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पंजाब: सातवें चरण में दोआबा में कौन पार्टियाँ मुक़ाबले में?

पंजाब: सातवें चरण में दोआबा में कौन पार्टियाँ मुक़ाबले में?

पंजाब में सभी सीटों पर लोकसभा चुनाव सातवें और आख़िरी चरण में  एक साथ होंगे। जानिए, तीन क्षेत्रों में बँटे पंजाब के दोआबा क्षेत्र में किन सीटों पर किस पार्टी की कैसी है स्थिति।

पंजाब में 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव अंतिम चरण में 1 जून को होगा। पंजाब की राजधानी केंद्र शासित इकाई चंडीगढ़ की एक सीट पर भी 1 जून को चुनाव होगा। पिछली कड़ी में आपने माझा सीट का विश्लेषण पढ़ा। अब इस दूसरी कड़ी में दोआबा के हालात जानिए। 

मध्य पंजाब को दोआबा कहा जाता है जो सतलुज दरिया के पश्चिमी किनारे से ब्यास के पूर्वी किनारे के बीच का क्षेत्र है। यहाँ लोकसभा की 2 सीटें आती हैं- जालंधर व होशियारपुर। ये दोनों ही आरक्षित सीटें हैं। इनको अक्सर एनआरआई सीट भी कहा जाता है। क्योंकि इस इलाके से बड़ी संख्या में लोग विदशों में बसे हुए हैं। 

दोआबा की जालंधर अनुसूचित जाति की आरक्षित सीट में पंजाब के कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आने से यह सीट काफी रोचक हो गयी है। लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 9 विधानसभा में कांग्रेस के वर्तमान में 5 विधायक हैं। आम आदमी पार्टी से पहले घोषित प्रत्याशी सुशील कुमार रिंकू ऐन समय पर आम आदमी पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने अब सुशील कुमार रिंकू को अपना प्रत्याशी बनाया है। आम आदमी पार्टी से पवन कुमार टीनू प्रत्याशी हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वो अवसर के अनुसार दल-बदल लेते हैं। लंबे समय तक बहुजन समाज पार्टी में रहे और 2012 में विधानसभा चुनाव से पहले अकाली दल में शामिल हो गए थे।  

लोकसभा टिकट के लिए अब अकाली दल से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। शिरोमणि अकाली दल ने मोहिन्दर सिंह, जो कांग्रेस के नेता थे और चुनाव से ऐन पहले अकाली दल में शामिल हुए, को टिकट दिया है। दलित नेता जगजीत सिंह चौधरी व उनके भाई संतोख सिंह चौधरी, जिनका भारत जोड़ो यात्रा में  हृदयघात से मृत्यु हो गई थी, का यह क्षेत्र कर्म भूमि रहा है लेकिन उन परिवार में से इस बार कोई चुनाव में नहीं है। मतदाता के सामने अब चुनौती कांग्रेस प्रत्याशी या बेहतर दलबदलू को चुन कर संसद में भेजने की है।

होशियारपुर सीट

होशियारपुर लोक सभा की सीट आरक्षित सीट है। दरबारा सिंह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह और पूर्व राष्ट्रपति कांशीराम, बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक यहां से सांसद रह चुके हैं। 1967 में एक बार जनसंघ ने भी यहाँ से जीत प्राप्त की थी। पिछली दो बार से यह सीट भाजपा के खाते में है। अबकी बार भाजपा ने यहाँ से अपना प्रत्याशी अनीता सोमप्रकाश को बनाया है, जो निवर्तमान सांसद सोमप्रकाश की धर्मपत्नी हैं। 9 विधानसभा सीटों में 5 आम आदमी पार्टी, 2 कांग्रेस, 1 भाजपा के पास है और एक सीट अभी खाली है।  आम आदमी पार्टी ने यहाँ से हाल ही पार्टी में कांग्रेस से आये डॉ. राजकुमार चब्बेवाल को प्रत्याशी बनाया है। 

2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. राजकुमार चब्बेवाल कांग्रेस के टिकट पर पुलवामा की लहर में भी भाजपा के सोमप्रकाश से लगभग अठावन हजार मतों से हारे थे। कांग्रेस ने यहाँ से इस बार यामिनी गोमर को उतारा है। यामिनी गोमर ने 2014  में आम आदमी के टिकट पर लोकसभा चुनाव यहीं से लड़ा था लेकिन तीसरे स्थान पर रहीं। यामिनी गोमर आम आदमी पार्टी से प्रारम्भ में जुड़ी रहीं लेकिन 2016 में आम आदमी पार्टी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गईं। शिरोमणि अकाली दल ने यहाँ सोहन सिंह ठंडल, जो अकाली दल की सरकार में पूर्व मंत्री रहे, को चुनाव मैदान में उतारा है। इस क्षेत्र में मुद्दे स्थानीय ही रहेंगे। होशियारपुर, दसुया, फगवाड़ा, मुकेरियां यहाँ के बड़े कस्बे हैं जहाँ काफी संख्या में हिन्दू आबादी है।

(मालवा क्षेत्र की रिपोर्टें अगली कड़ी में)

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