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लॉकडाउन के एक महीने बाद भी सिर्फ 10% ग़रीबों को ही मिली दाल

लॉकडाउन के एक महीने बाद भी सिर्फ 10% ग़रीबों को ही मिली दाल

नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना राहत पैकेज का एलान लगभग एक महीने पहले किया, पर अब तक वह आम जनता तक नहीं पहुँच सका है।

नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना राहत पैकेज का एलान लगभग एक महीने पहले किया, पर अब तक वह आम जनता तक नहीं पहुँच सका है। इस पैकेज के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले हर परिवार को एक किलोग्राम दाल दी जानी थी, लेकिन अब तक सिर्फ़ 10% लोगों को ही दाल मिली है।

क्या है मामला?

इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के अनुसार, प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना के तहत हर महीने 1.95 लाख मीट्रिक टन दाल बाँटी जानी थी। लेकिन अब तक कुल मिला कर 19,496 टन दाल ही बाँटी जा सकी है। जो कुल बाँटी जाने वाली दाल का तक़रीबन 10% है।

राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफ़ेड) को यह ज़िम्मेदारी दी गई थी कि वह स्टॉक पर ध्यान रखे। वित्त मंत्रालय ने ‘प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज : अब तक की  प्रगति’ नामक रिपोर्ट में कहा है कि 1,09,227 मीट्रिक टन दाल राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को रवाना की जा चुकी है। खाद्य मंत्रालय के आँकड़ों के हिसाब से 19.55 करोड़ परिवारों को मुफ़्त दाल दी जानी थी।

1,95,531 मीट्रिक टन दाल दी जानी थी, लेकिन अब तक 44,932 टन दाल ही राज्यों व केंद्र शासित क्षेत्रों तक पहुँची है। इनमें से 19,496 टन ही लोगों को मिली है।

इसकी वजह भी है। हालाँकि केंद्र सरकार ने विशेष कोरोना पैकेज का एलान 26 मार्च को ही कर दिया था, दाल मिलों ने उसी समय काम शुरू नहीं किया, काफी बाद में इस पर काम शुरू हुआ। 

खाद्य मंत्रालय के एक आला अफ़सर ने इंडियन एक्सप्रेस से ये भी कहा कि बफ़र स्टॉक की दाल तैयार नहीं रखी जाती है और ज़रूरत पड़ने पर ही तैयार की जाती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ, इसलिए देर हुई। 

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