अमरिंदर सिंह की बढ़ सकती है मुसीबत, अंदर से ही बग़ावती सुर

03:51 pm May 18, 2020 | अमरीक - सत्य हिन्दी

नवजोत सिंह सिद्धू के बाद एक और कांग्रेसी विधायक पद्मश्री परगट सिंह ने अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह कांग्रेस के 'बाग़ी' नवजोत सिंह सिद्धू के नज़दीकी दोस्त हैं और सिद्धू ने ही उन्हें पार्टी में शामिल करवा कर टिकट दिलवाया था। फ़िलहाल वह जालंधर कैंट विधानसभा हलके से विधायक हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि परगट सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू की हिदायत से इतना कड़ा बाग़ी रूख अख्तियार किया है। वैसे, इन दिनों कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ एक नया कॉकस बन रहा है।

अपनी पार्टी की सरकार पर तीखा हमला करते हुए विधायक परगट सिंह ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह एक कमज़ोर मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि समझ से बाहर है कि पंजाब में सरकार कांग्रेस की है या मुख्य सचिव की। मंत्रियों और चीफ़ सेक्रेटरी के बीच हुए विवाद के बाद मुख्यमंत्री को तत्काल विधायकों की बैठक बुलानी चाहिए थी और साफ़ करना चाहिए था कि जी जिन मुद्दों को लेकर हमने सरकार बनाई थी वह क्यों पूरे नहीं हुए। विधायक परगट सिंह ने कहा कि हालात ये हैं कि अब आकारी कॉरपोरेशन अभी तक नहीं बन पाया जबकि कॉरपोरेशन बनने से हर साल 10 हज़ार करोड़ का रेवेन्यू आना था। जबकि अभी महज 14 हज़ार 500 करोड़ ही 3 साल में हासिल हुए हैं। ख़ास बात यह है कि ठीक चार दिन पहले इन्हीं आँकड़ों और इसी भाषा के साथ नवजोत सिंह सिद्धू ने सरकार को घेरा था।

विधायक परगट सिंह ने कहा कि ठेकेदार तैयार हैं, सब लोग तैयार हैं फिर सरकार को रोक कौन रहा है। साढ़े 3 साल में सरकार ने एक्साइज विभाग की कॉरपोरेशन तक नहीं बनाई। नवजोत सिंह सिद्धू ने इस पर माँग उठाई थी तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि अब वक़्त निकल चुका है, अगले साल देखा जाएगा। यह करते-करते साढ़े तीन साल गुज़र चुके हैं। हालात यह है कि जिस तरह दस साल अकाली-भाजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी, उसी तरह ही यह सरकार चल रही है। इन दोनों की कारगुजारी में ज़्यादा फर्क नहीं है। पद्म श्री परगट सिंह ने कहा कि डेढ़ साल बाद चुनाव हैं, इससे पहले हमें सीएलपी की बैठक बुलानी चाहिए। 

तय है कि पंजाब कांग्रेस की राजनीति में परगट सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बाग़ी सुरों की गूँज दूर तक जाएगी।

कुछ कांग्रेसी नेताओं से बात की गई तो सबने एक जैसे ही जवाब दिए कि उन्हें फ़िलहाल नहीं मालूम कि परगट सिंह ने क्या बोला है। अलबत्ता नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर एक कांग्रेसी विधायक ने साफ़ कहा कि परगट सिंह ने जो भी बोला है, वह सही और सच है। उन्होंने कई विधायकों के मन की आवाज़ को अभिव्यक्त किया है।

पिछले दिनों मुख्य सचिव करण अवतार सिंह और मंत्रियों के बीच हुए विवाद के बाद कुछ मंत्री और विधायक भीतर ही भीतर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ हैं लेकिन मुखर नहीं। राज्य कांग्रेस पहले से ही घड़ेबंदी का शिकार है लेकिन अब तक के कार्यकाल में कैप्टन अमरिंदर सिंह को कोई बड़ी चुनौती दरपेश नहीं आई। नवजोत सिंह सिद्धू को वह किनारे कर चुके हैं और अपने ख़िलाफ़ बोलने वाले पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा को भी उन्होंने हाशिए पर रखा हुआ है। बाजवा लगभग रोज़ मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ तीखी बयानबाज़ी करते हैं लेकिन कैप्टन बेपरवाह रहते हैं।

देखना होगा कि अब खुलकर 'बाग़ी' हुए विधायक परगट सिंह से वह कैसे निपटते हैं। वैसे, परगट सिंह के विरोधी तेवर कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए यक़ीनन बड़ी चुनौती हैं। साफ़ है कि पंजाब कांग्रेस में सब कुछ अच्छा नहीं है। परगट सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू को अन्य कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों का खुला समर्थन मिला तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बड़ी मुश्किल में आ जाएँगे।