प्रियंका गांधी आज ग्वालियर में; सिंधिया के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज ग्वालियर में एक रैली को संबोधित करेंगी। वह 40 दिनों में चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के अपने दूसरे दौरे पर होंगी। कांग्रेस ने कहा है कि वाड्रा रानी लक्ष्मीबाई के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करके दौरे की शुरुआत करेंगी। ग्वालियर-चंबल का यह वह इलाक़ा है जो सिंधिया का गढ़ रहा है। तो क्या प्रियंका अब सिंधिया के क़िले को भेदने की योजना के साथ जुट रही हैं?
कांग्रेस केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र ग्वालियर-चंबल बेल्ट में पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। सिंधिया के कांग्रेस से दलबदल के कारण 2019 में कांग्रेस सरकार गिर गई थी। इस क्षेत्र में कांग्रेस का नेतृत्व सिंधिया के पुराने प्रतिद्वंद्वी दिग्विजय सिंह के बेटे कर रहे हैं। हाल ही में सिंधिया के कई वफादार कांग्रेस में वापस आ गए हैं। इसी बीच अब प्रियंका की यहाँ रैली हो रही है।
समझा जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में कांग्रेस की महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराने के लिए और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रियंका की यह सभा अहम भूमिका निभाएगी।
2018 के चुनावों में कांग्रेस को चंबल क्षेत्र में अच्छी सीटें मिली थीं। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कई विधायकों द्वारा पाला बदलने के चलते कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा था।
प्रियंका गांधी ने जून महीने में जबलपुर में कांग्रेस के चुनावी अभियान की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा था कि अगर राज्य में सत्ता में आई तो कांग्रेस महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता, 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली और पुरानी पेंशन योजना की बहाली सहित पाँच योजनाएँ लागू करेगी।
हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भी प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार की धार देखने को मिली, ख़ासकर महिला मतदाताओं से कनेक्ट बनाने के लिए प्रियंका गांधी की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
कर्नाटक में एक दिन पहले ही कांग्रेस ने महिलाओं को प्रतिमाह 2000 रुपये देने की शुरुआत की। मध्य प्रदेश में इस योजना को महिलाओं तक पहुँचाने में प्रियंका गांधी की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
जब प्रियंका गांधी ने जबलपुर से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की उस समय आदिवासी वोटर्स की दृष्टि से इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण माना गया। जिस समय भाजपा भी आदिवासी व दलित वोटर्स को रिझाने में जुटी है, उसी समय प्रियंका गांधी की दलित-आदिवासी वोटर्स के बीच लोकप्रियता को कांग्रेस की दृष्टि से ख़ास माना जा रहा है। मध्य प्रदेश में दलितों-आदिवासियों के ऊपर अत्याचार की आ रही घटनाओं को लेकर प्रियंका गांधी सरकार पर हमलावर हैं।
प्रियंका गांधी की पहली सभा ने भाजपाई ख़ेमे में हलचल मचा दी थी। सभा के ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के लिए प्रतिमाह सहायता की एक स्कीम जबलपुर से लाँच की थी। बाद में शिवराज सिंह ने महिलाओं को मिलने वाली सहायता राशि को और बढ़ाने की घोषणा भी की थी।