पंजाब की भगवंत मान सरकार ने मंगलवार तड़के बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को गिरफ्तार कर लिया। धर्मसोत की गिरफ्तारी विजिलेंस ब्यूरो ने की है। साधु सिंह की गिरफ्तारी पटियाला के अमलोह से हुई है।
उनकी गिरफ्तारी से कुछ दिन विजिलेंस ब्यूरो ने मोहाली के पूर्व डीएफओ गुरमनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था।
डीएफओ का एक स्टिंग सामने आया था जिसमें वह चंडीगढ़ के इलाके में एक अवैध फार्म हाउस को बेचने को लेकर रिश्वत लेते हुए दिखाई दिए थे।
डीएफओ और ठेकेदार हरमिंदर सिंह हम्मी ने विजिलेंस ब्यूरो को वन महकमे में हुई गड़बड़ियों के बारे में जानकारी दी थी। साधु सिंह पर यह भी आरोप है कि वह 25000 पेड़ों की अवैध तरीके से कटाई में शामिल रहे हैं।
अमरिंदर के करीबी थे साधु
साधु सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं और नाभा सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं। साधु सिंह को अमरिंदर सिंह ने अपनी कैबिनेट में वन और समाज कल्याण महकमे का मंत्री बनाया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में साधु सिंह को हार मिली थी।
अमरिंदर सिंह के कार्यकाल के दौरान साधु सिंह का नाम पोस्ट मैट्रिक एससी स्कॉलरशिप घोटाले में सामने आया था। इस घोटाले में केंद्र सरकार के द्वारा भेजी गई रकम के वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की बात कही गई थी। तब अमरिंदर सिंह सरकार ने इसकी जांच का आदेश दिया था लेकिन साधु सिंह को इसमें क्लीन चिट मिली थी।
कांग्रेस में जब अमरिंदर के खिलाफ आवाज उठी थी तो साधु सिंह ने अमरिंदर का खुलकर साथ दिया था। हालांकि वह पार्टी छोड़कर अमरिंदर के साथ नहीं गए थे लेकिन चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी।
सिंगला पर कार्रवाई
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने कुछ दिन पहले अपने कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। विजय सिंगला पर आरोप लगा था कि उन्होंने स्वास्थ्य महकमे में ठेकों के बदले 1 फीसद कमीशन की मांग की थी और जांच में उनके खिलाफ ठोस सबूत भी मिले थे। सिंगला को कैबिनेट से हटाने के बाद पंजाब सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच ने सिंगला को गिरफ्तार कर लिया था। तब मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी ने कहा था कि उनकी सरकार और पार्टी का भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस है।
हालांकि भगवंत मान सरकार को अपने ढाई महीने के कार्यकाल में ही तमाम चुनौतियों से जूझना पड़ा है। पंजाब सरकार पर रिमोट कंट्रोल से चलने के तमाम आरोप भी विपक्षी दलों ने लगाए हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि भगवंत मान सिर्फ नाम के मुख्यमंत्री हैं और इस सरकार को आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल दिल्ली से चला रहे हैं।
लेकिन इस सबके बीच भगवंत मान सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में अपने एक मंत्री को बर्खास्त कर और राज्य के एक पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी के बाद यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह भ्रष्टाचार के मामले में किसी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं है।