पंजाब के राज्यपाल ने कहा, वह राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच चल रहा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि, अगर उन्होंने उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया तो वह पंजाब में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच चल रहा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। अब राज्यपाल ने आप सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है। राज्यपाल ने पंजाब सरकार पर पत्रों का जवाब नहीं देने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि राज्यपाल द्वारा मांगी गई जानकारी न देना साफ तौर पर संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है।राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि, अगर उन्होंने उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया तो वह पंजाब में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का राज्यपाल को जानकारी देना अनिवार्य है। उन्होंने कहा है कि ऐसा न करने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है जिसके मुखिया सीएम भगवंत मान है। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच लगातार पिछले कुछ समय से तनाव की खबरें आ रही हैं।
पत्र लिखकर राज्यपाल ने नशे पर जताई थी चिंता
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर पंजाब में नशे पर चिंता जताई थी। राज्यपाल ने कहा है कि सरकार के नियंत्रित शराब दुकानों में भी नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। सरकार द्वारा नशे को लेकर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भेजे। राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है कि संसद की स्थाई समिति की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में हर पांच में से एक व्यक्ति नशे की लय का शिकार है। राज्यपाल ने कहा कि ये तथ्य पंजाब में कानून - व्यवस्था के चरमराने का इशारा करते हैं। पत्र में लिखा है कि पंजाब में अब राज्य में ग्रामीण भी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ग्रामीण ग्राम रक्षा समिति बनाकर खुद को नशे से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राज्य सरकार की ओर से ड्रग मामले पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को जानकारी देना जरूरी है। एक अगस्त 2023 को जानकारी मांगे जाने पर भी जब जानकारी नहीं दी गई तब नया पत्र लिखने को बाध्य हैं। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री ये जानकारियां जानबूझकर नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 167 कहता है कि राज्यपाल अगर राज्य के प्रशासनिक मामलों के बारे में कोई जानकारी मांगते हैं तो मुख्यमंत्री को वह जानकारी राज्यपाल को उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य है। 20 जून को की थी अपमानजनक टिप्पणी
राज्यपाल ने कहा है कि उनके द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराना तो दूर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पर गैर जरूरी टिप्पणियां कर गैर शालीन रवैया का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि इसे न केवल उनके व्यक्तितगत बल्कि राजभवन के प्रति अत्यधिक दुश्मनी के रूप में वर्णित किया जा सकता है। राज्यपाल ने साफ किया है कि सीएम भगवंत मान ने उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों का घोर उल्लंघन कर 20 जून 2023 को अपमानजनक टिप्पणी की थी। इन कारणों से बिगड़ा सीएम और राज्यपाल में रिश्ता
बीते 19-20 जून को बुलाए गए पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में चार विधेयकों को पास करवा कर राज्य सरकार ने राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा था। राज्यपाल ने चारों विधेयकों को विशेषज्ञों की राय पर गैरकानूनी ठहरा दिया था। इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी दे चुके हैं। पंजाब के राज्यपाल बीते कुछ दिनों से लगातार राज्य में नशे की दवाओं की बिक्री को लेकर राज्य सरकार को चेतावनी दे चुके हैं। राज्यपाल यहां तक कह चुके हैं कि राज्य के सीमावर्ती इलाकों में किराना दुकानों पर भी सरेआम ड्रग बिक रही है। सीएम भगवंत मान भी विभिन्न मौकों पर राज्यपाल के खिलाफ कई आरोप लगा चुके हैं।