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संसद के अंदर-बाहर किन मुद्दों पर किया प्रदर्शन, जानिए कौन हैं 4 आरोपी

संसद के अंदर-बाहर किन मुद्दों पर किया प्रदर्शन, जानिए कौन हैं 4 आरोपी

मणिपुर के मुद्दे पर चार लोगों ने बुधवार को संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन किया। दो लोग अंदर घुस गए और उन्होंने पीली गैस छोड़ी। दो लोगों ने संसद के बाहर वही पीली गैस छोड़कर प्रदर्शन किया। इनका एक ही नारा था- तानाशाही नहीं चलेगी। जानिए अब तक का पूरा ब्यौरा। यह खबर बाद में भी अपडेट की जा सकती है।

संसद के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान बुधवार को दो लोग संसद के अंदर घुस गए और उन्होंने प्रदर्शन किया। दो लोगों ने ठीक उसी समय संसद के बाहर ट्रांसपोर्ट भवन के सामने प्रदर्शन किया। वे लोग नारे लगा रहे थे- तानाशाही नहीं चलेगी, मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार बंद करो। संसद के बाहर प्रदर्शन करने वालों की पहचान नीलम पुत्री कौर सिंह निवासी रेड स्क्वेयर मार्केट, हिसार, उम्र 42 और दूसरा शख्स अमोल शिंदे पुत्र धनराज शिंदे निवासी लातूर, महाराष्ट्र, उम्र 25 वर्ष है। एनडीटीवी और अन्य मीडिया सूत्रों ने पुलिस के हवाले से यह जानकारी दी है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक संसद के अंदर प्रदर्शन करने वाले जिन दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, उनमें से एक की पहचान सागर शर्मा पुत्र शंकरलाल शर्मा के रूप में हुई है। दूसरे शख्स की पहचान डी. मनोरंजन पुत्र डी. देवराज के रूप में की है। नीचे संसद के बाहर की घटना का वीडियो देखिए-

नीलम को जब महिला पुलिसकर्मी ले जा रही थी तो वो मणिपुर की महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ नारे लगा रही थीं। साथ ही यह भी कहती सुनी गईं-  मेरा नाम नीलम है, मैं बेरोजगार हूँ, ये सरकार तानाशाह है, हम लोग़ों की आवाज़ नहीं सुनी जाती है,  सड़क पर लाठियों से पीटा जाता है इसलिए हम लोगों ने ये रास्ता चुना।...

चारों की प्रोफाइल से पता चल रहा है कि चारों बेरोजगार थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हिसार की नीलम सिविल सर्विस की तैयारी कर रही थी। डी. मनोरंजन मैसूर से कम्प्यूटर साइंस में ग्रैजुएट है। अन्य दो सागर शर्मा और अमोल के बारे में अभी सूचना नहीं मिल पाई है। यह साफ हो गया है कि चारों किसी संगठन से नहीं जुड़े थे।

संसद के बाहर घटनास्थल पर पत्रकारों और स्वतंत्र लोगों ने जो वीडियो बनाए हैं और जिनमें प्रदर्शनकारियों के नारे और बातचीत सुनी जा सकती है, उनसे कुछ बातें पता चल रही हैं। नीलम नामक महिला पत्रकार को बता रही है कि वो लोग बेरोजगार हैं। सरकार प्रदर्शनकारियों पर लाठी मारती है। इसलिए तानाशाही बंद करो। नीलम मणिपुर की महिलाओं पर हो रहे अत्याचार का नारा भी लगाती है। अमोल नामक प्रदर्शनकारी को वंदे मातरम बोलते भी सुना जा सकता है।  

संसद के सुरक्षा उल्लंघन को लेकर पहले से ही गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं, जो पुराने संसद भवन पर आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर हुआ है। दरअसल, इससे कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मारे गए नौ लोगों को श्रद्धांजलि दी थी।

अभी तक की जानकारी 

  • लोकसभा की लाइव कार्यवाही में एक व्यक्ति बेंचों पर छलांग लगाता नजर आ रहा है, जबकि दूसरा व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लटक रहा है और धुआं फेंक रहा है।
  • सोशल मीडिया पर मौजूद दृश्यों के अनुसार, वे दोनों गैस कनस्तर ले जा रहे थे और संसद पीले धुएं से भर गई। दोनों लोग लोकसभा सदस्यों पर भारी पड़े।
  • दोनों व्यक्तियों को पकड़ने वाले नेताओं में से एक, कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला कहते हैं, "उनके हाथ में कुछ था जिससे पीले रंग का धुआं निकल रहा था। मैंने इसे छीन लिया और बाहर फेंक दिया।"
  • अमरोहा के सांसद कुँवर दानिश अली के अनुसार, दोनों को भाजपा नेता प्रताप सिम्हा के कार्यालय द्वारा पास जारी किए गए थे। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एनडीटीवी से कहा कि उन्हें शुरू में लगा कि दर्शक दीर्घा से कोई नीचे गिर गया है। उन्होंने गहन जांच की मांग करते हुए कहा, "दूसरे व्यक्ति के कूदने के बाद ही मुझे एहसास हुआ कि यह एक सुरक्षा उल्लंघन था... गैस जहरीली हो सकती थी।"
  • यह घटना संसद के शून्यकाल के दौरान हुई। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव, जो लोकसभा उस समय में थीं, ने कहा, "जो भी लोग यहां आते हैं - चाहे वे आगंतुक हों या पत्रकार - वे टैग नहीं रखते हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से सुरक्षा चूक है। लोकसभा के अंदर कुछ भी हो सकता था।"
  • मामले की जांच दिल्ली पुलिस की आतंकवाद रोधी इकाई स्पेशल सेल को सौंप दी गई है, जो संसद के अंदर अभी भी मौजूद हैं और उन प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि दो अन्य लोगों - एक पुरुष और एक महिला - को पीले रंग का धुआं छोड़ने वाले डिब्बे लेकर संसद भवन के बाहर विरोध करने के लिए हिरासत में लिया गया है। 

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