मुंबई: प्राइवेट डॉक्टर्स को चेतावनी, कोरोना संक्रमितों का इलाज करें, वरना रद्द होगा लाइसेंस
मुंबई में निजी अस्पतालों में काम कर रहे लगभग 25 हज़ार डॉक्टर्स से कहा गया है कि वे कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे अस्पतालों में तत्काल प्रभाव से अपनी सेवाएं दें। डॉक्टर्स से कहा गया है कि जिस अस्पताल में वे पोस्टेड होंगे, वहां उन्हें कम से कम 15 दिन काम करना होगा, जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उनका प्रैक्टिसिंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इस बारे में नोटिफ़िकेशन जारी कर दिया गया है।
नोटिफ़िकेशन में मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (मुंबई) के निदेशक डॉ. टीपी लहाणे के हस्ताक्षर हैं। नोटिफ़िकेशन को महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के जरिये मुंबई के सभी प्राइवेट डॉक्टर्स को भेज दिया गया है।
लहाणे ने अंग्रेजी अख़बार ‘मुंबई मिरर’ को बताया कि यह फ़ैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत के बाद लिया गया है। इस नोटिफ़िकेशन में 55 साल से ज़्यादा उम्र के डॉक्टर्स को छूट दी गई है।
लहाणे ने अख़बार से कहा कि अगला एक महीना कोरोना संकट के लिहाज से मुंबई के लिए बेहद अहम है और हमें ज़्यादा से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों की ज़रूरत है। लहाणे ने कहा कि जो डॉक्टर्स महामारी के दौरान काम करने से इनकार करेंगे उन्हें स्थायी तौर पर निलंबित कर दिया जाएगा।
उन्होंने ‘मुंबई मिरर’ से कहा, ‘हम डॉक्टर्स को प्रोटेक्टिव गियर्स भी देंगे और उन्हें काम के पैसे भी दिए जाएंगे।’
कोरोना संकट के दौरान मुंबई सहित देश भर से ऐसी ख़बरें आई हैं कि प्राइवेट अस्पतालों और डॉक्टर्स ने कोरोना संक्रमितों के इलाज से हाथ पीछे खींच लिए हैं।