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जिस प्यूर्टो रिको पर मस्क की पोस्ट से भारत में हंगामा, वहाँ ईवीएम पर पुनर्विचार?

जिस प्यूर्टो रिको पर मस्क की पोस्ट से भारत में हंगामा, वहाँ ईवीएम पर पुनर्विचार?

प्यूर्टो रिको के चुनाव में ईवीएम को लेकर गड़बड़ी से भारत का क्या लेनादेना? जानिए, वहाँ के अब एक और फ़ैसले से क्या हो सकता है दुनिया के दूसरे देशों में असर। 

प्यूर्टो रिको के चुनाव में ईवीएम में जो कथित गड़बड़ियाँ सामने आई हैं उससे उस देश में तो बवाल मचा ही है, भारत में भी राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। पहले टेस्ला और एक्स के प्रमुख इलोन मस्क के ट्वीट से भारत में हंगामा खड़ा हुआ और अब प्यूर्टो रिको सरकार के एक संभावित फ़ैसले से हंगामे के आसार हैं। दरअसल, प्यूर्टो रिको के चुनाव आयोग ने कहा है कि वह 'प्राइमरी' चुनाव में सैकड़ों विसंगतियों का पता चलने के बाद एक अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कंपनी के साथ अपने अनुबंध की समीक्षा कर रहा है। जिस अमेरिका में ईवीएम बनती है वहाँ इसका इस्तेमाल नहीं होता है और बैलट पेपर से चुनाव होता है।

यही दलील भारत में भी दी जाती रही है। यही वजह है कि भारत में तब हलचल मच गई जब इलोन मस्क ने प्यूर्टो रिको में अनियमितताओं की रिपोर्ट पर ईवीएम को ख़त्म करने की वकालत की और कहा कि इसके हैक किए जाने की संभावना है। भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जब दलील दी कि भारत की ईवीएम अलग है क्योंकि यह ब्लूटूथ, वाईफाई, नेटवर्क जैसे किसी भी उपकरण से जुड़ी नहीं है तो मस्क ने कह दिया कि 'हर चीज हैक हो सकती है'। अब भारत में हाल ही में संपन्न हुए चुनाव को लेकर ईवीएम एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में आ गयी है।

प्यूर्टो रिको में ईवीएम पर विवाद क्या?

प्यूर्टो रिको के चुनाव आयोग ने इसी हफ़्ते कहा है कि वह द्वीप के प्राइमरी चुनाव में सैकड़ों विसंगतियों का पता चलने के बाद अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कंपनी के साथ अपने अनुबंध की समीक्षा कर रहा है।

एपी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार वहाँ के चुनाव आयोग की अंतरिम अध्यक्ष जेसिका पैडिला रिवेरा ने कहा कि यह समस्या एक सॉफ्टवेयर गड़बड़ी से आई, जिसके कारण डोमिनियन वोटिंग सिस्टम द्वारा आपूर्ति की गई मशीनों ने वोटों की कुल संख्या की गलत गिनती की।

हालाँकि, कोई भी 2 जून के प्राइमरी के परिणामों को चुनौती नहीं दे रहा है, लेकिन कुछ मामलों में मशीन द्वारा रिपोर्ट की गई वोटों की संख्या कागज़ पर दर्ज की गई संख्या से कम थी। कुछ मशीनों ने कुछ उम्मीदवारों के लिए कुछ योगों को उलट दिया या किसी उम्मीदवार को शून्य वोट मिलने की जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार प्यूर्टो रिको के प्राइमरीज़ में 6,000 से अधिक डोमिनियन वोटिंग मशीनों का उपयोग किया गया था। कंपनी ने कहा कि मशीनों से परिणामों को दूसरी जगह ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली डिजिटल फ़ाइलों से सॉफ़्टवेयर संबंधी समस्याएं हुईं।

माना जा रहा है कि ईवीएम कंपनी के साथ चुनाव आयोग के अनुबंध पर फिर से विचार किया जाएगा। डोमिनियन और चुनाव आयोग के बीच अनुबंध 30 जून को समाप्त हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार प्यूर्टो रिको के प्रतिनिधि सभा के उपाध्यक्ष जोस वरेला ने कहा, 'हम मतदान प्रक्रिया में जनता के विश्वास को कम नहीं होने दे सकते, क्योंकि हम आम चुनावों के करीब पहुँच रहे हैं।'

बता दें कि द्वीप में नवंबर में आम चुनाव होना है और इसकी तैयारी की जा रही है, जहाँ मतदाता एक नया गवर्नर और स्थानीय प्रतिनिधि चुनेंगे। हालाँकि प्यूर्टो रिको के लोग अमेरिकी नागरिक हैं, लेकिन उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में मतदान करने की अनुमति नहीं है।

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