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अनुच्छेद 370 को हटाना पूरी तरह असंवैधानिक: प्रियंका गाँधी

अनुच्छेद 370 को हटाना पूरी तरह असंवैधानिक: प्रियंका गाँधी

अनुच्छेद 370 को ख़त्म किये जाने को लेकर कांग्रेस में उठ रही अलग-अलग आवाज़ों के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने भी इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात कही है।

अनुच्छेद 370 को ख़त्म किये जाने को लेकर कांग्रेस में उठ रही अलग-अलग आवाज़ों के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने भी इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात कही है। प्रियंका ने कहा है कि जिस ढंग से केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म किया है, वह पूरी तरह असंवैधानिक है और लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है।

प्रियंका मंगलवार को सोनभद्र के उम्भा गाँव में आई हुई थीं, जहाँ 10 से ज़्यादा आदिवासियों का नरसंहार हुआ था। इस दौरान पत्रकारों के अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की इस बारे में स्पष्ट राय है कि जो किया गया है, उसमें संविधान को नकारा गया है।’ प्रियंका ने कहा कि ऐसा करते वक़्त नियमों का पालन किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान के लिए, लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी है और आगे भी हम संविधान को बचाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे। 

प्रियंका ने कहा, ‘हमारी पार्टी बीजेपी की तरह नहीं है, जहाँ आवाज़ों को दबा दिया जाता है। हमारी पार्टी में उठने वाली अलग-अलग आवाज़ों पर चर्चा होती है और विचार-विमर्श किया जाता है।’ प्रियंका ने कहा कि पार्टी के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पार्टी की राय से सहमत हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर राज्य को दो भागों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बाँट दिया है। साथ ही दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है।

जब सोनभद्र में हुए नरसंहार के बाद प्रियंका गाँधी ने सोनभद्र जाने की कोशिश की थी तो प्रदेश सरकार ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था। उसके बाद प्रदेश भर में ख़ासा बवाल हुआ था। लेकिन पीड़ित परिवार ख़ुद ही प्रियंका गाँधी से मिलने पहुँचे थे और उन्हें अपना दर्द सुनाया था। 

कांग्रेस के भीतर अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे को लेकर शुरू से ही अलग-अलग सुर सुनाई दिये थे। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने अनुच्छेद 370 को हटाने का पुरजोर विरोध किया था तो कांग्रेस के महासचिव रहे जनार्दन द्विवेदी ने कहा था कि एक भूल जो आज़ादी के समय हुई थी, उस भूल को देर से सही लेकिन सुधारा गया और यह स्वागत योग्य क़दम है। हालाँकि उन्होंने कहा था कि यह पूरी तरह उनकी निजी राय है। 

इसके बाद राज्यसभा में कांग्रेस के चीफ़ व्हिप भुवनेश्वर कलिता ने भी इस मुद्दे पर इस्तीफ़ा दे दिया था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे और पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मोदी सरकार के इस फ़ैसले का समर्थन किया था। इसके अलावा नेहरू-गाँधी परिवार के गढ़ रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने भी इस मुद्दे पर पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया था। 

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