रफ़ाल पर मोदी सरकार को बड़ा झटका, दोबारा सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट रफ़ाल डील पर दोबारा सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए लीक हुए दस्तावेज़ों की वैधता को मंजूरी दे दी है।
ये दस्तावेज़ रक्षा मंत्रालय से लीक हुए थे। बता दें कि कोर्ट को यह फ़ैसला करना था कि जो दस्तावेज़ लीक हुए हैं, उस आधार पर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी या नहीं। सुप्रीम कोर्ट अब पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए नई तारीख़ तय करेगा।
ये याचिकाएँ मुख्य रूप से रफ़ाल के लीक हुए दस्तावेज़ों की साक्ष्य के रूप में स्वीकार्यता और सरकार की ओर इस पर उठाए गए विशेषाधिकार हनन के मामले पर आधारित थीं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि रफ़ाल मामले में रक्षा मंत्रालय से लीक हुए गोपनीय दस्तावेजों का भी वह परीक्षण करेगा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यों की बेंच ने सर्वसम्मति से दिए फ़ैसले में कहा कि जो नए दस्तावेज सामने आए हैं, उस आधार पर मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई होगी। बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस एस. के. कौल और जस्टिस के. एम. जोसेफ़ शामिल हैं।
फ़ैसला आने के बाद मामले में याचिकाकर्ता अरुण शौरी ने कहा कि तीनों जजों ने सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया कि ये चोरी के दस्तावेज़ हैं, इसलिए इसे कोर्ट में पेश नहीं किया जा सकता है।
रफ़ाल मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी सार्वजनिक मंचों से प्रधानमंत्री मोदी पर रफ़ाल डील को लेकर निशाना साधते रहे हैं। ऐसे में रफ़ाल मामले पर कोर्ट के आज के फ़ैसले के बाद मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी जी, आप जितना चाहें उतना झूठ बोलकर भाग सकते हैं लेकिन जल्द ही या थोड़े समय बाद सच सामने आएगा। अब आपके बचने के लिए कोई ऑफ़िशियल सीक्रेट्स एक्ट भी नहीं है।
Modiji, you can run and lie as much as you want,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 10, 2019
But sooner or later the truth comes out.
The skeletons in #RafaleScam are tumbling out one by one.
And now there is ‘no official secrets act’ to hide behind.
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कोर्ट के फ़ैसले पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस फ़ैसले से साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रफ़ाल में चोरी की है और देश की सेना से धोखा किया है। केजरीवाल ने कहा है कि अपना जुर्म छिपाने के लिए प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया।
मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफ़ेल में क्लीन चिट मिली है। आज के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफ़ेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया। https://t.co/9dup2BpEnq
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 10, 2019
तीन जज़ों की बेंच ने इस मामले पर 14 मार्च को सुनवाई पूरी कर ली थी। ये याचिकाएँ 36 रफ़ाल लड़ाकू जहाज़ ख़रीदने के सरकार के फ़ैसले से जुड़ी याचिकाओं पर बीते साल 14 दिसंबर के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर फिर से विचार करने के लिए दायर की गई थीं।
सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने सर्वोच्च अदालत से कहा था कि ये याचिकाएँ रफ़ाल के चुराए गए दस्तावेज़ों पर आधारित हैं, लिहाज़ा, इन्हें खारिज कर दिया जाना चाहिए।
सरकार चाहती थी कि रफ़ाल से जुड़े दस्तावेज की पड़ताल पर अदालत रोक लगा दे, हालाँकि मीडिया में उससे जुड़ी ख़बरें पहले ही छप चुकी हैं। 'द हिन्दू' ने रफ़ाल से जुड़ी ख़बरें लगातार छापी थीं और सरकार ने आरोप लगाया था कि ये ख़बरें चोरी के दस्तावेज़ पर आधारित हैं। सरकार ने यह भी कहा था कि यह ऑफ़िशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन है। अख़बार ने इससे इनकार किया था और अख़बार के प्रमुख और ख़बरें लिखने वाले एन. राम ने कहा था कि वे हर कीमत पर अपने स्रोत की गोपनीयता बरक़रार रखेंगे।
यह फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब लोकसभा चुनाव की ज़ोरदार तैयारियाँ चल रही हैं, प्रचार अभियान तेज़ हो चुका है। गुरुवार यानी अगले दिन ही पहले चरण का मतदान है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के राजनीतिक मायने निकाले जाएँगे।
कोर्ट के फ़ैसले के सियासी इस्तेमाल से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। हालाँकि सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी रफ़ाल के मुद्दे पर रक्षात्मक मुद्रा में है, पर उसने इसे रक्षा सौदों और सरकार की गोपनीयता से जोड़ कर राष्ट्रीयता का मुद्दा ज़रूर खड़ा कर रखा है।