पंजाब के किसानों के आंदोलन में बुधवार को पंजाब के एक युवा किसान की मौत का मामला अब हाईकोर्ट चला गया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर 22 वर्षीय इस युवा किसान की मौत की न्यायिक जांच की मांग की गई है। इसको लेकर गुरुवार को एक वकील ने हाईकोर्ट में आवेदन दिया है।
कानून से जुड़ी खबरें देने वाली वेबसाइट लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वकील हरिंदर पाल सिंह ने इसको लेकर आवेदन दायर किया है।उन्होंने इसमें इस घटना की जांच सेवानिवृत जज से कराने की मांग की है।
इस घटना में आरोप है कि पंजाब निवासी युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत पुलिस की गोली से हुई है। आरोप है कि हरियाणा पुलिस/पैरा मिलिट्री फोर्स किसानों के मार्च को रोकने के लिए भारी मात्रा में आंसू गैस के गोले दागे। उन्होंने धुएं का सहारा लेकर प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसमें शुभकर्ण सिंह की मौत हो गई।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दायर इस याचिका में केंद्र और राज्य को आंसू गैस के गोले, पेलेट गन और रबर, इस्तेमाल की गई असली गोलियों का पूरा डेटा रिकॉर्ड पर रखने के निर्देश जारी करने की भी मांग की गई है। ताकि कोर्ट के समक्ष यह पता चल सके कि पुलिस/अर्ध-सैन्य बलों द्वारा अपने ही देशवासियों पर इस्तेमाल किया गया बल उचित है या अंधाधुंध और अमानवीय है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट कहती है कि वकील हरिंदर पाल का कहना है कि "हरियाणा पुलिस/अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शनकारियों पर आतंक फैलाया है, वह भी पंजाब के अधिकार वाले क्षेत्र में घुस कर। अधिकार क्षेत्र के मुद्दों के बड़े पैमाने पर उल्लंघन पर पंजाब पुलिस और प्रशासन की चुप्पी भी आश्चर्यजनक है। आज तक कोई आधिकारिक जानकारी रिकॉर्ड पर नहीं आई है कि क्या डीजीपी पंजाब या मुख्य सचिव पंजाब ने हरियाणा के अपने समकक्षों के साथ इस संबंध में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है या नहीं?
शुभकरण को सिर में गंभीर चोट लगी थी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब के 22 वर्ष के किसान शुभकरण सिंह की मौत सिर में गंभीर चोट लगने के कारण हो गई थी। इसके साथ ही बुधवार को पुलिस के साथ झड़प में खनौरी और शंबू बॉर्डर पर दर्जनों किसानों को चोटें आई थी।दूसरी तरफ इस बात का खंडन करते हुए हरियाणा पुलिस ने बुधवार को एक्स पर एक कर लिखा था कि अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार आज किसान आंदोलन में किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है। यह मात्र एक अफवाह है। दाता सिंह-खनोरी बॉर्डर पर दो पुलिसकर्मियों तथा एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की सूचना है जो उपचाराधीन है।
किसान शुभकरण सिंह की मौत के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बुधवार की रात एक्स पर पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने लिखा था कि खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की फायरिंग में मौत की खबर हृदयविदारक है, मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
राहुल गांधी ने कहा है कि, पिछली बार 700 से अधिक किसानों का बलिदान लेकर ही माना था मोदी का अहंकार, अब वो फिर से उनकी जान का दुश्मन बन गया है। मित्र मीडिया के पीछे छिपी भाजपा से एक दिन इतिहास ‘किसानों की हत्या’ का हिसाब ज़रूर मांगेगा।
दूसरी तरफ ट्रेड यूनियनों ने भी प्रदर्शनकारी युवा किसान की मौत और दर्जनों किसानों के घायल होने की कड़ी निंदा करते हुए 23 फरवरी को पूरे भारत में काला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।
12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं
जींद के एसपी सुमित कुमार ने कहा है कि , किसान आंदोलन के दौरान कुछ लोगों ने धान की पराली में आग लगाकर मिर्ची डाल दी थी। इसके बाद पुलिस पर हमला कर दिया था। धुआं ज्यादा होने की वजह से काफी किसानों ने तलवार, भालों और गंडासों से पुलिस पर हमला कर दिया। उनके हमले में 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।वहीं द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के 22 वर्षीय किसान की बुधवार को खनौरी सीमा पर सिर में चोट लगने से मौत हो गई थी। यह घटना तब हुई जब हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। किसानों के अनुसार, रबर की गोलियां भी चलाई गई हैं। ये किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए बुधवार को दिल्ली मार्च निकाल रहे थे। हरियाणा पुलिस ने इस मार्च को रोकने के लिए बॉर्डरों पर बैरिकेड लगा दिए थे।
पंजाब के अधिकारियों ने कहा कि खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बुधवार को कुल 26 लोग घायल हुए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मेंं कहा गया है कि पंजाब के बल्लो गांव के युवक शुभकरण सिंह को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल लाया गया था जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं डीआइजी (पटियाला रेंज) हरचरण सिंह भुल्लर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि, इस मौत का सटीक विवरण डॉक्टरों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन हमारे पास जो जानकारी है वह यह है कि उन्हें (शुभकरण को) रबर की गोली लगी थी।