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कोरोना से बचने के लिए तीन लाख रुपए का सोने का मास्क!

कोरोना से बचने के लिए तीन लाख रुपए का सोने का मास्क!

पुणे के एक आदमी ने अपने लिए सोने का मास्क बनवाया है, जिस पर उसे लगभग 3 लाख रुपए खर्च करने पड़े हैं। ख़ुद उसी व्यक्ति को नहीं मालूम कि लाखों का यह मास्क कारगर है या नहीं। 

ऐसे समय जब कोरोना से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई जैसे प्रोटेक्टिव उपकरण और बुनियादी सुविधाँए नहीं मिलने की ख़बरें कई जगहों से आई हैं, सोने का मास्क सुर्खियों में है। पुणे के एक आदमी ने अपने लिए सोने का मास्क बनवाया है, जिस पर उसे लगभग 3 लाख रुपए खर्च करने पड़े हैं। उस पर हाल यह कि ख़ुद उसी व्यक्ति को नहीं मालूम कि लाखों का यह मास्क कारगर है या नहीं। 

पुणे ज़िले के पिम्पी-चिंचवाड़ के रहने वाले शंकर कुराडे ने 2.89 लाख रुपए खर्च कर सोना का मास्क बनवाया है। 

उन्होंने एनडीटीवी से कहा, 

'यह एक महीन मास्क है, जिसमें छोटे-छोटे छेद बने हुए हैं, इसलिए सांस लेने में कोई दिक्क़त नहीं है। लेकिन मुझे नहीं पता कि यह कितना प्रभावी होगा।'


शंकर कुराडे, पुणे निवासी

प्रभावी है यह मास्क

उन्होंने सोशल मीडिया पर चांदी का मास्क पहने एक आदमी को देखा तो उनके मन में सोने के मास्क का विचार आया। कुराडे गहनों के शौकीन हैं, उनके  हाथ और गले में सोने के गहने लदे हुए साफ़ दिखते हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कोल्हापुर के एक आदमी को चांदी का मास्क पहने देखा तो मेरे मन में सोने का मास्क पहनने का विचार आया। मैंने एक सुनार से बात की और उसने साढ़े पाँच पौंड का  यह मास्क एक हफ़्ते में बना कर मुझे दिया।' 

कुराडे यहीं नही रुके, वे इस तरह के और मास्क बनाने की बात कह रहे  हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे परिवार के सभी लोगों के पास सोना है, उन्होंने माँग की तो मैं उन लोगों को भी ऐसा मास्क बनवा कर दूँगा। मुझे नहीं पता कि सोने का मास्क पहनने से कोरोना का संक्रमण मुझे होगा या नहीं, पर सरकारी क़ानून मान कर इसे रोका जा सकता है।' 

कोरोना वायरस के खौफ के बीच आँध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के एक डॉक्टर ने आरोप लगाया था कि उन्हें एक मास्क देकर कहा गया है कि वह इसे 15 दिन तक इस्तेमाल करें। नरसिपटनम एरिया हॉस्पिटल के डॉक्टर सुधाकर राव ने कहा था कि कोरोना वायरस के फैलने के डर के बीच यह नाकाफ़ी है और मुख्यमंत्री को इस पर ध्यान देना चाहिए। उनका यह आरोप काफ़ी अहम इसलिए है कि ऐसी रिपोर्टें आती रही हैं कि कार्रवाई के डर से डॉक्टर और नर्स ऐसी शिकायतें नहीं कर रहे हैं। 

संशाधनों की कमी की शिकायत करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई नहीं करने के लिए एम्स और सफदरजंग के रेजिडेंट एसोसिएशन द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखे जाने के एक दिन ही विशाखापत्तनम के डॉक्टर की यह शिकायत आई है।

और ऐसे में 3 लाख रुपए के सोने के मास्क की बात हो रही है!

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