राहुल गांधी का अमेठी से चुनाव लड़ना तय, पर आधिकारिक घोषणा बाक़ी
राहुल गांधी का अमेठी से चुनाव लड़ना तय है। हालाँकि इसकी अभी तक कांग्रेस की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। राहुल के क़रीबी सूत्रों ने सत्य हिंदी को बताया कि राहुल गांधी के नाम की बस अब औपचारिक घोषणा होना ही बाक़ी है और शुक्रवार को उनके नामांकन के लिए पूरी तैयारियाँ कर ली गई हैं।
वैसे, गुरुवार को दिन भर अकटलें लगाई जाती रहीं कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं। कुछ रिपोर्टों में तो सूत्रों के हवाले से यहाँ तक कहा गया कि वह पूरे देश में प्रचार करने के लिए उपलब्ध होना चाहते हैं और इस वजह से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। हालाँकि बाद में गांधी परिवार के नजदीकी माने जाने वाले केएल शर्मा गुरुवार को अमेठी पहुंचे। वहां उन्होंने बयान दिया था कि 'हम उनके फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि गांधी परिवार का कोई सदस्य यहां से चुनाव लड़े... हम सभी प्रयास कर रहे हैं। हमारी पूरी तैयारी जारी है।'
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी के वकील ने पेपर तैयार कर लिए हैं। यानी उनके लिए नामांकन पत्र खरीद लिया गया है। गुरुवार देर शाम को अमेठी में कांग्रेस के कार्यालय में राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बड़े-बड़े पोस्टर लाए गए हैं। एक ट्रक को भी ऐसे ही बड़े-बड़े पोस्टरों से सजाया गया है जिनपर राहुल के नामांकन भरने जाने की संभावना है। राहुल शुक्रवार को नामांकन कर सकते हैं। शुक्रवार को नामांकन भरने का आख़िरी दिन है।
यदि अब राहुल नामांकन भरते हैं तो उनके सामने बीजेपी से स्मृति ईरानी मुक़ाबले में होंगी। राहुल गांधी ने 2004 से लगातार तीन बार अमेठी सीट जीती थी।
कभी गांधी परिवार का गढ़ रही अमेठी सीट 2019 के चुनाव में बीजेपी ने जीत ली। स्मृति ईरानी क़रीब 50 हज़ार वोटों के अंतर से जीती थीं। स्मृति ईरानी को 49.71 फीसदी वोट मिले थे।
2019 में राहुल गांधी को वोट 2014 से ज़्यादा मिले थे, लेकिन वह हार गए थे। 2014 में जहाँ राहुल को 4 लाख आठ हज़ार वोट मिले थे, वहीं 2019 में उनको 4 लाख 13 हज़ार वोट मिले। 2014 के चुनाव में स्मृति ईरानी राहुल गांधी से एक लाख से अधिक वोटों से हार गई थीं।
इससे पहले 2009 के चुनाव में राहुल गांधी को 4 लाख 64 हज़ार से ज़्यादा वोट मिले थे। यह कुल वोटों का क़रीब 71.78 फ़ीसदी था। तब राहुल अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीएसपी उम्मीदवार से 3 लाख 70 हज़ार वोटों के अंतर से जीते थे। 2004 में राहुल गांधी को 3 लाख 90 हज़ार वोट मिले थे और तब वह 2 लाख 90 हज़ार वोट के अंतर से जीते थे।
इधर, रायबरेली के लिए भी कांग्रेस ने किसी नाम की घोषणा नहीं की है। लेकिन संभावना है कि वहाँ से प्रियंका गांधी चुनाल लड़ें। प्रियंका की गुजरात में 3 मई को होने वाली रैलियां स्थगित हो गई हैं। बनासकांठा में होने वाली प्रियंका की रैली अब 4 मई को होगी। प्रियंका 3 मई को यूपी जा रही हैं। माना जा रहा है कि वह रायबरेली जाकर नामांकन भर सकती हैं। शुक्रवार को ही नामांकन का आख़िरी दि है। भाजपा ने गुरुवार को दिनेश प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।