घटना के सामने आने के तुरंत बाद पुलिस और सुरक्षा बल मौक़े पर पहुँचे और परीक्षण एजेंसी कार्यालय में जमा भीड़ को तितर-बितर करना शुरू कर दिया। इस बीच, भारतीय युवा कांग्रेस ने भी नीट यूजी परीक्षा में कथित धांधली को लेकर जंतर-मंतर के पास प्रदर्शन किया।
नीट में सीबीआई की गिरफ़्तारी
सीबीआई ने बिहार में नीट-यूजी पेपर लीक मामले में पहली गिरफ्तारी की है। पटना से मनीष कुमार और आशुतोष नाम के दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, मनीष कुमार ने अपनी कार में छात्रों को लाने-ले जाने की व्यवस्था की थी। उस पर एक खाली स्कूल का इस्तेमाल करने का संदेह है, जहाँ कम से कम दो दर्जन छात्रों को लीक पेपर दिए गए और उन्हें याद कराया गया। वहीं, आशुतोष ने छात्रों के लिए अपने घर पर रहने की व्यवस्था की। एजेंसी ने गुरुवार को दोनों लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया था और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इधर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवेश परीक्षा में 'पाठ्यक्रम से बाहर' प्रश्न का आरोप लगाने वाले एक नीट अभ्यर्थी की याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी का रुख पूछा है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि भौतिकी खंड में एक प्रश्न 'रेडियोधर्मिता' पर आधारित था, जबकि 'रेडियोधर्मिता विषय' इस वर्ष के नीट यूजी के पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं था। याचिकाकर्ता ने एक अन्य प्रश्न के संबंध में ग़लती का भी आरोप लगाया, जिसके लिए एनटीए ने 'गलत विकल्प' को सही उत्तर घोषित किया।
नीट का यह मामला तब सामने आया था जब पहली बार बड़ी संख्या में छात्र टॉप कर गए। इसके बाद पता चला कि इस बार कुछ सेंटर पर पेपर देरी से दिए जाने के लिए ग्रेस मार्क्स दिए गए। इसी बीच बिहार पुलिस ने पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई की और कुछ आरोपियों को गिरफ़्तार किया। इस मामले का तार गुजरात से भी जुड़ा है। सीबीआई की टीम सोमवार को गुजरात के गोधरा में पहुँची है। इसके तार दिल्ली तक पहुँचे हैं। कथित संलिप्तता के लिए महाराष्ट्र के दो स्कूली शिक्षकों के ख़िलाफ़ लातूर में मामला दर्ज किया गया है।
बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई ने शनिवार को केंद्र को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसकी जांच से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लीक हुआ है।
केंद्र ने ईओयू से रिपोर्ट मांगी थी। ईओयू ने 5 मई को परीक्षा के तुरंत बाद चार परीक्षार्थियों सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी के बाद जांच का जिम्मा संभाला था। रिपोर्ट में मोटे तौर पर तीन बिंदुओं का उल्लेख किया गया है - अब तक के साक्ष्यों के आधार पर पेपर लीक होने का स्पष्ट संकेत, एक अंतर-राज्यीय गिरोह की संभावित संलिप्तता और बिहार के कुख्यात 'सॉल्वर गिरोह' की संदिग्ध भूमिका।
हालाँकि बढ़ते दबाव के बीच केंद्र सरकार ने नीट मामले में सीबीआई जाँच का आदेश दिया। सीबीआई ने एफ़आईआर दर्ज कर ली है और इस मामले में गिरफ़्तारी भी की है।
विपक्ष संसद में उठाएगा मुद्दा
नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर देशभर में छात्रों के विरोध के बीच विपक्ष ने कहा है कि वह शुक्रवार को संसद में इस मुद्दे को उठाएगा। विपक्ष का उद्देश्य सरकार को घेरना है। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि सरकार इस मामले पर किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है। अगर यह मामला उठता है तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इसका जवाब दे सकते हैं। सोमवार को संसद में शपथ लेने के दौरान नीट विवाद को लेकर विपक्ष ने प्रधान की हूटिंग की थी।
एनटीए ने 5 मई को 4750 केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। परिणाम पहले 14 जून को घोषित होने थे, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के समय से पहले पूरा होने के कारण 4 जून को घोषित किए गए। दिलचस्प बात यह है कि 67 छात्रों ने 720 का पूरा स्कोर हासिल किया। यह एनटीए के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना है। इनमें से छह शीर्ष स्कोरर हरियाणा के फरीदाबाद के एक ही केंद्र से थे। इससे अनियमितताओं का संदेह पैदा हुआ।