राहुलः जर्मनी को शुक्रिया कहने पर दिग्विजय के बयान ने तूल पकड़ा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे पर जर्मनी के बयान का मुद्दा तूल पकड़ पकड़ रहा है। दरअसल, यह विवाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के जर्मनी को उसके बयान पर धन्यवाद बोलने के बाद बढ़ा। भारत सरकार इस पर कोई बयान देने से बच रही है लेकिन उसके मंत्री और बीजेपी नेता कांग्रेस, राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह पर हमलावर हैं।
क्या कहा था जर्मनी ने
जर्मनी ने बुधवार को कहा कि भारत के विपक्षी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले में "न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों के मानकों" को लागू होना चाहिए। जर्मनी के प्रवक्ता के मुताबिक- हमारी जानकारी के अनुसार राहुल गांधी फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं। इसके बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा और क्या उनके शासनादेश के निलंबन का कोई आधार है। जर्मनी के प्रवक्ता ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर समान रूप से लागू होंगे। जर्मनी से पहले अमेरिका ने भी टिप्पणी की थी। अमेरिका ने मंगलवार को अपनी मामूली प्रतिक्रिया में कहा था कि वो अदालत में राहुल गांधी के मामले को देख रहा है।
दिग्विजय के ट्वीट पर बवाल
दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को जर्मनी के विदेश मंत्रालय को "राहुल गांधी के उत्पीड़न के माध्यम से भारत में लोकतंत्र से समझौता किया जा रहा है" पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद दिया।अनुराग ठाकुर क्या बोले
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता पर ध्यान देने के लिए जर्मनी को धन्यवाद देने वाले उनके ट्वीट पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “यह देश का अपमान है। @INCIndia और @RahulGandhi देश के भीतर भारत की लोकतांत्रिक, राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने में विश्वास नहीं करते हैं, इसलिए, विदेशी शक्तियों को हमारे आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने के लिए आमंत्रित करते हैं। लेकिन @narendramodi जी के नेतृत्व में नया भारत किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा। ”
Disgrace to nation, @INCIndia & @RahulGandhi don't believe to fight India's democratic, political & legal battle within country, hence, invite foreign powers to interfere in our internal matter. But New India headed by @narendramodi Ji will not tolerate any foreign intervention. pic.twitter.com/qjL7dRX1JJ
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) March 30, 2023
दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने राहुल गांधी पर "भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने" के लिए ताना मारा।
Thank you Rahul Gandhi for inviting foreign powers for interference into India’s internal matters. Remember, Indian Judiciary can't be influenced by foreign interference. India won't tolerate 'foreign influence' anymore because our Prime Minister is:- Shri @narendramodi Ji 🇮🇳 pic.twitter.com/xHzGRzOYTz
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) March 30, 2023
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने रिजिजू पर पलटवार करते हुए उनसे अडानी मुद्दे पर राहुल गांधी द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने के लिए कहा। खेड़ा ने कहा -श्री रिजिजू, मुख्य मुद्दे से क्यों भटक रहे हैं? मसला यह है कि अडानी को लेकर राहुल गांधी के सवालों का जवाब प्रधानमंत्री नहीं दे सकते। लोगों को गुमराह करने के बजाय कृपया सवालों के जवाब दें?
बहरहाल, लोकसभा सांसद के रूप में राहुल गांधी को अयोग्य किए जाने को कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बना दिया है। फैसले का विरोध करने के लिए पार्टी ने सत्याग्रह के रूप में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने भारी तादाद में इसमें हिस्सा लिया। संसद के अंदर दो दिन तक कांग्रेस सांसदों ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किए। इस मुद्दे पर संसद भी ठप है।
राहुल गांधी ने मोदी उपनाम वाले लोगों के बारे में टिप्पणी की थी। बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने पहले इस मामले में याचिका दायर की। फिर खुद ही अपनी याचिका पर स्थगन आदेश ले लिया। लेकिन करीब एक महीना पहले पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी की टिप्पणी के खिलाफ दायर अपनी याचिका पर फिर से सुनवाई का आग्रह किया। सूरत सेशन कोर्ट ने बीजेपी विधायक का आग्रह भी मान लिया। एक महीने की सुनवाई के बाद 23 मार्च को सूरत के सेशन कोर्ट ने राहुल को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुना दी और फौरन ही सजा और गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए राहुल गांधी को इस फैसले के खिलाफ 30 दिनों में बड़ी अदालत में चुनौती देने का अवसर दिया। सूरत कोर्ट के फैसले के अगले ही दिन 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से निलंबित घोषित करते हुए वायनाड सीट को रिक्त घोषित कर दिया।