पुतिन ने यूक्रेन के विद्रोही इलाकों को मान्यता दी, ईयू ने कहा - घोर उल्लंघन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूर्वी यूक्रेन के विद्रोही दो इलाकों को आज़ाद या अलग देश के तौर पर मान्यता दे दी है। इन इलाक़ों के नाम लुहान्स्क और दोनेत्स्क हैं। पुतिन ने मंगलवार तड़के राष्ट्र के नाम संबोधन में इस बात का एलान किया। पुतिन के इस कदम पर यूरोपियन यूनियन (ईयू) ने नाराजगी जताई है।
पुतिन ने यूक्रेन के इन विद्रोही या अलगाववादी इलाकों के नेताओं को मदद देने पर भी अपनी सहमति जताई है। लुहान्स्क और दोनेत्स्क में रूस समर्थक लोगों की एक बड़ी तादाद है।
पुतिन की ओर से यूक्रेन के अलगाववादी इलाकों में रूस की सेनाएं भेजने का भी एलान किया गया है। पुतिन ने अपने आदेश में कहा है कि वह यूक्रेन के विद्रोही इलाकों में अपनी सेनाओं को शांति स्थापित करने के लिए भेज रहे हैं। नैटो देशों ने भी रूस के इस फैसले का पुरजोर विरोध किया है।
पुतिन ने सोमवार को रूस की सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई और इसमें उन्होंने पूर्वी यूक्रेन के इन इलाकों को मान्यता देने का फैसला किया। पुतिन के इस एलान के बाद संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने बैठक बुलाई और आगे बनने वाले हालात को लेकर चर्चा की।
ईयू की अध्यक्ष उर्सुला ने ट्वीट कर कहा कि यूक्रेन में दो अलगाववादी इलाकों को मान्यता देना अंतरराष्ट्रीय नियमों का, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और मिन्स्क समझौते का भी घोर उल्लंघन है।
The recognition of the two separatist territories in #Ukraine is a blatant violation of international law, the territorial integrity of Ukraine and the #Minsk agreements.
— Ursula von der Leyen (@vonderleyen) February 21, 2022
The EU and its partners will react with unity, firmness and with determination in solidarity with Ukraine.
ईयू के 27 देशों ने रूस को चेताया था कि अगर वह यूक्रेन के विद्रोही इलाकों को किसी तरह की मान्यता देगा तो उस पर प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे। हालात को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपने कुछ दौरों को रद्द कर दिया है और वह न्यूयॉर्क वापस लौट गए हैं।