राहुल ने कहा, मोदी हैं प्राइम टाइम मिनिस्टर, चला रहे फ़ोटोशूट सरकार
क्या नरेंद्र मोदी की सरकार ‘फ़ोटोशूट’ सरकार है और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘प्राइम टाइम मिनिस्टर’ हैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने शुक्रवार को ट्वीट करके प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पर तल्ख टिप्पणी की। राहुल गाँधी ने ट्विटर पर एक हैशटैग चलाया है जिसका नाम है #PhotoShootSarkar। इस हैशटैग के बहाने राहुल ने लिखा है, “पुलवामा में 40 जवानों की शहादत की ख़बर के तीन घंटे बाद भी ‘प्राइम टाइम मिनिस्टर’ फ़िल्म शूटिंग करते रहे। देश के दिल और शहीदों के घरों में दर्द का दरिया उमड़ा था और वे हँसते हुए उस दरिया में फ़ोटोशूट पर थे।”
राहुल गाँधी ने इस टिप्पणी के साथ जिम कार्बेट में शूटिंग करते हुए प्रधानमंत्री की चार तसवीरें भी रिलीज कीं।
पुलवामा में 40 जवानों की शहादत की खबर के तीन घंटे बाद भी ‘प्राइम टाइम मिनिस्टर’ फिल्म शूटिंग करते रहे।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 22, 2019
देश के दिल व शहीदों के घरों में दर्द का दरिया उमड़ा था और वे हँसते हुए दरिया में फोटोशूट पर थे।#PhotoShootSarkar pic.twitter.com/OMY7GezsZN
तस्वीर नंबर एक में प्रधानमंत्री मोदी की पीठ दिखायी पड़ रही है। उनके पीछे सुरक्षा के कुछ जवान खड़े हैं। अगल-बगल खड़ी एसपीजी भी दिख रही है और एक कैमरामैन सामने से प्रधानमंत्री की फ़ोटो खींच रहा है। उसके कंधे पर एक और कैमरा लटका हुआ है। बैकग्राउंड में पहाड़ और पेड़-पौधे दिख रहे हैं।
तसवीर नंबर दो में एक झील का दृश्य है। उसमें एक मोटर बोट दिखायी पड़ रही है। लॉन्ग शॉट में प्रधानमंत्री मोदी मोटर बोट में बैठे दिखायी पड़ रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों की एक कैप लगा रखी है। उनके पाछे एक आदमी झुका हुआ दिखायी पड़ रहा है जो संभवत: एसपीजी का जवान हो सकता है। तसवीर में बाईं तरफ़ कुछ लोगों की पीठ दिखायी पड़ रही है।
तीसरी तसवीर में दूर का शॉट दिखायी पड़ रहा है जहाँ क़रीब 30 लोग नज़र आ रहे हैं। इसमें से कुछ एसपीजी की सुरक्षा के लोग जान पड़ते हैं और कुछ लोग शूटिंग करने वाली टीम के सदस्य हैं। इस दृश्य में बिलकुल साफ़ दिख रहा है कि किसी फ़िल्म की शूटिंग हो रही है। एक आदमी बैकपैक लिए भारी-भरकम ट्राईपैड उठा कर चल रहा है। दूसरा बूम माइक लिए चल रहा है। एक अन्य आदमी के हाथ में रिफ्लेक्टर है और बोट के क़रीब प्लेटफॉर्म पर कैमरा लिए एक आदमी खड़ा है। इस तसवीर में प्रधानमंत्री नहीं दिख रहे हैं।
चौथी तसवीर पहाड़ियों के बीच एक झील की है जिसमें छह मोटर बोट दिख रही हैं। सबसे आगे वाली बोट में कुछ लोग सवार हैं। यह वही बोट है जिसमें दूसरी तसवीर में प्रधानमंत्री बैठे दिखायी पड़ रहे हैं।
वैसे इन चारों तसवीरों को देखकर यह कहना मुश्किल है कि यह किस वक्त की तसवीर है। क्योंकि आसमान में बादल छाये हुए हैं और धूप का नामो-निशान नहीं है।
कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर यह दावा किया था कि पुलवामा हमले के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी जिम कार्बेट में डिस्कवरी चैनल के लिए शूटिंग कर रहे थे। शुक्रवार को पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर फिर यह सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री देश को बताएँ कि 3 बजकर 10 मिनट पर जब पुलवामा में हमला होता है और 5 बजकर 10 मिनट पर रैली को संबोधित कर रहे थे, इस दरमियान आप कहाँ थे कांग्रेस ने आज सीधे प्रधानमंत्री पर हमला किया और कहा कि इतनी बड़ी घटना हुई तो क्या प्रधानमंत्री को पहला काम यह नहीं करना चाहिए था कि रैली को संबोधित करने से पहले इस हमले की निंदा करते और शोक में दो मिनट के लिए मौन रखकर श्रद्धांजलि देते
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मनीष तिवारी ने आगे कहा, 'या तो प्रधानमंत्री को जानकारी दी गयी थी और वह इस हमले के बारे में पूरी तरह से असंवेदनशील थे या फिर दोपहर 3:10 से लेकर 5:10 बजे तक हमले की उनको कुछ जानकारी ही नहीं थी। और अगर प्रधानमंत्री को दो घंटे तक यह पता ही नहीं था कि इतना बड़ा हमला हो गया है तो शीर्ष स्तर पर क्या संचार-व्यवस्था है, इस पर सवाल खड़ा होता है।
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इसके बाद मनीष तिवारी ने कहा कि हम बड़ी ज़िम्मेदारी के साथ कहना चाहते हैं कि हम एक परमाणु संपन्न देश हैं और शीर्ष पर संचार-व्यवस्था का यह हाल है तो यह और भी गंभीर बात है।
कांग्रेस ने शुक्रवार को माँग की कि प्रधानमंत्री ख़ुद जवाब दें कि 3.10 से लेकर 5.10 तक वह क्या कर रहे थे कांग्रेस और राहुल गाँधी के इस हमले के बाद बीजेपी भी हमलावर हो गयी। बीजेपी ने राहुल गाँधी के #PhotoShootSarkar वाले ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पलटवार किया। बीजेपी ने लिखा, ‘राहुल जी आपके फ़ेक न्यूज़ से देश तंग आ चुका है। उस दिन सुबह की तसवीर को बेशर्मी के साथ फैला कर राष्ट्र को गुमराह न करें। हो सकता है आपको हमले की जानकारी पहले मिल गयी हो लेकिन भारत की जनता को हमले की जानकारी तो शाम को ही मिली। अगली बार आप बेहतर स्टंट करें जो जवानों के बलिदान से जुड़ा न हो।’
Rahul Ji, India is tired of your fake news. Stop sharing photos from that morning to shamelessly mislead the nation.
— BJP (@BJP4India) February 22, 2019
Maybe you knew in advance of the attack but people of India got to know in the evening.
Try a better stunt next time, where sacrifice of soldiers isn’t involved. https://t.co/qiAhUKrNdg
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प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान सिर्फ़ चुनाव प्रचार पर
'सत्य हिंदी' ने आपको गुरुवार को बताया था कि पुलवामा हमले के बाद शूटिंग के आरोप का न तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने खंडन किया और न ही क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने खंडन किया है। शुक्रवार को बीजेपी की तरफ़ से यह बताने की कोशिश की गयी कि शूटिंग दरअसल पुलवामा हमले के पहले हुयी थी और राहुल गाँधी झूठी तसवीरें लोगों के बीच में फैला रहे हैं। यह सच है कि राहुल गाँधी ने जो तस्वीरें ट्वीट की हैं उनको देखकर यह बताना मुश्किल है कि ये तसवीरें 3 बजकर 10 मिनट से पहले यानी पुलवामा हमले के पहले की हैं या बाद की। तसवीर में बादल छाये हुए हैं और धूप का नामो निशान नहीं है। लेकिन यह बात पूरे विश्वास के साथ कही जा सकती है और इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि उन्होंने पुलवामा हमले के दो घंटे बाद रुद्रपुर में रैली को संबोधित किया था।यानी इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी प्रधानमंत्री का ध्यान अपने चुनावी प्रचार पर था। अब प्रधानमंत्री को कांग्रेस के सवाल का जवाब देना चाहिए कि पुलवामा में इतनी बड़ी घटना हो गयी तो उन्होंने रैली कैंसिल क्यों नहीं की टेलीफ़ोन पर रैली को संबोधित करने की क्या मजबूरी थी और क्या रैली को संबोधित करने से पहले उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी और दो मिनट का मौन लोगों से रखवाया था या नहीं और अगर प्रधानमंत्री जी को वाक़ई में पुलवामा की घटना की जानकारी नहीं थी तो राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर इससे बड़ी ख़तरनाक बात हो ही नहीं सकती है।
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एनएसए या प्रधानमंत्री को पद छोड़ें : यशवंत सिन्हा
पिछली बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि या तो एनएसए या फिर प्रधानमंत्री को पद छोड़ देना चाहिए।PM should come clean on what he was doing in the afternoon/evening of Feb 14 when Pulwama attack took place. If the NSA did not inform him immediately he has no business continuing in his post. If he did and PM still remained unconcerned then he must go.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) February 22, 2019
उन्होंने लिखा, 'प्रधानमंत्री को इस पर सफ़ाई देनी चाहिए कि 14 फ़रवरी की दोपहर/शाम तब वह क्या कर रहे थे जब पुलवामा हमला हुआ था। यदि एनएसए ने उन्हें इसकी जानकारी तुरंत नहीं दी तो उनको पद पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है। यदि उन्होंने जानकारी दी और फिर भी प्रधानमंत्री को चिंता नहीं हुई तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।'