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प्रियंका ने याद दिलाए विवादास्पद बयान, पूछा- उन पर किसी जज ने एक्शन नहीं लिया  

प्रियंका ने याद दिलाए विवादास्पद बयान, पूछा- उन पर किसी जज ने एक्शन नहीं लिया  

सदस्यता समाप्त होने के बाद राहुल गांधी अब किसी भी सदन का हिस्सा नहीं रहे। 2004 में पहली बार सांसद बनने वाले राहुल गांधी अब संसद का हिस्सा नहीं हैं।

राहुल की सदस्यता समाप्त किए जाने पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने लगातार कई ट्वीट किए और लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी जी आपके चमचों ने एक शहीद प्रधानमंत्री के बेटे को देशद्रोही, मीर जाफ़र कहा। 

आपके एक मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि राहुल गांधी का पिता कौन है? कश्मीरी पंडितों के रिवाज निभाते हुए एक बेटा पिता की मृत्यु के बाद पगड़ी पहनता है, अपने परिवार की परंपरा क़ायम रखता है…

इसके अलावा प्रियंका ने भगौड़े घोषित किए जा चुके नीरव मोदी, ललित मोदी मेहुल चौकसी का नाम लेते हुए लिखा कि नीरव मोदी घोटाला- 14,000 Cr, ललित मोदी घोटाला- 425 Cr, मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 Cr. जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं। क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?

चार साल पुराने मानहानि के केस में सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद, शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी है। सदस्यता समाप्त होने के बाद राहुल गांधी अब किसी भी सदन का हिस्सा नहीं रहे। 2004 में पहली बार सांसद बनने वाले राहुल गांधी अब संसद का हिस्सा नहीं हैं।

राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने का विपक्षी पार्टियों के सांसदों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। शुक्रवार को सांसदों ने राहुल गांधी के समर्थन में विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च निकालने की भी कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया और सभी को विजय चौक के पास से ही हिरासत में ले लिया गया। 

विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने "लोकतंत्र खतरे में" का बैनकर लेकर अपना मार्च शुरू किया था।  पुलिस ने उन्हें विजय चौक के पास ही हिरासत में ले लिया। पुलिस ने सांसदों को हिरासत में लेने के बाद एक बयान भी जारी किया। जिसमे कहा गया है कि सासंदों के पास राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने के लिए अनुमति नहीं थी।

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