लोकतंत्र हत्या की साजिश में मसीह सिर्फ ‘मोहरा’, पीछे मोदी का ‘चेहरा': राहुल
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर लोकतंत्र की हत्या के लिए साज़िश रचने का आरोप लगाया है। इसने कहा है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव का पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह तो सिर्फ़ एक मोहरा है और इसके पीछे कोई और है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने सीधे-सीधे मोदी सरकार पर लोकतंत्र को ख़त्म करने की साज़िश का आरोप लगाया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट की वजह से स्थिति थोड़ी बहुत अच्छी है।
राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद कहा, "लोकतंत्र की हत्या की भाजपाई साजिश में मसीह सिर्फ ‘मोहरा’ है, पीछे मोदी का ‘चेहरा’ है।"
लोकतंत्र की हत्या की भाजपाई साजिश में मसीह सिर्फ ‘मोहरा’ है, पीछे मोदी का ‘चेहरा’ है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 20, 2024
राहुल गांधी की यह टिप्पणी इसलिए आई है कि आज ही यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आप पार्षद कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम का मेयर घोषित किया है। इसने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा घोषित भाजपा उम्मीदवार के चुनाव को रद्द कर दिया।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह साफ़ है कि पीठासीन अधिकारी ने याचिकाकर्ता के पक्ष में डाले गए 8 मतपत्रों को विकृत करने का जानबूझकर प्रयास किया है ताकि बीजेपी उम्मीदवार को निर्वाचित उम्मीदवार घोषित किया जा सके। शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, 'कल पीठासीन अधिकारी ने इस न्यायालय के समक्ष एक गंभीर बयान दिया कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि 8 मतपत्र विकृत हो गए थे। यह साफ़ है कि कोई भी मतपत्र विकृत नहीं हुआ है।'
कोर्ट ने कहा, 'पीठासीन अधिकारी के आचरण की दो स्तरों पर निंदा की जानी चाहिए। सबसे पहले उन्होंने मेयर चुनाव की प्रक्रिया को गैरकानूनी रूप से बदल दिया। दूसरे, 19 फरवरी को इस न्यायालय के समक्ष एक गंभीर बयान देते हुए पीठासीन अधिकारी ने झूठ बोला जिसके लिए उन्हें ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।'
कोर्ट ने कहा, 'यह न्यायालय यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया इस तरह के हथकंडों से नष्ट न हो। इसलिए हमारा विचार है कि न्यायालय को ऐसी असाधारण परिस्थितियों में बुनियादी लोकतांत्रिक जनादेश सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना चाहिए।' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन कारणों से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि पीठासीन अधिकारी द्वारा घोषित परिणाम गैरकानूनी हैं और इन्हें रद्द किया जाना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'ऐसे मुश्किल हालात में लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए आपका धन्यवाद सुप्रीम कोर्ट।'
Thank you SC for saving democracy in these difficult times! #ChandigarhMayorPolls
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 20, 2024
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'कुलदीप कुमार एक गरीब घर का लड़का है। इंडिया गठबंधन की ओर से चंडीगढ़ का मेयर बनने पर बहुत बहुत बधाई। ये केवल भारतीय जनतंत्र और माननीय सुप्रीम कोर्ट की वजह से संभव हुआ। हमें किसी भी हालत में अपने जनतंत्र और स्वायत्त संस्थाओं की निष्पक्षता को बचाकर रखना है।' आप नेता राघव चड्ढा ने भी सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लोकतंत्र की रक्षा करने वाला बताया है।
सत्यमेव जयते!
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) February 20, 2024
आज माननीय सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय ने भारत में लोकतंत्र के स्तम्भ - स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की रक्षा की है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में 8 'अमान्य' मतपत्रों को वैध मानकर पुनर्मतगणना का निर्देश देने के बाद AAP मेयर उम्मीदवार को विजेता…
प्रिय मोदी जी - नड्डा जी,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 20, 2024
चंडीगढ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट ने सच की जीत पर मुहर लगाकर लोकतंत्र और संविधान के प्रति विश्वास का नया संचार किया है।
सच की राह भले ही काँटों भरी हो लेकिन सत्य का मार्ग हमेशा इतिहास रच देता है।
सत्य न विचलित हो कभी, सत्य न सकता हार ।
मिटे पाप का…
अनिल मसीह पर कैसे-कैसे आरोप?
बता दें कि सीजेआई ने सोमवार को कहा था कि वीडियो से यह बिल्कुल साफ़ है कि आप कुछ मतपत्रों पर एक्स का निशान लगा रहे थे। क्या आपने कुछ मतपत्रों पर X चिह्न लगाए हैं?' इस पर मसीह ने हाँ में जवाब दिया था। जब पूछा गया कि कितने मतपत्रों पर निशान लगाए गए तो मसीह ने 8 बताया था।
मंगलवार को सुनवाई की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट ने मतपत्रों को विकृत किए जाने को लेकर ही की। इसने कहा, 'कल आपने कहा था कि ये मतपत्र विकृत कर दिए गए थे। क्या आप हमें दिखा सकते हैं कि कहां?' मुख्य न्यायाधीश ने यह पूछते हुए आठों मतपत्रों को मसीह, उनके वकील और दूसरे पक्षों को भी दिखाया। उन्होंने कहा, 'सभी आठों ने कुलदीप कुमार के लिए मुहर लगा दी है... वोट श्री कुमार के लिए डाले गए हैं। वह क्या करते हैं... वह एक लाइन डालते हैं। बस एक लाइन, जैसा कि वीडियो में देखा गया है।'
इस पर कुलदीप कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि मसीह की हरकतें अदालत की अवमानना हैं और यह एक जघन्य अपराध है। सिंघवी ने कहा, 'इस व्यक्ति (अनिल मसीह) में इसे वीडियो के सामने करने का साहस था...। मौन धारण करो और फिर अदालत में आओ और सोचो कि वह बच सकता है। वह हम सभी को गुमराह कर रहा था।'