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तेलंगाना में चल रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा

तेलंगाना में चल रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा

2024 के लोकसभा चुनाव में अभी डेढ़ साल का वक्त है और कांग्रेस इस यात्रा के जरिये एक बार फिर खुद को सियासत के मैदान में मजबूती से खड़ा करने की कोशिश कर रही है। 

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा गुरूवार को तेलंगाना के रुद्ररम से शुरू हुई। यात्रा में पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल रामदास भी शामिल हुए। तेलंगाना में यह यात्रा नारायणपेट, हैदराबाद, महबूबनगर आदि जगहों से होकर आगे बढ़ रही है। हैदराबाद में रोहित वेमुला की मां भी यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिली थीं। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि रोहित वेमुला सामाजिक भेदभाव और अन्याय के खिलाफ उनके संघर्ष का प्रतीक है और रहेगा। फिल्म अभिनेत्री पूजा भट्ट भी इस यात्रा में शामिल हो चुकी हैं। 

हैदराबाद में चारमीनार पहुंचने पर राहुल गांधी ने तिरंगा फहराया था। चारमीनार से राहुल गांधी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अक्टूबर, 1990 में सद्भावना यात्रा निकाली थी। 

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पूर्व कांग्रेस सांसद अज़हरूद्दीन भी इस यात्रा में शामिल हुए थे। तेलंगाना में कुछ महीनों के बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। भारत जोड़ो यात्रा अब तक केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में कई जगहों का सफर तय कर चुकी है। कांग्रेस ने कहा है कि यात्रा में शामिल लोगों का उत्साह अदभुत है और सभी राज्यों के लोगों का जोरदार समर्थन इस यात्रा को मिल रहा है। 

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उद्धव और पवार होंगे शामिल

एनसीपी के मुखिया शरद पवार और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे दल के प्रमुख उद्धव ठाकरे कांग्रेस के द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे। भारत जोड़ो यात्रा 7 नवंबर को महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में प्रवेश करेगी। माना जा रहा है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकते हैं। महाराष्ट्र में नवंबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर महा विकास आघाडी सरकार बनाई थी लेकिन इस साल जून में शिवसेना में हुई बगावत के बाद यह सरकार गिर गई थी। 

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भारत जोड़ो यात्रा 1500 किलोमीटर का सफर पूरा कर चुकी है। 

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कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी यात्रा में शामिल हुई थीं और उनके इस यात्रा में शामिल होने से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में बेहद उत्साह दिखाई दिया। कांग्रेस कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है। यह यात्रा 3570 किमी. लंबी है। 

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यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं के हाथों में तिरंगा है। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, यात्रा के दौरान रास्ते में मिलने वाले लोगों में भी जबरदस्त उत्साह है। इस दौरान राहुल गांधी तमाम संगठनों के लोगों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से लगातार बातचीत कर रहे हैं। 

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ऐसी और यात्राएं निकालेगी पार्टी

कांग्रेस ने एलान किया है कि वह ऐसी ही और यात्राएं निकालेगी। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में भारत जोड़ो यात्रा निकालने के अलावा गुजरात के पोरबंदर से अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड तक एक और यात्रा निकालने की योजना पार्टी बना रही है। 

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जानिए, भारत जोड़ो यात्रा के बारे में कुछ अहम बातें। 

        1. भारत जोड़ो यात्रा 3570 किमी. लंबी है और 5 महीने तक चलेगी। 
        2. भारत जोड़ो यात्रा में शामिल कांग्रेस के नेता कंटेनर्स में सोते हैं। ऐसे 60 कंटेनर्स का इंतजाम किया गया है। कुछ कंटेनर्स में बिस्तर, टॉयलेट और एसी की व्यवस्था की गई है। 
        3. सुरक्षा वजहों से राहुल गांधी एक अलग कंटेनर में सोते हैं जबकि बाकी कांग्रेस नेता दूसरे कंटेनर्स में।
        4. यात्रा में शामिल कांग्रेस नेता हर दिन 6 से 7 घंटे तक पदयात्रा करते हैं और 22-23 किमी. चलते हैं।  
        5. कांग्रेस के 119 नेता भी यात्रा में शामिल हैं। इन नेताओं का चयन साक्षात्कार के बाद किया गया है। 119 यात्रियों में 28 महिलाएं हैं।

        यात्रा हर दिन आमतौर पर सुबह 7 बजे शुरू होती है और सुबह 10 बजे तक चलती है। कुछ घंटे के आराम के बाद यात्रा दिन में 3:30 बजे शुरू होती है और शाम को 7 बजे तक चलती है। इस दौरान लोगों से मुलाकात और जनसभाएं भी होती हैं। अरुणाचल प्रदेश से आने वाले आजम जोम्बला 25 साल के सबसे युवा यात्री हैं। अरुणाचल प्रदेश से ही 25 साल के बेम बाई नाम के शख्स भी यात्रा में शामिल हो रहे हैं। जबकि सबसे बुजुर्ग यात्री विजेंद्र सिंह महलावत राजस्थान के रहने वाले हैं और उनकी उम्र 58 साल है। 

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        इन अहम शहरों से गुजरेगी यात्रा

        भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई है और तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट से होते हुए जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंचेगी और यहीं पर यात्रा को समाप्त होना है।

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        इस यात्रा के जरिए कांग्रेस देशभर में लोगों के बीच पहुंचने की कोशिश कर रही है और 5 महीने बाद जब यह यात्रा पूरी होगी तो देखना होगा कि अगले आम चुनाव से पहले क्या वह कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार कर पाई है। 

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        2024 का चुनाव

        कांग्रेस के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव करो या मरो की स्थिति है। लगातार चुनावी हार और कई नेताओं के धड़ाधड़ पार्टी छोड़ने के कारण पार्टी बुरी तरह पस्त हो चुकी है। ऐसे में कोई बड़ी उम्मीद नहीं दिखाई देती कि वह बीजेपी को अपने दम पर चुनौती दे सकती है। लेकिन राजनीति में असंभव कुछ नहीं होता। कांग्रेस अगर 2023 के चुनावी राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करे और विपक्षी दलों के साथ तालमेल बनाते हुए एक मजबूत फ्रंट बनाए तो वह 2024 के चुनाव में एनडीए को सत्ता से हटा भी सकती है। 

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