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दिल्ली में डॉक्टर को घेरकर 'जय श्री राम' बोलने को मजबूर किया

दिल्ली में डॉक्टर को घेरकर 'जय श्री राम' बोलने को मजबूर किया

अब पुणे के एक डॉक्टर को दिल्ली में जबरन 'जय श्री राम' बोलने को कथित तौर पर मजबूर किया गया। उन्होंने इसकी थाने में भी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई, लेकिन उन्होंने इसका ज़िक्र एक पत्रकार मित्र से किया तो यह मामला सामने आया। 

क्या ‘जय श्री राम’ के नाम पर लोगों को कहीं भी और कभी भी घेर कर पीट देना इतना आसान है? क्या आपको भी डर लगता है? क्या ‘जय श्री राम’ के नारे के नाम पर दहशत फैलाना आसान है? आख़िर एक के बाद एक घटनाएँ लगातार क्यों हो रही हैं? हाल ही में गुरुग्राम में कुछ लोगों ने एक मुसलिम युवक को पीटा और उसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने पर मजबूर किया। पर, अब निशाने पर हिन्दू भी आ रहे हैं। हाल की एक घटना में एक डॉक्टर को ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर किया गया। पुणे के प्रतिष्ठित स्त्री रोग विशेषज्ञ अरुण गदरे के साथ यह घटना दिल्ली के कनॉट प्लेस जैसी जगह पर घटी। गदरे कहते हैं कि जब पाँच-छह युवकों ने उन्हें घेर लिया तो एक बार तो वह डर गये। हालाँकि उन्हें नुक़सान नहीं पहुँचाया गया।

पुणे के डॉक्टर अरुण गदरे को दिल्ली में जबरन 'जय श्री राम' बोलने को कथित तौर पर मजबूर किया गया। उन्होंने इसकी थाने में भी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई, लेकिन उन्होंने इसका ज़िक्र एक पत्रकार मित्र से किया तो यह मामला सामने आया। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने प्रतिक्रियाएँ दीं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गदरे ने कहा कि मेरे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ था, मैं आतंकित था। उन्होंने कहा कि पाँच-छह युवकों के दबाव में मैंने 'जय श्री राम' बोल दिया, लेकिन उनमें से एक युवक ने कहा कि इतने धीरे क्यों बोल रहे हो, ज़ोर से बोलो। उन्होंने कहा कि क्योंकि युवकों ने उन्हें जाने दिया और कोई नुक़सान नहीं पहुँचाया तो उन्होंने इसकी थाने में रिपोर्ट दर्ज़ नहीं कराई। बता दें कि हाल के दिनों में जब तब ऐसी ख़बरें आती रही हैं जिसमें जबरन ‘जय श्री राम’ बुलवाए जाते हैं। इसमें अक्सर मुसलमानों को निशाना बनाया जाता रहा है।

कनॉट प्लेस क्षेत्र में हुई घटना

अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिंदू' के अनुसार, 26 मई की सुबह की इस घटना का ज़िक्र उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार अनंत बागाईतकर से किया। अख़बार ने बागाईतकर के हवाले से लिखा है, 'डॉक्टर गदरे कनॉट प्लेस क्षेत्र में जंतर-मंतर के पास वाईएमसीए में ठहरे हुए थे। वह अगले दिन बिजनौर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने वाले थे। जब वह मॉर्निंग वॉक पर निकले तो पाँच-छह युवकों के एक गैंग ने उन्हें हनुमान मंदिर के आसपास रोका। उनके धर्म के बारे में पूछा और जय श्री राम बोलने को कहा। वह डर गये।' बागाईतकर के अनुसार, 'गदरे ने जय श्री राम कहा, लेकिन युवकों ने ज़ोर से जय श्री राम बोलने को कहा और पूछा कि अंकल क्या आप हिंदू नहीं हैं? इस पर गदरे वहाँ से चले गये। युवकों ने कोई नुक़सान नहीं पहुँचाया।'

जब गदरे से इस पर प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि यह मामूली बात है और इसका कोई अर्थ नहीं निकाला जाए। बता दें कि डॉ. गदरे मरीजों के अधिकारों, यूनिवर्सव हेल्थकेयर और प्राइवेट मेडिकल सेक्टर पर सामाजिक विनियमन की बात ज़ोर-शोर से उठाते रहे हैं।

गुरुग्राम में युवक को पीटा था

दिल्ली से सटे गुरुग्राम में शनिवार रात एक ऐसी ही घटना घटी थी। पीड़ित युवक का आरोप है कि जब वह गुरुग्राम के सदर इलाक़े की एक मसजिद से नमाज पढ़कर लौट रहा था तभी कुछ युवकों ने उसे पहले जबरदस्ती रोका और बाद में उसे जय श्री राम के नारे लगाने को कहा। जब उसने नारा लगाने से मना किया तो आरोपियों ने उसकी पिटाई की। पीड़ित युवक मूल रूप से बिहार के बेगूसराय का रहने वाला है और गुरुग्राम में रहकर टेलर की शॉप पर काम करता है। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने पहले उसकी टोपी उतारी और बाद में उसके साथ ग़लत व्यवहार भी किया। बाद में पुलिस ने कहा कि युवक के साथ मारपीट तो की गई, लेकिन टोपी नहीं उछाली गई थी।

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