पंजाब में खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखने का सिलसिला रुक नहीं पा रहा है। हाल ही में फरीदकोट में एक जज के घर के बाहर दीवार पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे गए थे। अब ताजा घटना जालंधर में हुई है। वहां भी सुप्रसिद्ध देवी तालाब मंदिर के बाहर दीवारों पर खालिस्तान जिन्दाबाद के नारे लिखे गए।
पुलिस ने बताया कि 14-15 जून की दरमियानी रात जालंधर में शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर के पास की दीवारों पर कुछ असामाजिक तत्वों ने 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लिख दिए। सुबह पुलिस को घटना की सूचना दी गई, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने कहा कि नारों को स्प्रे पेंट से रंगा गया है। जांच अधिकारी बदमाशों की पहचान के लिए पास के कैमरों से सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं। विशेष रूप से, जालंधर के लाडोवाली रोड पर एक शैक्षणिक संस्थान के पास इसी तरह के नारे देखे गए। उन नारों को भी पुलिस ने स्प्रे पेंट से ढक दिया था।
यह नारे जालंधर में ऐसे समय में नजर आए हैं, जब बुधवार को आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जालंधर से दिल्ली हवाई अड्डे के लिए वोल्वो बसों को हरी झंडी दिखाने के लिए शहर में हैं। शहर में वीआईपी के दौरे के बीच एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ के पास दीवारों पर इस तरह के नारे मिलने के बाद पुलिस हाई अलर्ट पर है।
प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने मंदिर के पास की दीवारों पर नारे लगाने की जिम्मेदारी ली है। एसएफजे के गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा जारी ऑडियो संदेश में, उसने कहा, 15 जून को, अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान के जालंधर की यात्रा से पहले, देवी तालाब मंदिर के पास हिंदू बहुल इलाके में 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लिखे गए थे।
उसने कहा, मैं पंजाब में रहने वाले हिंदुओं से एक सवाल पूछ रहा हूं। क्या आप खालिस्तान जनमत संग्रह के पक्ष में हैं या नहीं? क्योंकि पहले के समय में खालिस्तान जनमत संग्रह के नारे गोलियों के रूप में आते थे। एसएफजे ने गोलियों को नारों और वोटों में बदल दिया है। खालिस्तान जनमत संग्रह का समर्थन करें।
खालिस्तानी तत्वों द्वारा पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा करने के कई प्रयास किए गए हैं। इससे पहले फरीदकोट में सेशन जज के घर के बाहर इसी तरह के नारे लिखे गए थे। 13 जून को इसी तरह की रिपोर्ट फिरोजपुर से आई थी, जहां मंडल रेल प्रबंधक के कार्यालय के बाहर खालिस्तान जिंदाबाद, सिख फॉर जस्टिस जिंदाबाद और एसएफजे 26 जनवरी 2023 के नारे लिखे गए थे।