मोदी नेतृत्व ने देश को चक्रव्यूह में फँसाया, जनता उसे तोड़ देगी: राहुल
राहुल गांधी ने लोकसभा में पीएम मोदी, उनके लोगों और बीजेपी पर बड़ा हमला किया। उन्होंने संकेतों में उनको कौरवों की टीम बता दी और भारत के लोगों को अभिमन्यु। राहुल गांधी ने कहा कि आज फिर से चक्रव्यूह रचा जा रहा है, लेकिन देश की जनता अभिमन्यु नहीं है, बल्कि वह अर्जुन है। उन्होंने कहा, 'यह लड़ाई चक्रव्यूह जिसे 6 लोग नियंत्रित करते हैं और शिवजी की बारात के बीच है जो वास्तव में समावेशी है... हम अर्जुनों की धरती से आते हैं और हम इस चक्रव्यूह को भेदेंगे।'
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, 'हजारों साल पहले अभिमन्यु को चक्रव्यूह में 6 लोगों ने मारा था। चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के शेप में होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है। 21वीं सदी में एक और चक्रव्यूह तैयार किया गया है। जो अभिमन्यु के साथ हुआ, वही हिंदुस्तान के साथ किया जा रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'अभिमन्यु को चक्रव्यूह में 6 लोगों ने मारा था। आज भी चक्रव्यूह के बीच में 6 लोग हैं। ये 6 लोग- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अडानी और अंबानी हैं।
In Kurukshetra, Abhimanyu was trapped and killed in a Chakravyuh - a formation controlled by six people, and also known as Padmavyuh for its resemblance to a lotus formation.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 29, 2024
Today a 21st century lotus-shaped Chakravyuh is trapping India and is controlled by six figures:… pic.twitter.com/GMmF4P4w0r
राहुल गांधी सोमवार को लोकसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, 'हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में छह लोगों ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मार डाला था। मैंने थोड़ा शोध किया और पता चला कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह भी कहते हैं- जिसका मतलब है कमल का फूल। चक्रव्यूह कमल के आकार का होता है।'
उन्होंने कहा, '21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह बना है - वह भी कमल के आकार का है। प्रधानमंत्री इसका प्रतीक अपनी छाती पर पहनते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वही अब भारत के साथ किया जा रहा है - देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, छोटे और मध्यम व्यवसायों के साथ।' उन्होंने कहा, 'अभिमन्यु की हत्या छह लोगों ने की थी। आज भी चक्रव्यूह के केंद्र में छह लोग हैं - नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी।' इस पर स्पीकर ओम बिरला ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा, 'अगर आप चाहें तो मैं एनएसए डोभाल और अंबानी और अडानी का नाम छोड़ दूंगा और सिर्फ तीन नाम लूंगा।'
कांग्रेस नेता ने कहा, "भारत पर कब्जा करने वाले 'चक्रव्यूह' के पीछे तीन ताक़तें हैं- एकाधिकार पूंजी का विचार - कि दो लोगों को पूरे भारतीय धन का मालिक बना दो...। दूसरा, एजेंसियां- सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग। और तीसरा, राजनीतिक कार्यपालिका।" राहुल गांधी ने आरोप लगाया, 'ये तीनों मिलकर चक्रव्यूह के केंद्र में हैं और इस देश को तबाह कर दिया है।'
उन्होंने कहा, 'चक्रव्यूह बनाने वालों को गलतफहमी है। उन्हें लगता है कि देश के युवा और पिछड़े लोग अभिमन्यु हैं.. लेकिन वे अभिमन्यु नहीं हैं- अर्जुन हैं, जो आपका चक्रव्यूह तोड़कर फेंक देंगे।'
उन्होंने कहा, 'आपने जो चक्रव्यूह बनाया है, उससे करोड़ों लोगों को नुक़सान हो रहा है। हम इस चक्रव्यूह को तोड़ने जा रहे हैं। ऐसा करने का सबसे बड़ा तरीका, जो आपको डराता है, वह है जाति जनगणना।' उन्होंने कहा कि 'जैसा कि मैंने कहा इंडिया गठबंधन इस सदन में गारंटीकृत कानूनी एमएसपी पारित करेगा। इसी तरह, हम इस सदन में जाति जनगणना पारित करेंगे, चाहे आपको यह पसंद हो या न हो।'
मैं INDIA गठबंधन की तरफ से देश के किसानों से कहना चाहता हूं-
— Congress (@INCIndia) July 29, 2024
हम किसानों को MSP की कानूनी गारंटी देंगे।
: नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi pic.twitter.com/aQcy0UCgUA
उन्होंने कहा, 'वित्त मंत्री जी ने बजट में इंटर्नशिप प्रोग्राम की बात की। ये एक मजाक है, क्योंकि आपने कहा कि इंटर्नशिप प्रोग्राम देश की 500 बड़ी कंपनियों में होगा। 99% युवाओं का इस प्रोग्राम से कोई लेना-देना नहीं है... यानी आपने पहले टांग तोड़ दी, फिर आप बैंडेज लगा रहे हैं। सच्चाई ये है कि आपने बेरोजगारी और पेपर लीक का चक्रव्यूह बना दिया है। युवाओं के लिए पेपरलीक आज सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन बजट में इसकी बात नहीं की गई। इसके उलट आपने शिक्षा का बजट घटा दिया है।'
'बजट का हलवा बंटा, इसमें देश के 73% लोग हैं ही नहीं'
20 अफसरों ने मिलकर हिंदुस्तान का बजट बनाया है, जिसमें सिर्फ एक माइनॉरिटी और एक ओबीसी है। बजट का हलवा बंट रहा है, लेकिन इसमें देश के 73% लोग हैं ही नहीं।'
कौन खा रहा है 'बजट का हलवा'? pic.twitter.com/CdodhiO6TG
— Congress (@INCIndia) July 29, 2024
22 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'बजट में कर आतंक के मुद्दे को संबोधित नहीं किया गया है, और इससे छोटे व्यवसायों को बहुत नुकसान हुआ है। मेरी उम्मीद थी कि यह बजट इस चक्रव्यूह की शक्ति को कमजोर करेगा, यह बजट इस देश के किसानों की मदद करेगा, इस देश के युवाओं की मदद करेगा, इस देश के मजदूरों, इस देश के छोटे व्यवसायों की मदद करेगा।' उन्होंने कहा कि लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
राहुल ने कहा, 'देश का मध्यम वर्ग शायद इस बजट से पहले प्रधानमंत्री को सपोर्ट करता था। क्योंकि जब कोरोना में प्रधानमंत्री ने मध्यम वर्ग से थाली बजाने और मोबाइल की लाइट जलाने के लिए कहा, तो उन्होंने ये सब किया। लेकिन इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडेक्सेशन और कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाकर मध्यम वर्ग के लोगों पर ही प्रहार किया है।'