राहुल को उनका बंगला भी वापस मिला: रिपोर्ट
राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद दिल्ली में उनको उनका बंगला भी वापस मिल गया है। रिपोर्टों के अनुसार 12 तुगलक लेन में बंगला आवंटित किया गया है। यही बंगला उनको पहले भी आवंटित था। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से यह कहा गया है। सांसद के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्होंने इस साल अप्रैल में यह बंगला खाली कर दिया था।
राहुल गांधी को सोमवार को लोकसभा सदस्य के रूप में बहाल कर दिये जाने के साथ ही यह पूछा जा रहा था कि क्या अब उनको उनका बंगला मिलेगा? यह भी पूछा जा रहा था कि जितनी जल्दबाजी में उनसे बंगला खाली कराया गया था, क्या उतनी ही जल्दी उन्हें बंगला वापस मिल जाएगा?
मोदी सरनेम मामले में गुजरात की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल की संसद सदस्यता चली गई थी। हालाँकि सूरत की अदालत ने तत्काल जमानत देते हुए राहुल को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था। लेकिन इस बीच लोकसभा सचिवालय से उनके अयोग्य होने की अधिसूचना जारी कर दी गई थी। और इसके बाद बंगला भी खाली करने को कह दिया गया था। राहुल ने तय समय के अंदर बंगला खाली भी कर दिया।
स्थानीय अदालत के फ़ैसले को राहुल ने गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। राहुल गांधी को झटका देते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि 'राजनीति में शुद्धता' समय की ज़रूरत है। इसके बाद राहुल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम वाले आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी है और उनका सांसद का दर्जा वापस मिल गया है, तो अब बंगला उन्हें फिर से आवंटित किए जाने की ख़बर आई है।
राहुल को पहली बार 2004 में आम चुनाव में अमेठी निर्वाचन क्षेत्र जीतने के बाद बंगला आवंटित किया गया था।
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल का बंगला खाली करना एक बड़ा मुद्दा बन गया था। राहुल द्वारा अपना सामान वहां से हटाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने ट्विटर पर लिखा था, 'यह देश राहुल गांधी का घर है। राहुल जो लोगों के दिलों में बसते हैं। राहुल जिनका जनता से रिश्ता अटूट है, कोई उनमें अपना बेटा देखता है, कोई भाई तो कोई अपना नेता... राहुल सबके हैं और सब राहुल के हैं। यही कारण है कि आज देश कह रहा है- राहुल जी, मेरा घर-तुम्हारा घर।'
राहुल की सांसद के रूप में बहाली ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में आज यानी मंगलवार से बहस हो रही है। यह मूल रूप से मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान नहीं देने के खिलाफ है। संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई को शुरू हुआ था लेकिन तब से संसद एक भी दिन ठीक से नहीं चल पाई है।