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जानिए, भारत जोड़ो यात्रा अलग कैसे भारत न्याय यात्रा से

जानिए, भारत जोड़ो यात्रा अलग कैसे भारत न्याय यात्रा से

भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे संस्करण की शुरुआत की घोषणा कांग्रेस ने कर दी है। लेकिन इस बार यह काफ़ी अलग यात्रा होगी। जानिए, यह किस तरह से पहले से अलग होगी।

कांग्रेस ने कहा है कि राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा अगले महीने शुरू होगी। पिछली बार की भारत जोड़ो यात्रा का इस बार नाम बदल दिया गया है। इस 'भारत न्याय यात्रा' में 14 राज्यों के 85 जिलों को कवर किया जाएगा। यह मणिपुर से शुरू होकर नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में पहुँचेगी। यह यात्रा 6,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

यात्रा 14 जनवरी से शुरू होगी और 20 मार्च तक चलेगी। यानी यह क़रीब 66 दिन की यात्रा होगी और 14 राज्यों से गुजरेगी। भारत न्याय यात्रा के लिए बसें यात्रा का साधन होंगी। मार्च के दौरान बीच-बीच में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पैदल मार्च भी होगा। जबकि भारत जोड़ो यात्रा पूरी तरह पैदल मार्च पर ही आधारित थी।

भारत जोड़ो यात्रा

कांग्रेस ने दशकों में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर पिछले साल पदयात्रा जैसा आयोजन किया था। राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा पिछले साल 7 सितंबर को कन्याकुमारी में शुरू हुई थी और 30 जनवरी को श्रीनगर में ख़त्म हुई थी। उसमें 130 दिनों में 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में 3,970 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी।

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी का आशियाना कंटेनर रहा था। यात्रा में शामिल बाक़ी नेता भी कंटेनर में ही रहे। कंटेनर में ही सोने के लिए गद्दे लगाए गए और टॉयलेट भी बनवाए गए थे। यात्रा गुजरने के दौरान हर रोज़ गाँव जैसी बसावट होती थी।

ऐसा इसलिए कि बड़ी संख्या में यात्रा के साथ चलने वाले यात्री होते थे। इसके लिए करीब 60 कंटेनर को आशियाने के रूप में तैयार किया गया था। ये कंटेनर राहुल की यात्रा के साथ नहीं चलते थे, बल्कि दिन के आख़िर में एक जगह पर पहुँच जाते थे और इन्हीं कंटेनरों में रात्रि विश्राम होता था। 

कन्याकुमारी से शुरू होने वाली यात्रा हर रोज़ सुबह 7 बजे शुरू होती थी और बीच-बीच में आराम के बाद शाम 7 बजे तक यात्रा चलती थी। हर रोज़ करीब 22 किलोमीटर की यात्रा होती थी।

राहुल के साथ क़रीब 300 यात्री होते थे और उनकी पूरी व्यवस्था कंटेनरों में होती थी। इसके अलावा स्थानीय कार्यकर्ता, समर्थक, नेता और अन्य लोग भी जुड़ते थे। इसी वजह से उनकी यात्रा में काफी ज़्यादा भीड़ होती थी। जम्मू कश्मीर में यात्रा पहुँचने तक पार्टी को हर रोज़ रणनीति बनानी पड़ती थी और इसके लिए पूरी व्यवस्था की जाती थी।

राहुल गांधी की पिछली भारत जोड़ो यात्रा को गेम चेंजर में से एक माना गया था। कहा जाता है कि उस यात्रा ने पार्टी को कर्नाटक में प्रचंड जीत दर्ज करने में मदद की थी। यात्रा का असर तेलंगाना में भी देखा गया। 23 अक्टूबर और 7 नवंबर, 2022 के बीच, राहुल गांधी ने राज्य को पार किया, उनके मार्ग का एक बड़ा हिस्सा तत्कालीन महबूबनगर जिले में पड़ता था और यह 14 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करता था। कांग्रेस इनमें से 12 को भारत राष्ट्र समिति से छीनने में कामयाब रही।

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