बीजेपी कार्यकर्ताओं में चले लात-घूँसे, रविशंकर प्रसाद का ज़ोरदार विरोध
मंगलवार को पटना एयरपोर्ट पर बीजेपी के दो बड़े नेताओं के समर्थकों के बीच जमकर लात-घूँसे चले। पटना पहुँचे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का बीजेपी के ही कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। चुनाव के मौक़े पर हुए इस वाक़ये से बीजेपी को इससे ख़ासी फ़जीहत का सामना करना पड़ सकता है।
#WATCH Group of BJP workers protest outside Patna airport, raise slogans "Ravi Shankar Prasad, go back, go back! RK Sinha (BJP Rajya Sabha MP) zindabad, zindabad!" #Bihar #LokSabhaElections pic.twitter.com/mFBHaGdiCD
— ANI (@ANI) March 26, 2019
वीडियो में दिख रहा है कि बीजेपी के राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा के समर्थक रविशंकर प्रसाद वापस जाओ के नारे लगा रहे हैं। बताया जाता है कि थोड़ी देर में मामला बहुत बढ़ गया और दोनों के समर्थकों के बीच काफ़ी देर तक झड़प होती रही।
पटना साहिब से बीजेपी के उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद का स्वागत करने के लिए उनके समर्थक पटना एयरपोर्ट पर पहुँचे थे लेकिन आरके सिन्हा के समर्थकों ने उन्हें काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए। थोड़ी ही देर बाद दोनों के समर्थकों के बीच झड़प शुरू हो गई और आरके सिन्हा और रविशंकर प्रसाद के समर्थकों के बीच जमकर लात-घूँसे चलने लगे।
पटना में यह चर्चा जोरों पर है कि पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट कटने के बाद सांसद आरके सिन्हा यहाँ से अपने बेटे ऋतुराज को टिकट दिलवाना चाहते थे। लेकिन रविशंकर प्रसाद को टिकट मिलने से आरके सिन्हा के समर्थक ख़ासे नाराज़ हैं।
बीजेपी की ओर से बिहार में अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। नवादा से टिकट न मिलने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नाराज़ हैं और मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़ उन्होंने बेगूसराय से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। भागलपुर से वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन का भी टिकट कट गया है। पिछली बार बीजेपी को बिहार में 22 सीटें मिली थीं लेकिन इस बार समझौते के मुताबिक़, उसने 17 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं। इससे भी कई जगह पर पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष देखा जा रहा है।
सीटों के बँटवारे के बाद एक बड़ी अजीब बात देखने को मिली है। देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने इस बार बिहार के आधे से अधिक इलाक़े से दावेदारी छोड़ दी है। इनमें कोसी, मगध और अंग का बड़ा हिस्सा शामिल है। बीजेपी ने ख़ुद को भोजपुर, पुराने तिरहुत जिले और चम्पारण तक सीमित कर लिया है। उसके बाद से ही यह सवाल पूछा जा रहा है कि आख़िर बीजेपी को ख़ुद को एक इलाक़े में क्यों सीमित करना पड़ा।
बिहार में हुए समझौते के मुताबिक़, बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं और रामविलास पासवान की एलजेपी को 6 सीटें मिली हैं। पिछली बार बीजेपी और जेडीयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं।