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भारत जोड़ो यात्रा: राहुल के साथ चले पूर्व गवर्नर रघुराम राजन

भारत जोड़ो यात्रा: राहुल के साथ चले पूर्व गवर्नर रघुराम राजन

रघुराम राजन राजस्थान के सवाई माधोपुर के भाडोती इलाके से गुजर रही इस यात्रा में शामिल हुए। इससे पहले एक्टिविस्ट मेधा पाटकर, धर्मगुरु कंप्यूटर बाबा, अभिनेत्री स्वरा भास्कर, बॉक्सर विजेंदर सिंह जैसे जाने पहचाने नाम भी इस यात्रा में शामिल हो चुके हैं। 

कांग्रेस के द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा में बुधवार को आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी शामिल हुए। भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों राजस्थान में चल रही है। यह यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश का सफर तय करते हुए राजस्थान पहुंची है। 

भारत जोड़ो यात्रा कुल 3570 किमी. की है। इस यात्रा को तीन महीने पूरे हो चुके हैं। 

रघुराम राजन कुछ देर के लिए राजस्थान के सवाई माधोपुर के भाडोती इलाके से गुजर रही इस यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सहित राजस्थान कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं ने यात्रा में शिरकत की। 

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हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित विधायक भी जल्द ही इस यात्रा में शामिल होंगे। इससे पहले एक्टिविस्ट मेधा पाटकर, धर्मगुरु कंप्यूटर बाबा, अभिनेत्री स्वरा भास्कर, बॉक्सर विजेंदर सिंह जैसे जाने पहचाने नाम भी इस यात्रा में शामिल हो चुके हैं। 

आर्थिक नीतियों की आलोचना कर चुके हैं राजन

रघुराम राजन आर्थिक नीतियों को लेकर मोदी सरकार की कई बार तीखी आलोचना कर चुके हैं। रघुराम राजन ने साल 2019 में कहा था कि प्रधानमंत्री, पीएमओ और उससे जुड़े कुछ लोग ही तमाम नीतियां बनाते हैं और फैसले लेते हैं। 

अर्थशास्त्र की बेहतर समझ रखने वाले रघुराम राजन ने कोरोना के बाद बने खराब आर्थिक हालात के दौरान सरकार को चेताया था कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए वरना यह चौपट हो जाएगी और फिर इसे दुरुस्त करना मुश्किल होगा। 

रघुराम राजन ने साल 2016 दोबारा गवर्नर बनने से इंकार कर दिया था। उन्हें हटाए जाने को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अभियान चलाया था। वह सितंबर, 2013 से सितंबर, 2016 तक गवर्नर के पद पर रहे थे। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अक्टूबर, 2019 में न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रघुराम राजन का कार्यकाल भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का "सबसे खराब दौर" था। उन्हें जवाब देते हुए राजन ने कहा था कि गवर्नर के रूप में उनका दो-तिहाई कार्यकाल एनडीए सरकार में ही रहा था और वह यूपीए सरकार के वक्त सिर्फ 8 महीने तक गवर्नर रहे थे। 

रघुराम राजन ने साल 2008 में आए वैश्विक वित्तीय संकट की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी।  उन्होंने नोटबंदी के फैसले को लेकर मोदी सरकार को चेताया था। राजन ने इस साल जून में कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का जो लक्ष्य रखा गया है, अगर कोरोना महामारी नहीं आई होती, उसके बाद भी उसे हासिल करना नामुमकिन था। 

सरकार को किया था आगाह

रघुराम राजन ने इस साल अप्रैल में आगाह किया था कि अल्पसंख्यक विरोधी छवि से कंपनियों को नुकसान हो सकता है और इसका यह नतीजा भी हो सकता है कि विदेशी सरकारें भारत को अविश्वसनीय सहयोगी के तौर पर देखने लगें। 

बीजेपी के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा है कि रघुराम राजन का इस यात्रा में शामिल होना कोई हैरान करने वाली बात नहीं है और वह खुद को अगला मनमोहन सिंह मानते हैं।

भारत जोड़ो यात्रा इसके बाद हरियाणा में प्रवेश करेगी और यहां यह यात्रा 21 से 23 दिसंबर तक रहेगी। इसके लिए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जोरदार तैयारियां की हैं। 

कांग्रेस के सामने चुनौती

कांग्रेस लंबे वक्त देश में एकछत्र शासन करती रही है। साथ ही देश के कई राज्यों में भी उसने अपने दम पर हुकूमत चलाई है लेकिन गठबंधन की राजनीति के दौर में कांग्रेस कमजोर होना शुरू हुई। 2004 से 2014 तक उसने केंद्र में गठबंधन सरकार चलाई। लेकिन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के साथ ही पार्टी को कई राज्यों में चुनावी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इसके अलावा बड़ी संख्या में कई वरिष्ठ नेता भी पार्टी छोड़कर चले गए। हालांकि हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों ने उसे ऊर्जा दी है। 

अब जब 2024 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ डेढ़ साल का वक्त बचा है तो कांग्रेस एक बार फिर भारत जोड़ो यात्रा के जरिए संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

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2023 है चुनावी साल 

बताना होगा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले साल 2023 बेहद अहम है। साल 2023 में 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन राज्यों में कर्नाटक, नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना शामिल हैं। 

2024 लोकसभा चुनाव

2024 के लोकसभा चुनाव का वक्त जैसे-जैसे नजदीक आएगा विपक्ष और बीजेपी दोनों अपनी तैयारियों को तेज करेंगे। जनता से जुड़े तमाम मुद्दों पर सरकार फोकस करेगी तो विपक्ष जनता की समस्याओं को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करेगा। ऐसे में 2024 का चुनावी मुकाबला निश्चित रूप से बेहद जोरदार होने की पूरी उम्मीद है और अगर विपक्षी दलों का एक फ्रंट बना तो इससे बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

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