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इमरान खान के इसलामाबाद मार्च को लेकर सियासी माहौल गर्म

इमरान खान के इसलामाबाद मार्च को लेकर सियासी माहौल गर्म

क्या इमरान खान शहबाज शरीफ सरकार पर जल्दी चुनाव कराने के लिए दबाव बना पाएंगे?

पाकिस्तान के पूर्व वजीर-ए-आजम इमरान खान की कयादत वाली पीटीआई 25 मई को इसलामाबाद में बड़ा जलसा करने जा रही है। इसे लेकर पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और पुलिस अलर्ट है और पीटीआई के कार्यकर्ताओं को पकड़ कर घरों में ही बंद किया जा रहा है। लाहौर सहित कई इलाकों से पीटीआई के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई है। 

पीटीआई के नेताओं ने शहबाज शरीफ सरकार को फासीवादी सरकार बताया है।

बता दें कि इमरान खान की हुकूमत के गिरने के बाद से ही पीटीआई पूरे पाकिस्तान में बड़ी-बड़ी रैलियां कर रही है। इन रैलियों में इमरान खान अमेरिका के इशारे पर उनकी हुकूमत को गिराने की साजिश का आरोप लगाते हैं।

जल्द चुनाव की मांग 

पुलिस ने कहा है कि उसने पीटीआई के कार्यकर्ताओं को इसलामाबाद पहुंचने से रोकने के लिए तमाम जरूरी इंतजाम किए हैं। पीटीआई की मांग है कि देश के अंदर जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने चाहिए। 

पीटीआई की कोशिश इस रैली में लाखों कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाने की है जिससे सरकार पर जल्दी चुनाव के लिए दबाव बनाया जा सके। इस मार्च को आजादी मार्च का नाम दिया गया है।

 - Satya Hindi

पीटीआई की रैली के जवाब में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेताओं ने कहा है कि वे बहावलपुर में 28 मई को एक बड़ी रैली करेंगे।

हालात खराब

दूसरी ओर हुकूमत में शामिल राजनीतिक दलों के सामने भी मुश्किलें काफी ज्यादा हैं। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया लगातार गिर रहा है, महंगाई बढ़ रही है और मुल्क में पिछले 2 महीने के भीतर दहशतगर्दी की कई वारदात हुई हैं। शहबाज शरीफ हुकूमत को आर्थिक मोर्चे पर तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 

इसे लेकर इमरान खान ने कहा है कि मौजूदा हुकूमत के पास किसी तरह का कोई रोडमैप नहीं है और वह कोई फैसला नहीं ले सकती।

इमरान खान ने यह भी कहा है कि सेना को पूरी तरह निष्पक्ष रहना चाहिए।

पाकिस्तान का चुनाव आयोग हालांकि मुल्क में जल्दी चुनाव कराने को तैयार नहीं है लेकिन पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक जबरदस्त माहौल बना दिया है।

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