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पैगंबर पर टिप्पणी: कट्टरपंथी तालिबान ने दिया भारत को ‘लेक्चर’

पैगंबर पर टिप्पणी: कट्टरपंथी तालिबान ने दिया भारत को ‘लेक्चर’

अपनी हुकूमत में कट्टर नियमों को न मानने वालों पर जुल्म ढाने वाले तालिबान ने पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर भारत से क्या कहा है?

पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणी को लेकर अब अफगानिस्तान में हुकूमत चला रहे तालिबान ने अपना बयान जारी किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि वह भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह कट्टरपंथियों को इस्लाम का अपमान करने और मुसलमानों की भावनाओं को भड़काने की इजाजत नहीं दे।

हैरानी की बात यह है कि अपनी हुकूमत में कट्टर नियमों को लागू करने वाला तालिबान भारत को भाषण दे रहा है। बता दें कि अब तक कई इस्लामिक देश बीजेपी नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर अपना पुरजोर विरोध दर्ज करा चुके हैं।

इन देशों में ईरान, इराक़, क़ुवैत, क़तर, सऊदी अरब, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया और इंडोनेशिया शामिल हैं। इन देशों ने बीजेपी नेताओं के बयानों को पैगंबर मोहम्मद साहब का अपमान बताया है।

जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि अफगानिस्तान की हुकूमत भारत में सरकार चला रही पार्टी के नेता के द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ इस्तेमाल किए गए अपमानजनक शब्दों की कड़ी मजम्मत करती है।

भारत ने कुछ दिन पहले ही एक एक प्रतिनिधिमंडल को अफगानिस्तान भेजा था। अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत आने के बाद भारत की ओर से यह पहला आधिकारिक दौरा था। इसके बाद ही उम्मीद जगी है कि भारत और तालिबान के रिश्ते बेहतर हो सकते हैं। 

लेकिन पैगंबर पर की गई टिप्पणी को लेकर तालिबान की नाराजगी इसमें खलल डाल सकती है। भारत ने अफगानिस्तान को बीते कई सालों में लगातार मदद की है। कोरोना के काल में भी भारत लगातार उसे जरूरी चीजें पहुंचाता रहा है। 

कुख्यात है तालिबान

अफगानिस्तान में जब इससे पहले तालिबान की हुकूमत थी तब वहां महिलाओं, बच्चों पर जुल्म की खबरें लगातार आती रहती थीं। 

तालिबान ने बीते साल जब फिर से अफगानिस्तान में हुकूमत संभाली है तब से वहां महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़े हैं। तालिबान ने बीते दिनों एक बार फिर से महिलाओं को परदे में कैद करने का हुक्म दिया है। तालिबान महिलाओं को सिर से लेकर पैर तक पर्दे में रहने का हुक्म देता है इस वजह से वहां महिलाएं खौफ में हैं। तालिबान के राज में महिलाओं को घर के बाहर अकेले जाने और काम करने पर भी जबरदस्त सख्ती है लेकिन बावजूद इसके वह भारत को नसीहत दे रहा है। 

बीते कुछ महीनों में अफगानिस्तान में शियाओं की मस्जिद में धमाके भी हुए हैं।

तालिबान के कट्टरपंथी रवैये के चलते ही उसके दोबारा सत्ता में लौटने पर बड़ी संख्या में लोग अफगानिस्तान को छोड़कर भाग गए थे।

भारतीय सामानों का बहिष्कार 

उधर, कुवैत के सुपर मार्केट में भारतीय सामानों का बहिष्कार शुरू हो गया है। अल-अर्दिया को-ऑपरेटिव सोसाइटी स्टोर के कर्मचारियों ने "इस्लामोफोबिक" टिप्पणियों के विरोध में भारतीय चाय और अन्य उत्पादों को ट्रॉलियों में रखकर कूड़े में फेंक दिया।

कुवैत सिटी के ठीक बाहर सुपरमार्केट में, चावल के बोरे, मसालों और मिर्च की अलमारियों को प्लास्टिक की चादरों से ढक दिया गया है। वहां अरबी में लिखा हुआ है- हमने भारतीय उत्पादों को हटा दिया है।

हालांकि विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया और नवीन जिंदल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। 

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