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शिवसेना विद्रोहियों को जनता चुनाव में हरा देगी, बीजेपी है मास्टरमाइंडः सामना

शिवसेना विद्रोहियों को जनता चुनाव में हरा देगी, बीजेपी है मास्टरमाइंडः सामना

शिवसेना के संकट पर उसके मुखपत्र सामना ने तीखा संपादकीय लिखा है। सामना में कहा गया है कि बीजेपी इस खेल की मास्टरमाइंड है। जनता शिवसेना विद्रोहियों को चुनाव जब होंगे तो भूतपूर्व कर देगी।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को लेकर बीजेपी और बागी विधायकों पर कड़ा हमला बोला है। सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत द्वारा लिखे गए इस संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र में जब भी विधानसभा चुनाव होंगे तो लोग बागियों को हरा देंगे। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को अपने विश्वासघात का हिसाब देना होगा। इस संकट से शिवसेना पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा, भले ही वह राज्य में सत्ता खो दे। बीजेपी को इस संकट का मास्टरमाइंड बताते हुए बगावत की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

संपादकीय में कहा गया है कि शिवसेना के टिकट पर चुने गए विधायकों को सत्ता, प्रतिष्ठा सब कुछ शिवसेना की वजह से मिला। लेकिन वे सब बीजेपी के जाल में फंस गए हैं। पहले, वे सूरत ले जाए गए और फिर एक विशेष विमान से असम ले जाए गए। इन विधायकों का इतना खर्च कौन उठा रहा है? शिवसेना के अंदर रहते तो इतने पैसे का विकास संभव ही नहीं था। बीजेपी को यह दावा नहीं करना चाहिए कि उसका इससे कोई संबंध नहीं है। महाराष्ट्र बीजेपी के नेता सूरत के उस होटल में मौजूद थे, जहां शिवसेना के बागी विधायक मौजूद थे। 

सामना में कहा गया है कि शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और उनके साथ के विधायकों को मुंबई लौटना होगा। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उन्हें महाराष्ट्र की जनता का सामना करना होगा और विधानसभा की सीढ़ियां चढ़नी होंगी। शिवसेना ने आपको उम्मीदवारी देकर और प्रयास करके जिताया है, अब आप शिवसेना को क्यों धोखा दे रहे हैं? उन्हें इस सवाल का जवाब जनता के सामने देना होगा। चाहे हमारे पास सत्ता हो या न हो, शिवसेना जैसा संगठन प्रभावित नहीं होगा। 

बीजेपी के दबाव और प्रलोभन के शिकार हुए विधायक जरूर प्रभावित होंगे। अगर शिवसैनिक तय कर लें तो ये सभी व्यक्ति हमेशा के लिए पूर्व (विधायक) बन सकते हैं। पूर्व के विद्रोहों का इतिहास इसका साक्षी है। समय रहते होश में आ जाओ।


-सामना में गुरुवार को संपादकीय का हिस्सा

महाराष्ट्र में एक बड़े राजनीतिक संकट को जन्म देते हुए शिवसेना के कुछ बागी विधायक सोमवार को सूरत के ले मेरिडियन होटल में चले गए। इसका नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे थे, जो उस समय शिवसेना विधायक दल के नेता भी थे। यह घटनाक्रम तब हुआ जह एमएलसी चुनावों में बीजेपी के लिए शिवसेना के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इस पर उद्धव और आदित्य ने शिंदे को कड़ी फटकार लगाई। शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटाते हुए विधायक अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बना दिया। 

यह एक संकेत था कि शिवसेना विद्रोहियों की किसी भी मांग को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। जबकि शिंदे ने शर्त रख दी कि अगर शिवसेना बीजेपी के साथ गठबंधन कर ले तो वे लोग वापस शिवसेना में लौट आएंगे। सूरत में होटल में रुकने के दौरान शिवसेना के विद्रोहियों से बीजेपी नेता मिलते रहे। फिर इन लोगों को गुजरात पुलिस की कड़ी सुरक्षा में गुवाहाटी पहुंचा दिया गया, इस दौरान दो विधायक वहां से बच कर महाराष्ट्र आ गए और उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ विधायकों का अपहरण किया गया है।

बहरहाल, गतिरोध बरकरार है। शिंदे करीब 40-45 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। गुरुवार को वो किसी भी समय उनकी सूची जारी कर सकते हैं। लेकिन अभी तक राज्यपाल के सामने शिंदे गुट ने या बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकारी आवास छोड़ दिया है और मातोश्री लौट गए हैं।

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