अनशन पर बैठे आंदोलनकारी किसान, मना रहे सद्भावना दिवस
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसान शनिवार को सद्भावना दिवस मना रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश कर रही है। इसके विरोध में ही वे आज एक दिन के अनशन पर बैठे हैं और इसे सद्भावना दिवस का नाम दिया गया है।
सिंघु बॉर्डर पर बवाल
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के ख़िलाफ़ स्थानीय लोग उग्र होने के मामले में 44 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। शुक्रवार को नरेला और बवाना के आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे थे और बॉर्डर को खाली कराने की मांग की थी।
हालात उस वक़्त तनावपूर्ण हो गए थे जब दोनों ओर से पत्थर चलने लगे थे। यानी किसान आंदोलनकारी और स्थानीय लोग आमने-सामने आ गए थे। पुलिस ने हालात को संभालते हुए स्थानीय लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया, इसके बाद वे पीछे हटे। पत्थरबाज़ी में कुछ लोग और पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। एसएचओ, अलीपुर पर हमला किया गया है। दोनों ओर से जमकर नारेबाज़ी भी हुई।
इस मामले में अलीपुर पुलिस स्टेशन में आपराधिक मुक़दमा दर्ज कराया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। पंजाब के नया शहर जिले के कज़ामपुर गांव के रहने वाले रंजीत सिंह को अलीपुर थाने के एसएचओ पर हमला करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है।
किसान आंदोलन पर देखिए वीडियो-
हरियाणा में इंटरनेट बंद
किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम वीडियो वायरल हो रहे हैं। आंदोलन से प्रभावित राज्य हरियाणा की सरकार इन्हें लेकर खासी सतर्क है। हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को 14 और जिलों में इंटरनेट को बंद कर दिया। अब तक कुल 17 जिलों में इंटरनेट को बंद किया जा चुका है। इन सभी जिलों में 30 जनवरी तक इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।
इन जिलों में रेवाड़ी, अंबाला, जींद, भिवानी, करनाल, कैथल, हिसार, पानीपत आदि जिले शामिल हैं।
26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद भी केंद्र सरकार ने दिल्ली के बॉर्डर्स पर पड़ने वाले इलाक़ों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया था।
पश्चिमी यूपी में तेज़ हुआ आंदोलन
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली-यूपी के ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों को हटाने की कोशिश के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने भावुक भाषण दिया था और किसान उनके पक्ष में लामबंद हो गए थे। शुक्रवार को मुज़फ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में हज़ारों लोग उमड़े। इसके अलावा
समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भी शामिल हुए और उन्होंने किसान आंदोलन में शामिल होने का एलान किया है। यह भी सहमति बनी है कि किसानों को ज़रूरत पड़ने पर दिल्ली कूच के लिए तैयार रहना चाहिए, हालांकि बीते दो दिनों में पश्चिमी यूपी से बड़ी संख्या में लोग ग़ाज़ीपुर बॉर्डर के लिए कूच कर चुके हैं।