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दिल्ली में फिर लिखा खालिस्तान समर्थक नारा, पुलिस ने मिटाया

दिल्ली में फिर लिखा खालिस्तान समर्थक नारा, पुलिस ने मिटाया

दिल्ली में खालिस्तान समर्थक नारों का सिलसिला रुका नहीं है। कश्मीरी गेट फ्लाईओवर पर ऐसे ही नारे को पुलिस ने काफी मेहनत के बाद मिटाया। पिछले दिनों ऐसे नारे मेट्रो स्टेशनों के बाहर दिखे थे। जब से कनाडा में खालिस्तान समर्थक नेता और आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का मामला उछला है, खालिस्तान आंदोलन की बातें होने लगी हैं। विश्व मीडिया भी इस पर नजर रख रहा है। निज्जर की कनाडा में हत्या के बाद वहां की सरकार से भारत के रिश्ते बिगड़ गए हैं। कनाडा का आरोप है कि भारतीय एजेंटों ने निज्जर की हत्या की।

दिल्ली के कश्मीरी गेट फ्लाईओवर की दीवार पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे पाए जाने के बाद, दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को मामला दर्ज किया। फ्लाईओवर पर खालिस्तान समर्थक नारे 27 सितंबर की रात को लिखे हुए मिले थे। दिल्ली पुलिस ने काफी मेहनत कर इन नारों को हचा दिया है। हालांकि दिल्ली में पर्याप्त सुरक्षा रहती है लेकिन ऐसे नारे अक्सर लिखे हुए पाए जा रहे हैं। 

27 सितंबर को पहले एक वीडियो सामने आया, जिसमें नारे लिखे हुए दृश्य देखे गए। दिल्ली पुलिस ने कहा कि वीडियो में दिख रहे साइनेज बोर्ड के अनुसार, उत्तरी जिले के इलाके में व्यापक तलाशी शुरू की गई और सीलमपुर से कश्मीरी गेट की ओर आने वाले फ्लाईओवर पर नारे लिखे हुए पाए गए। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है।

दिल्ली पुलिस ने 27 अगस्त को बताया था कि उद्योग नगर, पश्चिम विहार, नांगलोई और शिवाजी पार्क मेट्रो स्टेशनों की दीवारों पर 'खालिस्तान जिंदाबाद' सहित कई भारत विरोधी नारे लिखे हुए पाए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा- कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े अज्ञात लोगों ने जी20 शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले राजधानी दिल्ली में मेट्रो स्टेशनों की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हैं। इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है। लेकिन पुलिस इस मामले में कोई सुराग नहीं पा सकी।

भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले खालिस्तानी संगठन एसएफजे ने कथित तौर पर इस घटना का एक वीडियो जारी किया था। जिसमें इसका प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू मेट्रो की दीवारों पर लिखे नारों के बारे में बात करता नजर आ रहा है। उसने क्लिप में कहा, “जी20 प्रगति मैदान की लड़ाई आज शुरू हो गई है… पीएम मोदी और भारत निशाने पर हैं।” संगठन ने कहा कि उसके सदस्य चार से पांच मेट्रो स्टेशनों पर गए और नारों के साथ जी20 देशों को एक संदेश भेजा।

इससे पहले एसएफजे ने दिल्ली पुलिस के सामने 26 जनवरी आयोजन से पहले ही 19 जनवरी को ऐसे नारे लिखकर चुनौती दे दी थी। दिल्ली के पश्चिम विहार में एक दीवार पर 'खालिस्तान जिंदाबाद' और 'रेफरेंडम 2020' के नारों के साथ ग्रैफिटी दिखाई दी थी।

बढ़ रहे हैं ऐसे मामले

खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखने की घटनाएं बढ़ रही हैं और कई बार इसके तहत हुई हरकतें कानून व्यवस्था को चुनौती देती नजर आती हैं। मई 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालिस्तानी झंडे लगाए जाने का मामला सामने आया था। इन झंडों की संख्या करीब 5-6 थी। हिमाचल प्रदेश ने भिंडरावाले और खालिस्तानी झंडे ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे एसएफजे आंदोलन कर रहा था। संगठन ने घोषणा की थी कि वह 29 मार्च 2022 को खालिस्तानी झंडा फहराएगा लेकिन भारी सुरक्षा के कारण वह ऐसा नहीं कर सका था। फिर उसने तिलमिला कर मई में खालिस्तानी झंडे लगा दिए।

इसके बाद जून 2022 में पंजाब के फरीदकोट जिले में एक सेशन जज के घर की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में खालिस्तान जिंदाबाद का नारा लिखा गया है। 

6 जून 2022 को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। नारेबाजी करने वालों ने हाथों में अलगाववादी खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लिए थे और भिंडरावाले के समर्थन में नारे भी लगाए थे। इसके बाद उन्होंने खालिस्तान के समर्थन में एक मार्च भी निकाला था। पुलिस इस घटना के बाद कुछ नहीं कर पाई। फिर 13 जून को फिरोजपुर में मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) के कार्यालय के बाहर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे गए।

पंजाब की जालंधर पुलिस ने बताया कि 14-15 जून 2022 की दरमियानी रात को जालंधर में शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर के पास की दीवारों पर कुछ असामाजिक तत्वों ने 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लिख दिए। इस मामले में कोई आरोपी आजतक नहीं पकड़ा गया।

अभी अगस्त में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में एक हिंदू मंदिर में शनिवार आधी रात को तोड़फोड़ की गई और मंदिर के मुख्य दरवाजे पर खालिस्तान जनमत संग्रह के पोस्टर चिपका दिए गए। पोस्टर पर लिखा था, 'कनाडा 18 जून की हत्या में भारत की भूमिका की जांच कर रहा है।' दरवाजे पर लगे पोस्टर में हरदीप सिंह निज्जर की फोटो भी थी। इस साल कनाडा के हिन्दू मंदिरों में तोड़फोड़ की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय दूतावासों के सामने खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन कर चुके हैं।

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