राहुल गांधी यूएस में किस-किस से मिले, पूरी भाजपा और अमित शाह तक परेशान
कई भाजपा नेताओं ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के दौरान मंगलवार को अमेरिकी सांसद इलहान उमर से मुलाकात की आलोचना की। बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "राहुल गांधी भारत विरोधी जहर उगलने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने जो किया है वह चिंताजनक है। वह अमेरिकी सांसद से मिलने वाले विपक्ष के पहले नेता बन गए हैं। जो भारत विरोधी रुख अपनाने के लिए बदनाम हैं।”
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इलहान उमर उन अमेरिकी सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल जून में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का बहिष्कार किया था। उन्होंने पीएम मोदी पर "धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन" करने का आरोप लगाया था।
भाजपा तथ्य गलत बता रही
राहुल गांधी ने मंगलवार को वाशिंगटन में रेबर्न हाउस कार्यालय भवन में कांग्रेसी ब्रैडली जेम्स शर्मन द्वारा आयोजित एक बैठक में कई अमेरिकी सांसदों से मुलाकात की। जिन प्रतिनिधियों से उन्होंने मुलाकात की उनमें जोनाथन जैक्सन, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, बारबरा ली, जेसस जी 'चुय' गार्सा, इलहान उमर, हैंक जॉनसन और जान शाकोव्स्की शामिल हैं। यानी इलहान उमर इस दल का हिस्सा थीं जो राहुल से मिलने आया था। इलहान उमर भारत विरोधी से ज्यादा अमेरिका में फिलिस्तीन समर्थक सांसद के रूप में जानी जाती हैं।भाजपा ने बाकी सांसदों के नाम को छोड़कर सिर्फ इलहान उमर को पकड़ लिया। खुद उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेट प्रत्याशी कमला हैरिस भारत की आलोचना कई मौकों पर कर चुकी हैं तो क्या पीएम मोदी ने कमला हैरिस से मुलाकात छोड़ दी। इलहान उमर मिनेसोटा के 5वें कांग्रेस जिले की प्रतिनिधि हैं। भाजपा सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि "राहुल गांधी बचकानी हरकत नहीं कर रहे हैं, बल्कि खतरनाक हरकत कर रहे हैं। वह अब वही कर रहे हैं जो भारत विरोधी तत्वों को पसंद आएगा।" बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "राहुल गांधी को उनसे क्यों मिलना पड़ा? वह हर विदेश यात्रा पर सबसे कट्टरपंथी भारत विरोधी तत्वों से क्यों जुड़ रहे हैं?"
भाजपा की आलोचना के हिसाब से देखा जाए तो विदेश में भारत के खिलाफ बोलने वाला शख्स देशद्रोही है। राहुल गांधी को उसने देशद्रोही घोषित ही कर दिया है। अमित शाह, राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद जैसे नेता राहुल को देशद्रोही बताने पर तुले हुए हैं। अमेरिका हर साल धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में जब भारत को धोता है तो मोदी सरकार उस रिपोर्ट को बस खारिज करके रह जाती है। अमेरिका से विरोध नहीं दर्ज करा पाती।
भाजपा ने राहुल पर चौतरफा हमला बोल दिया है। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी आक्रामक रुख में शामिल हो गए। राहुल गांधी की टिप्पणियों पर हमला बोलते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता के लिए "देश को विभाजित करने की साजिश रचने वाली ताकतों" के साथ खड़ा होना आदत बन गई है। शाह ने कहा- "देश को बांटने की साजिश रचने वाली ताकतों के साथ खड़ा होना और देश विरोधी बयान देना राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आदत बन गई है। चाहे वह जम्मू-कश्मीर में जेकेएनसी के देश विरोधी और आरक्षण विरोधी एजेंडे का समर्थन करना हो या भारत विरोधी बयान देना हो। विदेशी मंचों पर, राहुल गांधी ने हमेशा देश की सुरक्षा को खतरे में डाला है और भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।''
Standing with forces that conspire to divide the country and making anti-national statements have become a habit for Rahul Gandhi and the Congress party. Whether it is supporting the JKNC's anti-national and anti-reservation agenda in J&K or making anti-India statements on…
— Amit Shah (@AmitShah) September 11, 2024
अमित शाह ने कहा- राहुल गांधी का बयान क्षेत्रवाद, धर्म और भाषाई मतभेदों के आधार पर विभाजन पैदा करने की कांग्रेस की राजनीति को उजागर करता है। देश में आरक्षण खत्म करने की बात कहकर राहुल गांधी ने एक बार फिर कांग्रेस के आरक्षण विरोधी चेहरे को सामने ला दिया है। उनके मन में जो विचार थे, उन्हें आखिरकार शब्दों के रूप में बाहर आने का रास्ता मिल गया।"
भाजपा दरअसल, राहुल गांधी के आरक्षण वाले बयान को भी तोड़मरोड़ कर पेश कर रही है। राहुल गांधी ने कहा था कि भारत में जब तक एससी-एसटी को वो स्थान नहीं मिल जाता, जिसके वो हकदार हैं, तब तक आरक्षण खत्म नहीं किया जा सकता। लेकिन भाजपा राहुल के आरक्षण वाले बयान को दूसरी तरह पेश कर रही है। राहुल ने यूएस में जाति जनगणना की बात दोहराई। लेकिन भाजपा गलत ढंग से राहुल के बयानों को मोड़ने में लगी हुई है।
वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा- आरक्षण का विरोध राहुल गांधी की विरासत है। पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ थे। प्रसाद ने कहा कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य सदस्यों - डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और वाम दलों के नेताओं - को राहुल गांधी की टिप्पणियों पर बोलना चाहिए।