पैगंबर पर टिप्पणीः कुवैत ने भी भारतीय दूत को तलब किया, कहा - भारत माफी मांगे
पैगंबर पर बीजेपी नेताओं की टिप्पणी का विरोध लगातार बढ़ रहा है। कतर के बाद अब कुवैत ने भी भारतीय दूत को तलब कर लिया है। कुवैत और कतर दोनों चाहते हैं कि भारत सरकार इस पर सावर्जनिक रूप से माफी मांगे। हालांकि कतर फिलहाल बीजेपी के उस बयान से संतुष्ट दिख रहा है जो नूपुर शर्मा को हटाने से पहले पार्टी ने जारी किया था और जिसमें भारतीय संविधान की भी दुहाई दी गई थी। लेकिन कतर के तमाम मंत्री इस बात को लेकर ट्वीट कर रहे हैं भारत सरकार को पैगंबर की शान में गुस्ताफी करने वालों की तरफ से माफी मांगना चाहिए क्योंकि वो लोग उनकी पार्टी के नेता हैं।
कतर ने रविवार को राजदूत दीपक मित्तल को तलब कर लिया। कतर ने नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की टिप्पणियों पर चिंता जताई।
हालांकि बीजेपी की कार्रवाई का स्वागत करते हुए कतर के विदेश कार्यालय ने मित्तल से कहा कि हम सार्वजनिक रूप से माफी की उम्मीद कर रहे हैं और भारत सरकार से इन टिप्पणियों की तत्काल निंदा की मांग कर रहे हैं। मालूम हो कि कतर के ग्रैंड मुफ्ती ने बहुत कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और सभी मुस्लिम देशों से इस पर एक होने को कहा था।
The Islamophobic discourse has reached dangerous levels in a country long known for its diversity & coexistence. Unless officially & systemically confronted, the systemic hate speech targeting #Islam in #India will be considered a deliberate insult against the 2 billion Muslims. https://t.co/YcYyAoZcE3
— لولوة الخاطر Lolwah Alkhater (@Lolwah_Alkhater) June 5, 2022
एक बयान में, कतर ने कहा कि राजदूत को बताया गया था कि इस तरह की इस्लामोफोबिक टिप्पणियों को अनुमति देना, मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है और इससे आगे मुस्लिमों के प्रति पूर्वाग्रह और हाशिए पर जा सकता है, जो हिंसा और नफरत का दौर ला सकता है। .
कतर में भारतीय दूतावास ने कहा कि राजदूत ने सूचित किया है कि ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को प्रदर्शित नहीं करता है। ये फ्रिंज तत्वों के विचार हैं।
बयान में कहा गया है, भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।