+
उत्तराखंड इस विधानसभा सत्र में यूसीसी लागू करने के लिए विधेयक लाएगा: धामी

उत्तराखंड इस विधानसभा सत्र में यूसीसी लागू करने के लिए विधेयक लाएगा: धामी

उत्तराखंड की विधानसभा में अगले कुछ दिनों में ही यूनिफॉर्म सिविल कोड या यूसीसी को पास कर दिया जाएगा? जानिए, इसको लेकर राज्य सरकार की क्या तैयारी है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा है कि उत्तराखंड आगामी विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाकर राज्य में यूसीसी को लागू करेगा। उन्होंने कहा कि यूसीसी विधेयक का मसौदा तैयार करने वाली समिति द्वारा दो फरवरी को राज्य सरकार को मसौदा सौंपने की उम्मीद है।

धामी ने एक्स पर पोस्ट किया है, 'हमारी सरकार हमेशा आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण और चुनाव से पहले उत्तराखंड के लोगों के सामने रखे गए संकल्प और आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रतिबद्ध रही है।'

उन्होंने कहा कि हम आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। धामी ने कहा कि यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय समिति 2 फरवरी को अपना मसौदा राज्य सरकार को सौंपेगी।

पिछले साल 27 मई को राज्य सरकार ने यूसीसी के कार्यान्वयन और उत्तराखंड में रहने वाले लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक क़ानूनों की जाँच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। नवगठित उत्तराखंड सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इसकी घोषणा की गई। यूसीसी राज्य में चुनाव से पहले भाजपा के प्रमुख चुनावी वादों में से एक था।

कुछ दिन पहले भी मीडिया में सूत्रों के हवाले से ख़बर आई थी कि फरवरी की शुरुआत में उत्तराखंड सरकार यूसीसी विधेयक पर चर्चा और पारित करने के लिए 5 फरवरी को एक दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र बुलाएगी। इकोनॉमिक टाइम्स ने रिपोर्ट दी थी कि सरकार ने उत्तराखंड विधानसभा का सत्र 5 फरवरी को बुलाया है। 25 जनवरी को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जल्द से जल्द यूसीसी के कार्यान्वयन के बारे में पर्याप्त संकेत दिए थे। 

उन्होंने कहा था कि यूसीसी को लेकर बनी समिति ने अपना काम लगभग पूरा कर लिया है। इसे संकलित करने और कुछ अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए थोड़ा और समय चाहिए, इसलिए समिति की समय सीमा 15 दिन बढ़ा दी गई।

यूसीसी भाजपा का काफी पुराना एजेंडा है। कई दशकों से भाजपा जनता से वादा करती रही है कि वह यूसीसी को लागू करेगी। राष्ट्रीय स्तर पर यह अब तक संभव नहीं हो पाया है। 

माना जा रहा है कि यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड में मुस्लिम समाज के तलाक के तरीके में भी बदलाव होगा। इसके लागू होने के बाद धार्मिक तरीकों से होने वाला तलाक अवैध हो जाएगा। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें