रक्षा मंत्री ने शहीद अग्निवीर के परिवार को मदद के बारे में संसद में झूठ बोला: राहुल
शहीद अग्निवीर के परिवार को आर्थिक मदद को लेकर संसद में राहुल गांधी के जिस बयान को सरकार से लेकर सोशल मीडिया यूज़रों तक ने तथ्यात्मक रूप से ग़लत बताया था, उसको अब राहुल गांधी ने शहीद अग्निवीर के परिवार के दावे के आधार पर ग़लत बताया है। उन्होंने रक्षा मंत्री के बयान को झूठा क़रार दिया है।
अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा था कि 'शहीद' अग्निवीर के परिवार को पेंशन नहीं मिलेगी, उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा, उसे शहीद नहीं कहा जाएगा। इसी बयान पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बीच में टोकते हुए कहा था कि राहुल गांधी ग़लत बयान देकर सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। रक्षा मंत्री के इसी बयान को राहुल ने एक वीडियो जारी कर झूठा क़रार दिया है।
सत्य की रक्षा हर धर्म का आधार है!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 3, 2024
लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद अग्निवीर के परिवार को सहायता मिलने के बारे में संसद में झूठ बोला।
उनके झूठ पर शहीद अग्निवीर अजय सिंह के पिता जी ने खुद सच्चाई बताई है।
रक्षा मंत्री को संसद, देश, सेना और शहीद अग्निवीर अजय सिंह जी के… pic.twitter.com/H2odxpfyOO
राहुल ने कहा है, 'सत्य की रक्षा हर धर्म का आधार है! लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद अग्निवीर के परिवार को सहायता मिलने के बारे में संसद में झूठ बोला। उनके झूठ पर शहीद अग्निवीर अजय सिंह के पिता जी ने खुद सच्चाई बताई है। रक्षा मंत्री को संसद, देश, सेना और शहीद अग्निवीर अजय सिंह जी के परिवार से माफी मांगनी चाहिए।'
इसको लेकर राहुल गांधी ने जो वीडियो जारी किया है उसमें एक जान गँवाने वाले अग्निवीर के पिता का वीडियो बयान है जिसमें वह कहते हैं कि उनको केंद्र से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली। वह वीडियो में कहते सुने जा सकते हैं कि पंजाब सरकार से मदद मिली, लेकिन केंद्र सरकार ने कोई मदद नहीं की।
राहुल गांधी के ट्वीट के क़रीब दो घंटे बाद सेना की ओर से ट्वीट कर कहा गया, ;सोशल मीडिया पर कुछ पोस्टों से पता चला है कि कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान गंवाने वाले अग्निवीर अजय कुमार के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया है। ...देय कुल राशि में से अग्निवीर अजय के परिवार को पहले ही 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। अग्निवीर योजना के प्रावधानों के अनुसार लागू लगभग 67 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और अन्य लाभ, पुलिस सत्यापन के तुरंत बाद अंतिम खाता निपटान पर भुगतान किए जाएंगे। कुल राशि लगभग 1.65 करोड़ रुपये होगी...।'
*CLARIFICATION ON EMOLUMENTS TO AGNIVEER AJAY KUMAR*
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) July 3, 2024
Certain posts on Social Media have brought out that compensation hasn't been paid to the Next of Kin of Agniveer Ajay Kumar who lost his life in the line of duty.
It is emphasised that the Indian Army salutes the supreme… pic.twitter.com/yMl9QhIbGM
राहुल गांधी और राजनाथ सिंह के बीच अग्निवीर योजना पर संसद में जबर्दस्त बहस हुई थी। लोकसभा में पहली बार विपक्ष के नेता बने राहुल गांधी ने लोकसभा में अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा और इसे सरकार के लिए 'इस्तेमाल करो और फेंक दो' वाली योजना करार दिया था। इस योजना के तहत भर्ती किए गए लोगों को अग्निवीर कहा जाता है। उन्होंने कहा था, 'एक अग्निवीर ने बारूदी सुरंग विस्फोट में अपनी जान गँवा दी, लेकिन उसे 'शहीद' नहीं कहा जाता। मैं उसे शहीद कहता हूँ, लेकिन भारत सरकार उसे शहीद नहीं कहती। प्रधानमंत्री मोदी उसे शहीद नहीं कहते। वह उसे अग्निवीर कहते हैं। उसके परिवार को पेंशन नहीं मिलेगी। उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। उसे शहीद नहीं कहा जाएगा। उसके लोगों को पेंशन नहीं मिलेगी। उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। अग्निवीर को मजदूर की तरह इस्तेमाल किया जाता है और फेंक दिया जाता है।'
इस पर राजनाथ सिंह विरोध करने के लिए खड़े हो गए थे। रक्षा मंत्री ने कहा था,
“
राहुल गांधी को गलत बयान देकर सदन को गुमराह करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए या युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
इस पर राहुल ने विरोध जताते हुए कहा था, 'ग़लत। नहीं है सर; ग़लत। नहीं है सर।' राहुल ने अपने भाषण में मुआवजा और पेंशन दोनों का इस्तेमाल किया और जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने मुआवजा शब्द का इस्तेमाल किया था।
बता दें कि इस योजना के तहत 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए भर्ती किया जाता है। इन भर्तियों में से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है। शेष को उनकी सेवा समाप्त होने पर वित्तीय पैकेज दिया जाता है।
नियम तो यह है कि चार साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अग्निवीरों को एकमुश्त 10.04 लाख रुपये मिलेंगे। रिपोर्टों में सेना की वेबसाइट के हवाले से कहा गया है कि ऑन ड्यूटी मृत्यु होने पर शहीद हुए अग्निवीर के परिवार को 48 लाख रुपए का बीमा कवर, 44 लाख रुपए की अनुग्रह राशि, चार साल के कार्यकाल में बचे समय का पूर्ण वेतन और सेवा निधि दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन राहुल गांधी ने बारूदी सुरंग विस्फोट में जान गँवाने वाले अग्निवीर के परिवार को केंद्र से कोई सहायता नहीं मिलने का दावा करते हुए राजनाथ सिंह के बयान को झूठ बताया है।