाब में सात महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहे किसान आंदोलन का चुनाव नतीजों में बेहद अहम रोल रहेगा। किसानों की नाराज़गी मोल लेने के जोख़िम को देखते हुए ही अकाली दल और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था जबकि हरियाणा में बीजेपी सरकार के साथ रहने की वजह से दुष्यंत चौटाला लगातार किसानों के निशाने पर हैं। इसलिए कांग्रेस और अकाली दल इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं। 

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